सेक्स समस्याओं का बिना दवा भी इलाज हो सकता है। देश के जाने-माने सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी का कहना है कि तीन चीजें करने से सेक्स में कोई समस्या नहीं आएगी। पहले तो उन्होंने रोज 45 मिनट लगातार चलने की सलाह दी। इससे खून की नलियां खुली रहती हैं। शरीर के हर हिस्से को बेहतर ऑक्सिजन मिलती है।
वज्रासन में जितनी देर बैठ सकें, उतना अच्छा है। मानसिक शांति के लिए शवासन और भ्रामरी प्राणायाम भी रोजाना करें। सेक्स के लिए प्राणायाम भी बहुत फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि इंसान के शरीर में ज्यादातर बीमारियां वात की वजह से होती हैं। प्राणायाम से वात से होने वाली बीमारियों को कम किया जा सकता है।
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एक और बड़ी अच्छी क्रिया है। लंबी सांस अंदर लें। रोकें। साथ ही गुदा द्वार को ऊपर की तरफ सिकोड़ें। इसे योग में मूलबंध कहते हैं। अब आसानी से जितना वक्त हो सके, उतना वक्त सांस रोककर रखें। फिर आहिस्ता-आहिस्ता सांस छोड़ें और साथ ही साथ मूलबंध छोड़ दें। अगर आपने 20 की गिनती तक सांस रोकी हो, तो उसके बाद 20 की गिनती तक ही आराम करें।
डॉ. कोठारी ने खानपान को भी फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि रोजाना रात को एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और स्वाद मुताबिक मिश्री डालकर पिएं। यह बेहतरीन सेक्स टॉनिक है। जो चीजें पुरुष हॉर्मोन टेस्टॉस्टेरोन में बढ़ोतरी करती हैं, उन चीजों को अपने खाने में शामिल करें। उड़द दाल के लड्डू भी टेस्टॉस्टेरोन बढ़ाने में काफी फायदेमंद हैं। ये गाय के घी और मिश्री से बनते हैं।
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क्या गाय की नस्ल से भी घी की क्वॉलिटी पर फर्क पड़ता है? जैसे अमेरिकन जर्सी गाय, देसी गिर और साहिवाल गाय? डॉ. कोठारी ने बताया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, अगर घी शास्त्रों में बताए तरीके से बने तो बेहतर है। जैसे कि दूध से दही, दही से छाछ, छाछ से मक्खन और मक्खन से घी। क्रीम के जरिये निकाले गए घी से फायदा तो होता है, पर कम।
दमा व श्वास का घरेलू उपचार – एक पका केला छिला लेकर चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक छोटा चम्मच दो ग्राम कपड़छान की हुई काली मिर्च भर दें । फिर उसे बगैर छीलेही, केले के वृक्ष के पत्ते में अच्छी तरह लपेट कर डोरे से बांध कर 2-3 घंटे रख दें । बाद में केले के पत्ते सहित उसे आग में इस प्रकार भूने की उपर का पत्ता जले । ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें ।प्रतिदिन सुबह में केले में काली मिर्च का चूर्ण भरें। और शाम को पकावें । 15-20 दिन में खूब लाभ होगा ।
केला के पत्तों को सुखाकर किसी बड़े बर्तन में जला लेवें। फिर कपड़छान कर लें और इस केले के पत्ते की भरम को एक कांच की साफ शीशी या डिब्बे में रख लें । बस, दवा तैयार है ।
सेवन विधि – एक साल पुराना गुड़ 3 ग्राम चिकनी सुपारी का आधा से थोड़ा कम वनज को 2-3 चम्मच पानी में भिगों दें । उसमें 1-4 चौथाई दवा केले के पत्ते की राख डाल दें और पांच-दस मिनट बाद ले लें । दिनभर में सिर्फ एक बार ही दवा लेनी है, कभी भी ले लेवें ।
बच्चे का असाध्य दमा – अमलतास का गूदा 15 ग्राम दो कप पानी में डालकर उबालें चौथाई भाग बचने पर छान लें और सोते समय रोगी को गरम-गरम पिला दें । फेफड़ों में जमा हुआ बलगम शौच मार्ग से निकल जाता है । लगातार तीन दिन लेने से जमा हुआ कफ निकल कर फेफड़े साफ हो जाते है । महीने भर लेने से फेफड़े कर तपेदिक ठीक हो सकती है ।
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