कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करने का विधान है। वैसे तो साल भर तुलसी की पूजा की जाती है, लकिन कहा जाता है कि कार्तिक मास में तुलसी के सामने दीपक जालने से मंनवांछित फल मिलता है। कार्तिक के महीने में तुलसी की नियमपूर्वक पूजा करने व दीपक जलाने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में भगवान श्री हरि को तुलसी चढ़ाने का फल गोदान के फल से कई गुना अधिक हो जाता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में एकादशी के दिन यानी देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। इसलिए देव के उठने पर तुलसी विवाह को पवित्र मुहूर्त माना जाता है|  इस साल तुलसी विवाह  गुरुवार 26 नवंबर को किया जाएगा।

ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी जी होती हैं  ऐसे घर में यमदूत प्रवेश नहीं करते। तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से हुआ था, इसलिए कहा जाता है कि जो तुलसी जी की भक्ति करता है, उसको भगवान की कृपा मिलती है। एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने तुलसी जी को वरदान दिया था कि  मुझे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जाएगा और जो व्यक्ति बिना तुलसी जी मेरी पूजा करेगा, उसका भोग मैं स्वीकार नहीं करुंगा।

इस प्रकार करें पूजा – शास्त्रों के अनुसार तुलसी के चारों ओर स्तंभ बनाकर उसे तोरण से सजाना चाहिए तथा स्तंभों पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। रंगोली से अष्टदल कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय का पैर बनाकर सर्वांग पूजा करना चाहिए। तुलसी का आवाहन करके धूप, दीप, रोली, सिंदूर, चंदन, नैवेद्य व वस्त्र अर्पित करना चाहिए। तुलसी के चारों और दीप दान करके उनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।

महिलाओं में सफ़ेद पानी (प्रमेह) की समस्या को दूर करने की आयुर्वेदिक डॉ नुस्खे नारी यौवन पाक किट मूल्य आर्डर करने के लिए क्लिक करें https://chatwith.io/s/5f6209864ec52

http://www.ayurvedastreet.com/

चर्बी कम करने में सहायक – आजकल हर दूसरी महिला अपने बढ़े हुए वजन या मोटापे से परेशान है। लेकिन आपकी इस समस्या का हल भी सूरजमुखी के बीज के पास मौजूद है। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ आपका दिल सेहतमंद बना रहता है बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्‍स करते हैं। इतना ही नहीं इसके बीज बॉडी से अतिरिक्त वसा कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को भी बढ़ाते हैं।

मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।

वजन घटने की आयुर्वेदिक उपचार औषधि किट घर बैठे आर्डर करने के लिए क्लिक करें मूल्य 997rs
https://chatwith.io/s/5f06e1d6b5136

कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं सूरजमुखी के बीज – सूरजमुखी के बीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ आपकी भूख को भी कम करने में सहायक हैं। जिसकी वजह से शरीर को संतृप्‍त करने में मदद मिलती है और आप भरा हुआ महसूस करते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद – सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से पाचन तंत्र का स्‍वास्‍थ्‍य अच्छा बना रहने में मदद मिलती है। सूरजमुखी के बीजों में मौजूद एंजाइम पाचन रस के स्राव को नियंत्रित करते हैं और शरीर से अनावश्यक विषाक्त पदार्थों को खत्म करते हैं। इससे कब्ज की समस्या भी दूर रहती है।

अपनी बिमारियों का आयुर्वेदिक समाधान और औषधि घर बैठे पाने के लिए पर जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chatwith.io/s/5ef5b501990a6

वर्कआउट के लिए अच्छा है – सूरजमुखी के बीजों में थियामिन (विटामिन बी 1) मौजूद होने की वजह से यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ ब्‍लड सर्कुलेशन अच्छा करने और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। वर्कआउट के बाद मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीजों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

अस्थमा ( दमा), साँस की तकलीफ की आयुर्वेदिक उपचार दवाई घर बैठे प्राप्त करने के लिए Whatsapp करें या लिंक पर क्लिक करें

https://chatwith.io/s/5f6ee18483089

गुड़ घी का सेवन- गुड़ और घी का सेवन करने से साइनस से पीड़ित रोगियों को लाभ और शरीर को ठंड से बचाने में मदद मिलती है। गुड़ का सेवन शरीर को गर्म रखने के साथ खांसी और सर्दी से भी बचाव करता है। जबकि घी कब्ज को रोककर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता  है।

कुल्‍थी दाल- कुल्‍थी दाल न सिर्फ गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद करती है, बल्कि सर्दियों में त्वचा और खोपड़ी को हाइड्रेटेड और पोषित रखने में भी मदद करती है। 

मक्‍खन- मक्‍खन या घी से शरीर को आवश्यक वसा मिलती है। इसका सेवन करने से पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से कार्य करती है। विटामिन डी की कमी से जूझ रहे लोगों को अपने आहार में मक्खन या घी को शामिल करना चाहिए।

अच्छी नींद लें – सही समय पर उठने के लिए अच्छी नींद लेने की आवश्यकता है। इसलिए देर रात तक मूवी न देखें, बात न करें, लेट नाइट पार्टी या डिनर न करें। अगर आप नौकरी पेशा वाले हैं तो भी रात में 10 बजे तक सो जाने की कोशिश करें।

नींद नहीं आना, depression, घबराहट, बेचैनी, स्ट्रेस को दूर करने के लिए घर बैठे आयुर्वेदिक Dr Nuskhe Stress Relief kit मूल्य 698rs ऑर्डर करने के लिए click करें https://waapp.me/wa/ZoxQDeYH

संतुलित आहार लें – संतुलित आहार लेने वाले व्यक्ति का मन भी हरा भरा रहता है। इसलिए अगर संभव हो तो ऑर्गेनिक फल व सब्जियों का सेवन करें। शहर में नहीं मिल रही है तो कम से कम फ्रेश चीजों को खाएं। पैकेज्ड फूड्स, मांसाहारी खाना, जंक फूड्स, शराब, सिगरेट, भांग-गांजा इत्यादि का सेवन न करें।

नशा छुड़ाने की आयुर्वेदिक औषधि G1 drop प्राप्त करने के लिए क्लिक *करें

डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयां – डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयों को लेने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य या जानकर से सलाह लें। उनके सुझाव के बगैर कोई भी दवाई या उपचार करने से बचें। यहां पर कुछ दवाईयों के बारे में बता रहा हूं कि जो कि डिप्रेशन के प्रारंभिक अवस्था में ली जा सकती हैं।

जीवन में संतुलन बनाएं – आप अपने जीवन को संतुलित करने की सोचें। अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस करके आप डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं या खुद को डिप्रेशन से बचा सकते हैं। यह मामला लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसलिए अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें। 

डॉ नुस्खे गिलोय घर बैठे आर्डर करने के लिए क्लिक करें मूल्य 249rs 150gm – All इंडिया डिलीवरी whatsapp no 7455896433

https://chatwith.io/s/5f92840c5ab15

डायबिटीज में लाभकारी – हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को  एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएं।

बड़ी हुई शुगर को आयुर्वेद से नियमित करने के लिए घर बैठे आर्डर करें डॉ नुस्खे शुगर नाशक किट

https://chatwith.io/s/5f520a525c945

गेहूं के जवारे- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण समाए होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोगी को रोज सुबह-शाम पिलाने से डायबिटीज में लाभ होता है।

करेला – करेले में इन्सुलिन-पोलिपेपटाइड पाया जाता है, साथ ही ये एक ऐसा बायो-कैमिकल तत्व है जो ब्लड-शुगर को कम करने में कारगर है। इसीलिये प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। एक सप्ताह में कम से कम एक बार करेले की सब्जी खाएं।

बेहतर परिणामों के लिए खाली पेट करेले का जूस पियें।पित्त की पथरी में परहेज पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स, उच्च वसा वाला मांस जैसे बीफ और पोर्क, डेयरी उत्पाद जैसे क्रीम, आइसक्रीम, पनीर, फुल-क्रीम दूध से बचना चाहिए। इसके अलावा चॉकलेट, तेल जैसे नारियल तेल से बचा जाना चाहिए। मसालेदार भोजन, गोभी, फूलगोली, शलजम, सोडा और शराब जैसी चीजों से एसिडिटी और गैस का खतरा होता है, इसलिए ये चीजें भी ना खाएं

https://rebrand.ly/gallbladderstonemedicine

पित्त की थैली के उपचार की आयुर्वेदिक दवाई मंगवाने के लिए WhatsApp 7455896433 करें

// If comments are open or we have at least one comment, load up the comment template.