हमारे देश के ज्यादातर हिस्सों में भोजन के साथ पापड़ खाए जाने की परंपरा है। लेकिन सबसे अधिक पापड़ खाने का चलन राजस्थान में है। हालांकि देश में सबसे अधिक पसंद किए जानेवाले पापड़ गुजरात राज्य के हैं। देशभर में शादी-ब्याह और त्योहारों पर पकवान के साथ पापड़ बनाए जाते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि क्यों खाए जाते हैं हमारे पूरे देश में अलग-अलग तरह के पापड़ और पापड़ खाने से क्या लाभ होता है…
जी हां, पापड़ को भोजन करने के अंत में खाया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पापड़ सुपाच्य होता है और जब हम बहुत अधिक गरिष्ठ भोजन (हाई कैलरी फूड या बहुत तला-भुना और मसालेदार भोजन) करते हैं तो पापड़, उस भोजन को पचाने में हमारे पाचनतंत्र की सहायता करता है।
आमतौर पर पापड़ मूंगदाल और उड़द की दाल के बनाए जाते रहे हैं। इन दाल को रातभर पानी में भिगोकर और महीन पीसकर पापड़ तैयार करने की पुरानी परंपरा है।
-साथ ही इन पापड़ को बनाते समय इनमें अजवाइन, काली मिर्च का पाउडर और हल्का नमक मिलाया जाता है। ये तीनों चीजें पापड़ का स्वाद बढ़ाने क साथ ही इसके गुणों में भी वृद्धि करती हैं।
आज के समय में पापड़ केवल सेहत के लिए नहीं बनाए जाते। बल्कि स्वाद पर भी पूरा ध्यान दिया जाने लगा है। इसलिए सिर्फ लाल मिर्च के पापड़, जीरा पापड़, अजवाइन पापड़, लौंग पापड़ आदि भी मार्केट में उपलब्ध हैं।
-हालांकि लाल मिर्च के पापड़ को अलग कर दिया जाए तो ज्यादातर पापड़ सेहत को सुधारने का काम करते हैं और भोजन को पचाने में सहायता करते हैं। इसके साथ ही पापड़ पेट में गैस बनने की समस्या से बचाता है।
-जब किसी को जी मिचलाने की समस्या हो रही हो तो पापड़ का सेवन उसके पेट और मूड को ठीक करने में सहायक हो सकता है।
-आम के अचार के साथ पापड़ खाना ज्यादातर हॉस्टलर्स को पसंद होता है। कुछ नया ट्राई करना हो तो एक बार आप भी पापड़ का स्वाद अचार के साथ लेकर देखिए…
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