पोलियो एक संक्रामक बीमारी है जो अक्सर पाँच वर्ष से छोटे बच्चों को होती है । यह बीमारी बच्चे के शरीर के किसी भी अंग को जिन्दगी भर के लिये कमजोर या निष्क्रिय कर देती है। पोलियो लाईलाज बीमारी है क्योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है बचाव ही इस बीमारी का एक मात्र उपाय है।
पोलियो का बचाव मुंह द्वारा दिये जानेवाले वैक्सीन यानी ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन) से ही किया जा सकता है।पोलियो विषाणु के विरूद्ध और प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न के लिए ‘नियमित टीकाकरण कार्यक्रम’ व ‘पल्स पोलियो अभियान’ के अंतर्गत पोलियो वैक्सीन की खुराकें मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती हैं। पोलियो से जुड़े तमाम जागरुकता अभियान सालों से चले आ रहे हैं, लेकिन फिर भी लोगों को इससे जुड़ी छोटी बड़ी ज़रूरी बातों की जानकारी नहीं है। इसीलिए हम आपको बता रहे हैं पोलियो टीकाकरण से जुड़ी कुछ ख़ास बातें।
1) पहली बार कब पिलाएं पोलियो ड्रॉप्स
शिशु के जन्म के आधे घंटे बाद भी अगर पहली बार पोलियो ड्रॉप्स पिलाया जाए तो वो सही है। वैसे अमूमन बच्चे के जन्म से लेकर 15 दिन के भीतर उसे पोलियो का पहला टीकाकरण दिया जाता है। इसे पोलियो की ज़ीरो डोज़ कहते हैं।
2) कितनी बार पोलियो टीकाकरण ज़रूरी
सरकार के द्वारा जगह-जगह बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने के कैंप लगाए जाते हैं, घर पर भी ये ‘दो बूंद ज़िंदगी की’ पिलाई जाती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि पेरेंट्स किसी वजह से अपने बच्चे को ये ड्रॉप्स नहीं पिला पाते। उन्हें जानकारी भी नहीं होती कि कितनी बार बच्चों के लिए ये टीकाकरण ज़रूरी है। इसी बारे में हमने मैक्स हॉस्पिटल के बाल विशेषज्ञ डॉक्टर शिशिर भटनागर से बातचीत की। उनके अनुसार, वैसे तो भारत से पोलियो समाप्त हो गया है लेकिन अभी भी सावधानी बरतने की ज़रूरत है, ताकि इस स्थिति को बनाए रखा जा सके। उसके वायरस कहीं छिपे हुए अभी भी हो सकते हैं, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ये ज़रूरी है कि 5 वर्ष के सभी बच्चों को हर बार पल्स पोलियो ड्रॉप्स पिलाई जाए।
3) अगर किसी कारण अभियान के तहत न पिला पाएं पोलियो ड्रॉप्स
अगर किसी वजह से अगर सरकारी प्रोग्राम के तहत ड्रॉप्स न पिला पाएं, तो घबराने की ज़रूरत भी नहीं है। क्योंकि अगर आपके शिशु को बूस्टर डोज़ दी गई है, तो उसमें भी पोलियो टीकाकरण मौजूद होता है। हालांकि ये सिर्फ डेढ़ साल तक के बच्चों को दिए जाने वाले बूस्टर डोज़ में मौजूद होता है। इसलिए कोशिश करें कि हर बार बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स पिलवाएं।
4) हर बार अभियान में पोलियो खुराक ज़रूरी
अगर बच्चे को नियमित वैक्सीकरण जो किसी भी चाइल्ड केयर क्लिनिक से कराए जाते हैं, से पोलियो की खुराक मिल गयी हो तो भी सरकारी अभियान में पोलियो की खुराक देना आवश्यक है। अगर बच्चे ने वैक्सीनेशन के दौरान 1 या 2 दिन पहले पोलियो ड्रॉप पी हो, तो भी अभियान में यह दवा पिलानी चाहिए।
5) बीमार बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स पिलाएं या नहीं
अगर आपके बच्चे को बुख़ार, पेट की कोई समस्या या अन्य कोई बीमारी है तो उसे पोलियो ड्रॉप्स पिलाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लें।