करवा चौथ का पर्व सुखद दांपत्य जीवन के लिए मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां व्रत रखती हैं और भगवान से अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं. पति और पत्नी के रिश्ते आपस में कैसे होने चाहिए इसी पर पेश है

पति और पत्नी के रिश्ते में यदि मधुरता नहीं है तो यह रिश्ता कई प्रकार के दुखों का कारण बन जाता है. इसलिए इस रिश्ते को सैदव बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए.

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चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में यदि बड़ी कामयाबी हासिल करनी है तो व्यक्ति को पत्नी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होना चाहिए. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का दांपत्य जीवन जितना सुखद और मजबूत होगा, उसके सफल होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. चाणक्य की मानें तो जिन लोगों का दांपत्य जीवन सुखी होता है वे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं.

 

पति और पत्नी का रिश्ता ऐसा होना चाहिए
चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते में पहली शर्त प्रेम की है. प्रेम के बिना यह रिश्ता कभी मजबूत नहीं हो सकता है. इसलिए इस रिश्ते में प्रेम की कभी कमी नहीं आने देना चाहिए.

 

विश्वास से बढ़ता है प्रेम
चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते में प्रेम विश्वास से बढ़ता है. यानि इस रिश्ते में एक दूसरे का विश्वास हासिल करना बहुत ही जरूरी होता है. विश्वास इस रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है. इसलिए पति और पत्नी को एक दूसरे के प्रति हमेशा भरोसेमंद रहना चाहिए.

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श्रेष्ठ आचरण करें
चाणक्य के अनुसार कोई भी रिश्ता तभी सफल होता है जब उस रिश्ते के अनुसार आचरण श्रेष्ठ हो. पति और पत्नी के रिश्ते में भी श्रेष्ठ आचरण का विशेष महत्व है. पति और पत्नी को एक दूसरे के प्रति श्रेष्ठ बर्ताव करना चाहिए. हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है, मर्यादा का जब पालन नहीं किया जाता है तो रिश्ते में दरार आने लगती है. इसलिए पति और पत्नी के रिश्ते में मर्यादा और आचरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

 

एक दूसरे का सम्मान करें
पति और पत्नी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. चाणक्य के अनुसार सम्मान देने से ही सम्मान प्राप्त होता है. इस रिश्ते में भी यह बात लागू होती है.

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