आयुर्वेद में तोदरी का इस्तेमाल बहुत तरह के औषधी बनाने के लिए किया जाता है। तोदरी तीन तरह की होती है लेकिन इसमें पीले बीज वाली तोदरी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में श्रेष्ठ मानी जाती है।  तोदरी किन-किन बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता है, इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

 

तोदरी क्या है? (What is Todari in Hindi?)

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नींद नहीं आने की समस्या आपके दैनिक जीवन में इंटरफेर करे, इससे पहले इसका समाधान करना जरूरी है. इस समस्या से निपटने के कई तरीके हैं, लेकिन सबसे पहले इसके कारणों को समझना और अपनी नींद की आदतों का रिव्यू करना महत्वपूर्ण है. अधिकांश लोगों के जीवन में किसी न किसी समय अनिद्रा का अनुभव करते हैं. यह आम तौर पर एक या दो दिनों तक रहता है. स्थिति को गंभीर तब माना जाता है जब तीन महीने तक हर सप्ताह में तीन रात अनिंद्रा की स्थिति होती है.

तोदरी सफेद, लाल और पीले बीजों के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह 30 सेमी ऊँचा, लघु आकारीय कांटा वाला, शाकीय पौधा होता है। इसके पत्ते लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके फूल उभयलिंगी, छोटे, सफेद रंग के सहपत्र रहित, बाह्यदल 0.7-1 मिमी लम्बे, दल 1-1.5 मिमी लम्बे होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने के समान, किन्तु बहुत छोटे तथा चपटे, 2.5-3.5 मिमी लम्बे, शीर्ष पर पक्षयुक्त होते हैं। बीजों को पानी में भिगाने से लुआब उत्पन्न होता है। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसका पुष्पकाल अप्रैल से अगस्त तक होता है।

 

अन्य भाषाओं में तोदरी के नाम (Names of Todari in Different Languages)

तोदरी का वानास्पतिक नाम  Lepidium virginicum Linn. (लेपिडियम वर्जिनिकम) Syn-Lepidium iberis Linn. है। इसका कुल  Brassicaceae (ब्रेसीकेसी) है और इसको अंग्रेजी में Pepper grass (पैपर ग्रास) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि तोदरी और किन-किन नामों से जाना जाता है।

Pepper grass in : 

  • Hindi-तोदरी, सफेद तोदरी;
  • Urdu-तुदरी (Tudri)।
  • English-पेपरवीड (Pepperweed);
  • Arbi-तुदारंज (Toodharanj), तुधारी (Toodharee);
  • Persian-तोदरी (Todaree)।
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तोदरी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Todari  in Hindi)

  • तोदरी प्रकृति से कड़वी, गर्म, गुरु, पिच्छल, सर तथा कफ और वात को कम करने वाली होती है।
  • यह खांसी, सांस संबंधी समस्या, दुर्बलता तथा मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी समस्या में लाभप्रद होता है।
  • यह ज्यादा मूत्र होने वाली बीमारी, मृदु, उत्तेजक, स्तम्भक(Styptic), कफ को निकालने में सहायक,आमवात के इलाज में मददगार होती है।

तोदरी के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Todari in Hindi) 

तोदरी के पौष्टिकता के आधार पर इसके बहुत सारे औषधिपरक गुण भी है जो बहुत सारे बीमारियों के लिए इलाज के रूप में काम करते हैं। अधपुष्पी किन-किन बीमारियों के लिए कैसे काम करते हैं चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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श्वास नली की सूजन को कम करने में सहायक है तोदरी (Todari Beneficial to Treat Bronchidal Inflammation in Hindi)

यदि मौसम के बदलाव के कारण श्वसनिका में सूजन होता है तो तोदरी के बीजों का फाण्ट बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से श्वसनिका-शोथ में लाभ होता है।

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