जब जोरों की भूख लगी हो और कुछ भी बनाने की हिम्मत ना हो तो आमतौर पर भारतीय परिवारों में खिचड़ी बना ली जाती है। कम से कम समय में बन जानेवाला पोष्टिक भोजन है खिचड़ी। इसलिए यह आमतौर पर देश के हर हिस्से में बनता है। आइए जानते हैं खिचड़ी खाने के फायदों के बारे में
मौसम कोई भी हो खिचड़ी खाना हमेशा ही अच्छा रहता है। लेकिन सर्दियों में गर्मागर्म खिचड़ी दही, मूली के चंदे और मक्खन के साथ खाने का जो स्वाद है, वो तो जन्नत-सा अहसास देता है…इसे तो सिर्फ खिचड़ी लवर्स ही समझ सकते हैं। खिचड़ी जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही सेहत के लिए फायदेमंद भी होती है। जिन लोगों को अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उन्हें अलग-अलग दाल और फलियों के साथ मिलकार खिचड़ी बनानी चाहिए और दिन में कम से कम एक बार जरूर खानी चाहिए।
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अगर किसी को लूज मोशन की समस्या हो रही है तो ऐसे में छिलकेवाली मूंग दाल की खिचड़ी खानी चाहिए। यह खिचड़ी सूखी नहीं बल्कि कुछ अधिक लिक्विड वाली बनानी चाहिए। इससे लूज मोशन और पेट दर्द में तुरंत राहत मिलती है। साथ ही यह शरीर में वीकनेस नहीं आने देती है।
कब्ज की शिकायत होने पर भी खिचड़ी खाने से लाभ होता है। क्योंकि खिचड़ी हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त करने का काम करती है। इस समय में धूप के वक्त खिचड़ी के साथ दही खानी चाहिए।
– जो लोग सिटिंग जॉब में होते हैं और कई-कई घंटों तक एक ही जगह बैठकर काम करते रहते हैं, उनके लिए खिचड़ी बहुत अधिक लाभकारी हो सकती है। वे डिनर में खिचड़ी खा सकते हैं। हर दिन अलग दाल और बीन्स के साथ खिचड़ी खाई जा सकती है। रात में खिचड़ी के साथ दही बिल्कुल ना खाएं।
-कफ, फीवर, वीकनेस होने पर खिचड़ी खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है और बॉडी जल्दी हील कर पाती है। खिचड़ी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करती है।
डायबिटीज के मरीजों और डायट कंट्रोल में जुड़े लोगों को हर दिन एक टाइम खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। इससे शुगर कंट्रोल रखने और वजन को कम करने में मदद मिलती है।