वीर्य की कमी से ना हो परेशान , अपनायें ये घरेलू उपाय
बता दे की वीर्य बहोत से शुक्राणुओं के मेल से बना होता है। वीर्य शरीर की बहुत मूल्यवान धातु है। भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया बड़ी लम्बी है। जो भोजन पचता है, उसका पहले रस बनता है। पांच दिन तक उसका पाचन होकर रक्त बनता है, उसमें से 5-5 दिन के अंतर से मेद, मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा और मज्जा से अंत में वीर्य बनता है। इस प्रकार वीर्य बनने में करीब 30 दिन व 4 घण्टे लग जाते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि 32 किलो भोजन से 800 ग्राम रक्त बनता है और 800 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है।
बहुत सारे पुरुषों जिन्हें उत्थानशीलता में गड़बड़ी या नपुंसकता है, वे प्राकृतिक वीर्य की मात्रा के लिए गोलियों का उपयोग शुरू कर देते हैं। ये हर्बल गोलियां खाद्य व औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित नहीं है और पौरुष संवर्धन की श्रेणी में आते हैं। वीर्य की मात्रा से संबंधित गोलियों की संरचना यौन संबंध बनाने के दौरान स्खलन या सीमेन की मात्रा में वृद्धि के लिए की जाती है। इन हर्बल गोलियों को पहली बार वयस्कों के लिए मौज-मस्ती उद्योग में लाया गया और व्यस्क पोर्न स्टार रोन जेरेमी द्वारा प्रवक्ता के रूप इसका प्रचार किया गया।
आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे बताने जा रहे है जिस से आप अपनी चिंता को दूर कर सकते है। वीर्य संबन्धी रोगो से बचने के लिए आप निचे दी गयी तीन चीजों का प्रयोग कर सकते है।
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