हर साल, एनजाइना से बहुत सारे लोग शिकार बन जाते हैं। इनमें भारत समेत विश्वभर के लोग शामिल हैं।
अक्सर, दिल के दौरे के ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनकी शुरूआत एनजाइना से होती है।
इंडिया टुडे की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 13 मिलियन लोगों की मौत दिल के दौरे से हो जाते हैं।
ये आंकड़े इस बीमारी की भयावह स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं, लेकिन फिर भी यह काफी दुख की बात है कि बहुत सारे लोगों को एनजाइना की जानकारी नहीं है और इसी कारण वे सही तरीके से इलाज नहीं करा पाते हैं।
ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जाए ताकि वे इसके प्रति जागरूक रह सकें।
यदि आप भी एनाजाइना की आवश्यक जानकारी से अनजान हैं, तो आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना चाहिए।
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एनजाइना क्या है? (What is angina? -in Hindi)
एनजाइना को मेडिकल भाषा में इस्केमिक चेस्ट पैन (Ischemic chest pain) कहा जाता है। इसके तात्पर्य ऐसे सीने के दर्द से है, जिसकी शुरूआत दिल तक खून के न पहुंचे से होती है।
इस दौरान व्यक्ति को दिल के दौरे पड़ने या फिर सीने में दबाव महसूस हो सकता है।
आमतौर पर, यह दर्द कुछ ही समय में ठीक हो सकता है लेकिन कई बार यह काफी सारी परेशानियों का कारण भी बन सकता है।
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एनजाइना कितने प्रकार का होता है? (Types of angina -in Hindi)
हो सकता है कि ज्यादातर लोगों को यह जानकारी न हो कि एनजाइना भी कई तरह के होती हैं और इसी कारण जब उन्हें यह दर्द होता है तो वे यह तय नहीं कर पाते हैं कि आखिरकार उन्हें कौन-सा एनजाइना हुआ है।
एनजाइन मुख्य रूप से 4 प्रकार के होती हैं, जो इस प्रकार हैं-
- स्टेबल एनजाइना- यह एनजाइना का सबसे साधारण प्रकार है, जो शारीरिक कार्य (फिजिकल एक्टिविटी) करने या तनाव लेने से होता है।
आमतौर पर, स्टेबल एनजाइना (stable angina) कुछ ही मिनटों तक रहता है और यह आराम करने पर अपने आप ही ठीक हो जाता है।
हालांकि, यह हार्ट अटैक नहीं है, लेकिन फिर भी हार्ट अटैक होने की संभावना को बताता है।
अत: यदि आपको ऐसा महसूस होता है, तो उसकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए। - अनस्टेबल एनजाइना– यदि किसी व्यक्ति के सीने में दर्द होता है, जो आराम करने के बावजूद भी ठीक नहीं होता है, तो उसे अनस्टेबल एनजाइना (unstable angina) कहा जाता है।अनस्टेबल एनजाइना में दर्द काफी समय तक रह सकता है और यह बार-बार भी हो सकता है।
यह दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है इसलिए इस स्थिति में लोगों को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। - माइक्रोवैस्कुलर एनजाइना- यह एनजाइना का अन्य प्रकार है, जिसमें कोरोनरी ब्लॉकेज होने की जगह सीने में दर्द होता है।
माइक्रोवैस्कुलर एनजाइना (micro vascular angina) तब होता है, जब किसी व्यक्ति के दिल की सबसे छोटी धमनी सही तरीके से काम नहीं करती है, जिसकी वजह से दिल तक आवश्यक मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है।
इसमें होने वाला दर्द 10 मिनट तक रह सकता है, और यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। - वेरिएंट एनजाइना- यह एनजाइना का ऐसा प्रकार है, जो काफी कम लोगों में देखने को मिलता है।
वेरिएंट एनजाइना (variant angina) की समस्या मुख्य रूप से रात में होती है, जब हम सो रहे या आराम कर रहे होते हैं। इस समय दिल की धमियां अचानक सिकुड़ने लगती हैं, जिसकी वजह से असहनीय दर्द होता है।नीम के तेल को अब घर बेठे मंगाये Dr Nuskhe का नीम ऑइल ऑर्डर करने के लिये लिंक पर क्लिक करेंhttps://www.ayurvedastreet.com/product/detail/Dr-Nuskhe-Neem-Oilनीम के तेल को अब घर बेठे मंगाये Dr Nuskhe का नीम ऑइल ऑर्डर करने के लिये लिंक पर क्लिक करेंhttps://www.ayurvedastreet.com/product/detail/Dr-Nuskhe-Neem-Oil
एनजाइना के लक्षण (Symptoms of angina -in Hindi)
किसी भी अन्य बीमारी की तरह एनजाइना के भी कुछ लक्षण होते हैं, जो इसकी शुरूआत के संकेत देते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण नज़र आए, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपना हेल्थचेकअप कराना चाहिए-
- खुजली होना– एनजाइना का सबसे आम लक्षण स्कीन पर खुजली होना है।
हो सकता है कि एक नज़र में यह सही लक्षण न लगे लेकिन हाल के समय में ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए हैं, जिनमें एनजाइना की शुरूआत खुजली से होती है। - घबराहट महसूस होना- यदि किसी व्यक्ति को काफी घबराहट महसूस होती है, तो उसे इस समस्या को नज़रअदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एनजाइना का लक्षण हो सकता है।
- सांस लेने में तकलीफ होना– अक्सर, ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होता है।
वे इसे नजरअदाज़ कर देते हैं, लेकिन कई बार यह एनजाइना जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन जाती है। - पेट दर्द या उल्टी जैसा महसूस होना- ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर बीमारियां पेट के खराब होने की वजह से होती हैं।
यह बात एनजाइना पर भी लागू होती है क्योंकि ऐसा देखने को मिलता है कि कुछ लोगों को एनजाइना की बीमारी पेट दर्द रहने की वजह से होती है। - पसीना आना- यदि किसी व्यक्ति को बहुत पसीना आता है तो उसे अपना हेल्थचेकअप करना चाहिए क्योंकि यह एनजाइना होने का संकेत हो सकता है।
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एनजाइना किन कारणों से होता है? (Causes of angina -in Hindi)
एनजाइना मुख्य रूप से इन 5 कारणों से हो सकता है-
- दिल की मांसपेशियों तक खून का न पहुंचना- एनजाइना की बीमारी मुख्य रूप से दिल की मांसपेशियों तक खून के न पहुंचने पर होती है।
यदि इस समस्या की पहचान समय रहते कर ली जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है, वरना यह काफी गंभीर रूप ले सकती है। - सी.ए.डी का होना- एनजाइना होने की संभावना उन लोगों में अधिक रहती है, जो सी.ए.डी या कोरोनरी आर्टरी डिजीज पीड़ित होते हैं।
ऐसे लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और हेल्थ संबंधी किसी भी समस्या को डॉक्टर से नहीं छुपाना चाहिए। - डायबिटीज का होना- अक्सर, एनजाइना की बीमारी डायबिटिक व्यक्ति को भी हो सकती है।
इसी कारण, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अपने शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। - अधिक वजन का होना- ऐसा माना जाता है कि अधिक वजन काफी सारी बीमारी का कारण बन सकता है।
यह बात एनजाइना के संदर्भ पर भी लागू होती है क्योंकि अधिक वजन वाले लोगों के एनजाइना के शिकार होने के मामले सामने आते रहते हैं। - स्मोकिंग करना– स्मोकिंग या नशीले पदार्थ का सेवन करने वाले लोगों में एनजाइना का खतरा काफी अधिक रहता है।
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एनजाइना का इलाज कैसे करें? (How angina is treated? -in Hindi)
हालांकि, एनजाइना हार्ट अटैक का कारण बनता है, जिसकी वजह से बहुत सारे लोगों की मौत हो जाती है।
लेकिन, इसके बावजूद राहत की बात यह है कि यदि समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है।
यदि कोई व्यक्ति एनजाइना से पीड़ित है, तो वह इलाज के निम्नलिखित तरीके को अपनाकर इससे छुटकारा पा सकता है-
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- ब्लड टेस्ट कराना- एजाइना का इलाज करने का सबसे आसान तरीका ब्लड टेस्ट करना है।
इस टेस्ट से मानवशरीर में एनजाइना की स्थिति का पता लगाकर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। - ई.सी.जी कराना- ब्लड टेस्ट करने के अलावा एनजाइना का इलाज ई.सी.जी के द्वारा भी संभव है।
ई.सी.जी में दिल की धड़कनों की गति का पता लगाया जा सकता है और यदि वे असामान्य तरीके से चल रही हैं, तो उन्हें सामान्य करने की कोशिश की जा सकती है। - स्ट्रेस टेस्ट कराना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि एनजाइना का एक कारण स्ट्रेस या तनाव भी है।
इसी कारण, एनजाइना का इलाज स्ट्रेस टेस्ट करकर भी किया जाता है। - दवाईयां लेना- टेस्ट कराने के अलावा एनजाइना का इलाज दवाईयों का सेवन करके भी किया सकता है।
ये दवाईयां शरीर में एनजाइना को बढ़ने से रोकने में सहायक साबित होती हैं। - कोरोनरी एंजियोग्राफी कराना- जब एनजाइना से पीड़ित व्यक्ति को इलाज के किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब डॉक्टर उसे कोरोनरी एंजियोग्राफी कराने की सलाह देते हैं।