तनाव या थकान के बाद यौन इच्छा में कमी आम बात है. लेकिन लंबे समय तक सेक्स ड्राइव में कमी रहना चिंताजनक बात हो सकती है. इस समस्या को हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर कहते हैं और ये ज्यादातर महिलाओं में पाया जाता है. सेक्स को लेकर अभी भी हमारे यहां खुल कर बातें नहीं की जाती हैं. इसलिए महिलाएं इस तरह की दिक्कतों को नजरअंदाज करती हैं और डॉक्टर के पास जाने से बचती हैं. आइए जानते हैं क्या है ये डिसऑर्डर और इसे कैसे दूर किया जा सकता है.हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर महिलाओं में आम है. इसमें महिलाओं की यौन इच्छा खत्म हो जाती है. जिन महिलाओं में ये डिसऑर्डर होता है वो किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी में दिलचस्पी नहीं लेती हैं. उन्हें सेक्सुअल फैंटेसी का भी एहसास नहीं होता है. सेक्स ड्राइव में इस तरह की कमी की वजह से तनाव भी होने लगता है. कभी-कभी इसकी वजह से कपल्स के बीच दूरियां भी आने लगतीं हैं. दिमाग पर असर डालने वाली चीजों की वजह से सेक्स ड्राइव में कमी आने लगती है. आमतौर पर मेनोपॉज के बाद यौन इच्छा में कमी आने लगती है. कभी-कभी कोई बीमारी या दवाइयों की वजह से भी ये डिसऑर्डर होने लगता है. इसके अलावा चिंता, तनाव या डिप्रेशन भी यौन इच्छा को कम करने का कारण हो सकता है. प्रेग्नेंसी, बच्चा होने के बाद और पार्टनर के साथ खराब रिश्ते भी इसकी एक वजह हो सकते हैं. हालांकि ये लक्षण दिखने पर कोई जरूरी नहीं है कि आप हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्ड के शिकार हो गए हों, ये भी हो सकता है कि आप में लिबिडो की कमी हो गई हो.
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