कुछ लोगों में गलतफहमी होती है कि केले के सेवन से इंसान मोटा हो जाता है. केले के सेवन के साथ वर्कआउट करना जरूरी होता है. यदि आप वर्कआउट कम और केले का सेवन तय मात्रा से ज्यादा करते हैं तो आपके शरीर पर चर्बी बढ़ सकती है

नई दिल्ली : केला खाने वालों का एनर्जी लेवल साधारण व्यक्ति से ज्यादा होता है. एनर्जी लेवल बढ़ाने के साथ ही केले में विटामिन, आयरन और फाइबर पाया जाता है. एनर्जी से भरपूर होने के कारण एथलीट प्रतिदिन केले का सेवन अवश्य करते हैं. वहीं कुछ लोगों में गलतफहमी होती है कि केले के सेवन से इंसान मोटा हो जाता है. केले के सेवन के साथ वर्कआउट करना जरूरी होता है. यदि आप वर्कआउट कम और केले का सेवन तय मात्रा से ज्यादा करते हैं तो आपके शरीर पर चर्बी बढ़ सकती है.

डिप्रेशन से राहत
कई रिसर्च से साफ हुआ है कि केले का सेवन डिप्रेशन के रोगियों को आराम देता है. केले में ऐसा प्रोटीन पाया जाता है जो आपको रिलेक्स फील कराता है. यही कारण है कि डिप्रेशन का मरीज जब भी केले का सेवन करता है तो उसे राहत मिलती है. इसके अलावा केले में पाया जाने वाला विटामिन बी 6 शरीर में ब्लड ग्लूकोज के लेवल को ठीक रखता है.

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आयरन
एनीमिया यानी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी. यदि आप भी एनीमिया के शिकार हैं तो आपको केला अवश्य खाना चाहिए. केले के सेवन से शरीर में आयरन की कमी धीरे-धीरे कम होती है और आपकी एनीमिया की समस्या में भी सुधार होता है.

कब्ज
केला पेट में होने वाली कब्ज की परेशानी से राहत देता है. आप इस्बगोल की भुस्सी या दूध के साथ केले का सेवन प्रतिदिन रात में सोते समय करें. ऐसा करने पर आपको पेट में होने वाली कब्ज और गैस की समस्या से राहत मिलेगी.

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ताकत बढ़ाए
केले का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ाकर शरीर की ताकत बढ़ाता है. प्रतिदिन केला और दूध का सेवन करने से व्यक्ति कुछ ही दिनों मेंांदुरुस्त हो जाता है और उसके शरीर हष्ट-पुष्ट हो जाता है.

सूखी खांसी में आरामदायक
यदि आपको या आपके बच्चे को सूखी खांसी या पुरानी खांसी की समस्या है तो केले का शर्बत बनाकर पीना आपको आराम दे सकता है. केले का शर्बत बनाने के लिए दो केले को मिक्सी में लेकर अच्छी तरह फेट लें. अब इसमें दूध और सफेद इलायची मिलाकर पिएं.

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पाचन क्रिया को बेहतर बनाए
केले में पाए जाने वाले फाइबर से पाचन क्रिया सही रहती है. पाचन क्रिया सही रहने का परिणाम यह होता है कि आप तमाम बीमारियों से दूर रहते हैं. यदि आप भी रोजाना केले का सेवन करते हैं तो आपकी पाचन क्रिया अच्छी रहेगी.

प्रदर रोग में फायदेमंद
केला और दूध की खीर को खाने से सुबह या शाम के समय प्रतिदिन खाएं या भोजन करने के बाद दो केला का सेवन नियमित करने से प्रदर रोग में आराम मिलता है. इसके अलावा आप प्रदर रोग में राहत के लिए केला खाने के बाद दूध में शहर घोलकर पीने से भी लाभ मिलता है.

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लूज मोशन में फायदा करें
यदि आपके घर में किसी को दस्त लग गए हैं तो पके केले को फेंटकर मक्खन की तरह बना लें. अब इसमें कुछ दानें मिश्री के मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें. ऐसा करने से लूज मोशन की समस्या में आराम मिलेगा.

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संतुलित आहार लें – संतुलित आहार लेने वाले व्यक्ति का मन भी हरा भरा रहता है। इसलिए अगर संभव हो तो ऑर्गेनिक फल व सब्जियों का सेवन करें। शहर में नहीं मिल रही है तो कम से कम फ्रेश चीजों को खाएं। पैकेज्ड फूड्स, मांसाहारी खाना, जंक फूड्स, शराब, सिगरेट, भांग-गांजा इत्यादि का सेवन न करें।

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इलाज की विधाएं – एंजियोग्राफी के परिणाम के आधार पर कमर के अंदर खून की नली में कितनी और कहां तक रुकावट है, इस का पता लग जाता है. इस जानकारी के बाद ही इलाज की सही दिशा निर्धारित होती है. ज्यादातर मरीजों में धमनी बाईपास नामक औपरेशन की जरूरत पड़ती है. इस के लिए विदेशों से आयातित कृत्रिम खून की नलियों का इस्तेमाल किया जाता है.

कुछ मरीजों में एंजियोप्लास्टी व स्टेंटिंग का इस्तेमाल किया जाता है, पर इस के लिए उपयुक्त मरीजों का सही चुनाव होना बहुत जरूरी है. कौन सा मरीज, किस इलाज के लिए उपयुक्त है, इस का चुनाव वैस्क्युलर सर्जन करते हैं. इलाज की सफलता में मरीज का नित्य टहलना व कुछ आवश्यक व्यायामों का बड़ा अहम रोल होता है.

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लिवर की सामान्य बीमारियां – जीवनशैली और खानपान की आदतों में होने वाले बदलावों के कारण आज जिस अंग पर सब से अधिक प्रभाव पड़ा है वह है लिवर. लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों में विषाणु, नुकसानदायक भोजन और अल्कोहल का इस्तेमाल भी हो सकता है. हेपेटाइटिस ए, बी और सी जैसे विषाणु लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

आज अल्कोहालिक पेय का अत्यधिक कोलैस्ट्रौल वाले जंक फूड के साथ उपभोग किया जाना एक नित्य जीवनशैली सी बन गया है, यह भी लिवर की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है. इस से बीएमआई यानी बौडी मास इंडैक्स का स्तर बढ़ जाता है जो टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से संबंधित है और जो लिवर की गंभीर बीमारी से भी संबंधित है. अत्यधिक बीएमआई के बढ़ते जोखिम की वजह से जीवन के  बाद के हिस्से में गंभीर लिवर बीमारी होने का खतरा कम उम्र से ही बना रहता है. लगातार अधिक वजन बने रहने और मोटापे ने भी दुनियाभर में लिवर की बीमारियों को बढ़ाने में भूमिका निभाई है.

लिवर को नुकसान पहुंचाने वाला एक अन्य कारक मोटापा है. मोटापा आज के समय में दुनियाभर की समस्या है और विकासशील देशों में भी वयस्कों एवं बच्चों दोनों में मोटापे की समस्या की वजह से यह एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गया है. उपलब्ध अध्ययनों से मोटापे से विभिन्न प्रकार के कैंसर पैदा होने की जानकारी मिली है. खासतौर पर मोटापे और लिवर कैंसर के बीच मजबूत संबंध है.

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इस के अलावा नौन अल्कोहालिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) और अधिक गंभीर नौन अल्कोहालिक स्टियोहैपेटाइटिस (एनएएसएच) जैसी अन्य बीमारियों का भी खतरा है. एनएएसएच को लिवर के चरबीदार होने और जलन होने से पहचाना जाता है और माना जाता है कि इस से फाइब्रोसिस और सिरौसिस भी हो सकता है. सिरौसिस को लिवर कैंसर के जोखिम के कारण के तौर पर जाना जा सकता है. दरअसल, अधिक लोगों के मोटापे से पीडि़त होने की वजह से यह हेपेटाइटिस विषाणु की वजह से होने वाले संक्रमण के मुकाबले हैप्टोसैल्यूलर कार्सिनोमा की अहम वजह हो सकता है.

चर्बी कम करने में सहायक – आजकल हर दूसरी महिला अपने बढ़े हुए वजन या मोटापे से परेशान है। लेकिन आपकी इस समस्या का हल भी सूरजमुखी के बीज के पास मौजूद है। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ आपका दिल सेहतमंद बना रहता है बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्‍स करते हैं। इतना ही नहीं इसके बीज बॉडी से अतिरिक्त वसा कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को भी बढ़ाते हैं।

मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।

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अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का इस्तेमाल करने की वजह से लिवर को गंभीर नुकसान हो सकता है. जब कोई व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का इस्तेमाल करता है तो लिवर के सामान्य कामकाज में बाधा पैदा होती है. जिस से शरीर में रासायनिक असंतुलन हो सकता है. लिवर की कोशिकाएं बरबाद हो सकती हैं.

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कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं सूरजमुखी के बीज – सूरजमुखी के बीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ आपकी भूख को भी कम करने में सहायक हैं। जिसकी वजह से शरीर को संतृप्‍त करने में मदद मिलती है और आप भरा हुआ महसूस करते हैं।

वर्कआउट के लिए अच्छा है – सूरजमुखी के बीजों में थियामिन (विटामिन बी 1) मौजूद होने की वजह से यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ ब्‍लड सर्कुलेशन अच्छा करने और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। वर्कआउट के बाद मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीजों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

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अच्छी नींद लें – सही समय पर उठने के लिए अच्छी नींद लेने की आवश्यकता है। इसलिए देर रात तक मूवी न देखें, बात न करें, लेट नाइट पार्टी या डिनर न करें। अगर आप नौकरी पेशा वाले हैं तो भी रात में 10 बजे तक सो जाने की कोशिश करें।

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डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयां – डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयों को लेने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य या जानकर से सलाह लें। उनके सुझाव के बगैर कोई भी दवाई या उपचार करने से बचें। यहां पर कुछ दवाईयों के बारे में बता रहा हूं कि जो कि डिप्रेशन के प्रारंभिक अवस्था में ली जा सकती हैं।

जीवन में संतुलन बनाएं – आप अपने जीवन को संतुलित करने की सोचें। अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस करके आप डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं या खुद को डिप्रेशन से बचा सकते हैं। यह मामला लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसलिए अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें। 

डायबिटीज में लाभकारी – हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को  एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएं।

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बेहतर परिणामों के लिए खाली पेट करेले का जूस पियें।पित्त की पथरी में परहेज पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स, उच्च वसा वाला मांस जैसे बीफ और पोर्क, डेयरी उत्पाद जैसे क्रीम, आइसक्रीम, पनीर, फुल-क्रीम दूध से बचना चाहिए। इसके अलावा चॉकलेट, तेल जैसे नारियल तेल से बचा जाना चाहिए। मसालेदार भोजन, गोभी, फूलगोली, शलजम, सोडा और शराब जैसी चीजों से एसिडिटी और गैस का खतरा होता है, इसलिए ये चीजें भी ना खाएं

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