दस्त की वजह से कई बार बच्चों में खड़े होने की क्षमता भी नहीं रह जाती है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो बच्चे को अस्पताल ले जाना पड़ सकता है। इसके अलावा जब छोटे बच्चों के दांत आते हैं, तब भी उन्हें दस्त लग सकते हैं। कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर बच्चे को दस्त से आराम दिलाया जा सकता है।
नींबू के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर को तुरंत पोषक तत्व देकर खोए हुए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह जर्म्स को खत्म कर पाचन तंत्र में सुधार करता है। यह आंतों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
बनाने की विधि
आधा इंच धुला अदरक लें। इसे अच्छी तरह क्रश कर लें। मूसल की मदद से इस पीस लें। पीसने के बाद हाथ से जोर से दबाकर इसके अंदर से रस निकाल लें। इस रस में आधे नींबू का रस और चुटकी भर नमक मिलाएं। इन्हें गुनगुने पानी से अच्छी तरह मिला लें।
हमारे यहां दही चावल बहुत चाव से खाए जाते हैं। यह न सिर्फ भूख बढ़ाने में मददगार है बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है। यह अपने आप में एक पूरा मील है, इसे खाकर आप अपना पेट भी भर सकते हैं। जब भी बच्चे को दस्त लगे, दही-चावल उसे जरूर दें।
बनाने की विधि
पके चावल में पर्याप्त मात्रा में दही लें। इन्हें अच्छी तरह हाथ से मिला लें। तब तक मिलाती रहें जब तक कि नर्म न हो जाए। इसमें सरसों के दाने, मेथी दाने और धनिया के दाने के सहित नमक मिलाकर डालें। इसके स्वाद को बेहतर करने के लिए आप अनार के कुछ दाने भी डाल सकती हैं।
बैक्टीरिया और जर्म्स से लड़ना है तो छांछ जरूर पिएं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को तुरंत ठीक करता है। इसके अलावा यह पीने में इतना स्वादिष्ट होता है कि बच्चा इसे निःसंदेह काफी चटकारे लगाकर पिएगा।
आप बच्चे को छांछ में नमक और काली मिर्च का पाउडर डालकर दें। वह इसे इंज्वाॅय करेगा। छाछ आठ माह से ज्यादा उम्र के बच्चे को ही
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