चाहे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा हो, कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो या आपके द्वारा किए जा रहे कार्यों में आपको सफलता नहीं मिल रही हो, ऐसी स्थिति में हर बुधवार को भगवान श्री गणेश को प्रसन्न कर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

हिन्दू संस्कृति और पूजा में भगवान श्रीगणेश जी को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती अनिवार्य बताई गयी है। देवता भी अपने कार्यों की बिना किसी विघ्न से पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देवगणों ने स्वयं उनकी अग्रपूजा का विधान बनाया है।
श्री गणेश जी को बुध का कारक देव माना जाता है, इसीलिए बुधवार को भगवान गणेश का वार माना जाता है। ऐसे में बुधवार को गणेश की पूजा विशेष मनोरथ सफल करने वाली मानी जाती है। मान्यता के अनुसार गणेश जी की पूजा न केवल आपके कार्यों में आ रही अड़चनों को हटाती है, बल्कि आपकी हर मनोकामना को भी पूरी करती है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शास्त्रों में एक बार जिक्र आता है कि भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हुए, तब उन्होंने गंभीरतापूर्वक विचार किया कि आखिर उनके कार्य में विघ्न क्यों पड़ा? तब महादेव को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे। इसके बाद शिवजी ने गणेशजी का पूजन करके उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया और दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ।
माना जाता है कि जैसे भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए किसी विशेष सामग्री और विधि की जरूरत नहीं होती है, उसी प्रकार माता पार्वती और शिव पुत्र गणेश को खुश करना भी सरल है। गणेश जी अपने भक्तों की श्रद्धा और भक्ति देखते हैं। जो भक्त इनके प्रति जितनी श्रद्धा रखता है, गणेश जी उस पर उतने ही कृपालु बने रहते हैं। पंडित शर्मा के अनुसार शास्त्रों में भी गणेश जी को खुश करके उनसे झट मनोकामना पूरी करवाने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
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ये हैं उपाय:
दूर्वा: गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा करना। दूर्वा गणेश जी को इसलिए प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है।
गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया गया है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा दुर्वांकुर से करता है, वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर के समान होने का मतलब है व्यक्ति के पास धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है।
मोदक: गणेश जी को प्रसन्न करने का दूसरा सरल तरीका है मोदक का भोग। गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। मोदक का भोग लगाने वाले की मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रह्म से की गयी है। मोदक भी अमृत मिश्रित माना गया है।
घी: पंचामृत में एक अमृत घी होता है। घी को पुष्टिवर्धक और रोगनाशक कहा जाता है। भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का बड़ा महात्म्य बताया गया है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा घी से करता है उसकी बुद्धि प्रखर होती है। घी से गणेश की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी योग्यता और ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है।
सनातन व हिन्दू शास्त्रों में भगवान गणेश जी को, विघ्नहर्ता यानि सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं। हर बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी तरह की रुकावटें भी दूर होती हैं।

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गणेश भगवान की पूजा विधि:
प्रात: काल स्नान ध्यान आदि से शुद्ध होकर सर्वप्रथम ताम्र पत्र के श्री गणेश यन्त्र को साफ मिट्टी, नमक, निम्बू से अच्छे से साफ किया जाए। पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख कर के आसान पर विराजमान हो कर सामने श्री गणेश यन्त्र की स्थापना करें।
शुद्ध आसन में बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, इनकी आरती की जाती है।
अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर ‘ऊँ गं गणपतये नम:’ का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए।
बुधवार को यह उपाय करने होता है लाभ:
1. बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार को गणेश मंत्र का स्मरण करें-
 ‘त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।’
अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।
कम से कम 21 बार इस मंत्र का जप जरुर होना चाहिए।
2. ग्रह दोष और शत्रुओं से बचाव के लिए-
‘गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।’
इसमें भगवान गणेश जी के बारह नामों का स्मरण किया गया है। इन नामों का जप अगर मंदिर में बैठकर किया जाए तो यह उत्तम बताया जाता है। जब पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का जप करना शुभ होता है।
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3. परिवार और व्यक्ति के दु:ख दूर करते हैं यह सरल उपाय- 
>> बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है।
>> धन प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो जाता है।
>> परिवार में कलह कलेश हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं। इसे अपने घर के देवालय में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें।
>> घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती है।
बुधवार है श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन:
भगवान श्री गणेश को सभी दुखों का पालनहार माना जाता है। हिंदू धर्म में प्रमुख पांच देवी-देवता यानी कि सूर्य, विष्णु, शिव,शक्ति और गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। क्योंकि गणेश जी को भौतिक, दैहिक और अध्यात्मिक कामनाओं के सिद्धि के लिए सबसे पहले पूजा जाता है। इसलिए इन्हें गणाध्यक्ष और मंगलमूर्ति कहा जाता हैं।
भगवान गणेश स्वयं रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं। वे भक्तों की बाधा, संकट, रोग-दोष तथा दरिद्रता को दूर करते हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि श्री गणेश जी विशेष पूजा का दिन बुधवार है।
माना जाता है कि इस दिन भगवान की पूजा सच्चे मन से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में है तो इस दिन पूजा करने से वह भी शांत हो जाता है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार बुधवार को गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय करें जिससे आपकी हर समस्या का हो जाएगा निवारण –
बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेशजी के मंदिर उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। ऐसा करनें से आपको जल्द ही शुभ फल मिलेंगे। इसके अलावा अगर आप जिस काम को करने की कोशिश करते हैं या फिर हर काम में आपको असफलता मिलती है तो बुधवार के दिन गणेश के इस ‘ऊँ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप विधि-विधान से करें। आपकों सभी कष्टों से निजात मिल जाएगा।
साथ ही अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का भंडार है। आपने कई उपाए किए, लेकिन आपको कोई फायदा नही मिला। तो इस बार बुधवार के दिन अपने घर में श्री गणेश जी की सफेद रंग की मूर्ति स्थापित करें। ऐसा करने से आपके घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी। साथ ही आपके घर में कभी भी ऊपरी शक्तियों का असर नहीं होगा।
अगर आपको धन-संबंधी कोई समस्या है। आप अधिक मेहनत भी करते है, लेकिन आपको इतना धन नही मिलता कि आप संतुष्ट रह सकें तो बुधवार के दिन श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा करने के बाद गुड़ और घी का भोग लगाएं और थोडी देर बाद यब भोग गाय को खिला दें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।
यदि आपके घर में हमेशा कलह रहती है। जिसके कारण आपके परिवार में कभी सुख-शांति नही रहती है। इसके लिए बुधवार को दूर्वा से बनी हुई प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं और उसे अपने घर के पूजा-स्थल में स्थापित करें साथ ही इनका रोज विधि-विधान से पूजा करें।
गाय को खिलाएं हरी घास मिलेगा लाभ/ बुध के दोष को ऐसे करें दूर:
>> हिन्दू धर्म में गाय को अपनी माता के समान माना जाता है। उनकी सेवा करनें से आपको सुख-शांति की प्राप्ति होती है। पंडित शर्मा के अनुसार इसके लिए बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाएं। जिससे कि सभी देवी-देवताओं की कृपा आप पर बनी रहेगी।
>> गणेशजी को सिंदूर चढ़ाएं। हनुमानजी के साथ ही गणेशजी का श्रृंगार भी सिंदूर के किया जाता है। इसीलिए गणेशजी को सिंदूर चढ़ाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं।
>> वहीं यदि आपकी कुंडली में आपका बुध ग्रह खराब है तो इसके लिए बुधवार के दिन किसी गरीब या किसी मंदिर में जाकर हरी मूंग का दान करे इससे आपका बुध ग्रह का दोष शान्त हो जाएगा।
>> सुख-समृद्धि के लिए किसी पंडित या ज्योतिषी की सलाह पर अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली में पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।
बुधवार के दिन गणेश जी को सिंदूर चढ़ाए इससे आपकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण होगी। सिंदूर चढ़ाते समय विशेष मंत्र को भी पढ़ें, क्योंकि वैसे तो हर देवी-देवता पर सिंदूर चढ़ाया जाता है, लेकिन शिव परिवार या शिव के सभी अंश अवतारों पर सिंदूर चढ़ाने का एक अलग ही महत्व है। इसलिए हर बुधवार को इस मंत्र के साथ गणेशजी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए।
मंत्र-
‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।’
इसके साथ ही बुधवार को गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाने पर बुद्धि तेज होती है, साथ ही सभी क्लेशों का नाश और मानसिक शांति मिलती है। शमी के पत्ते चढाते समय इस मंत्र का जाप करें जिससे कि गणेश जी जल्द प्रसन्न होगा।
‘त्वत्प्रियाणि सुपुष्पाणि कोमलानि शुभानि वै।
शमी दलानि हेरम्ब गृहाण गणनायक।।’
 
गणेश जी को प्रसन्न करने के सरल उपाय:
श्री गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके श्री गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा श्री गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा नहीं रखें। दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नम:’
शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से श्री गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसे माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी। शमी श्री गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित श्री गणेश जी को अर्पित करें तो घर में धन एवं सुख की वृद्धि होती है।
भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो।सूखा चावल श्री गणेश जी को नहीं चढ़ाएं। चावल का गीला करें फिर, ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए तीन बार श्री गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
सिंदूर की लाली श्री गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। श्री गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम॥ ऊँ गं गणपतये नम:’
श्री गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय है। अत: श्री गणेश जी को मोदक का भोग जरूर लगाएं।
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