जिन लोगों का कद सामान्य से कम रह जाता है, प्रायः उनमें हीनता की भावना उत्पन्न हो सकती है. यदि ये आनुवांशिक कारणों से है तो आप इसमें अधिक कुछ नही कर सकते और यह जाना आवश्यक है की हर व्यक्ति प्रकृति और परमात्मा की रचना है और स्वयं को सदा ईश्वर की सुंदर कृति की तरह ही देखना प्रकृति का संम्मान है.

परंतु बहुत बार शरीर के कद को, ग़लत आदतों (धूम्रपान, नशीले पदार्थ, चाय, कॉफी, शराब का सेवन) को हटाकर और कुछ आयुर्वेदीय उपाय करके कद बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आप आयुर्वेदचार्य से परीक्षण करवाएँ और इस लेख हम आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले आयुर्वेदीय इलाज की चर्चा करेंगे.

कद बढ़ाने के लिए निम्न औषधियाँ कारगर है (Ayurvedic Treatment To Increase Height)

अश्वगंधा जड़, शतावरी, शिलाजीत, अर्जुन, यष्टिमधु, गुग्गूल. इनका प्रयोग हर रोज़ खाने में करें. परंतु प्रयोग शुरू करने से पहले आयुर्वेदचार्य की सलाह आवश्य लें.

परंतु इनका उपयोग आयुर्वेदचार्य से सलाह लेकर ही करें ताकि इनका पूरा लाभ आपकी समस्या को ठीक करने में हो सके. इसके अलावा अन्य उपाय भी आयुर्वेद में कम कद की समस्या का उपचार करने में सहायक हैं.
अभ्यन्गम : इस प्रयोग से मांसपेशियाँ मज़बूत बनती हैं.
रसायन प्रयोग द्वारा इलाज: रसायन वे होते हैं जिनके सेवन से शरीर की जीवनी शक्ति बढ़ती है और साथ ही उमर भी लंबी होती है जैसे आमला.
सुवर्ण प्राश: इसका उपयोग किशोर अवस्था के बालकों  (16 वर्ष से कम) में करने से कद बढ़ाने में विशेष सहायता मिलती है.

कद बढ़ाने के लिए घरेलू प्रयोग (Home Remedies To Increase Height)

  • अश्वगंधा (जड़ का पाउडर) का एक चम्मच गाय के दूध के साथ गुड मिलाकर रोज़ रात्रि सोने से पहले लेना चाहिए. यदि आपकी पाचन शक्ति अच्छी नही या फिर शरीर में पित्त अधिक है तो अश्वगंधा का प्रयोग सावधानी से करें. अच्छा रहे पहले आयुर्वेदचार्य से सलाह लें. चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है.
  • अश्वगंधा (जड़) और काले तिल का बराबर मात्रा में पाउडर बनाकर खजूर और दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है. 2.5 ग्राम अश्वगंधा और इतनी ही मात्रा में काले तिल का पाउडर अच्छी तरह मिश्रित कर लें और इन्हें पाँच खजुरों के बीज निकालकर उनमें भर लें. इनका स्वन एक गिलास दूध के साथ करें.
    अश्वगंधा के प्रयोग में सावधानी:
    अश्वगंध द्वारा आयुर्वेदिक प्रयोग तब ही कारगर होगा यदि आप 45 दिन तक फास्ट फुड, तेलिय पदार्थ और नमकीन और मिठाइयों का परहेज़ करते हुए इसका प्रयोग करें. परंतु याद आपकी पित्त प्रकृति है तो यह प्रयोग आप आयुर्वेदचार्य की सलाह के बिना न करें. अधिक गर्मी बनने से शरीर को हानि हो सकती है.
    • पित्त अधिक होने पर अश्वगंधारिष्ट लेना चाहिए. अश्वगंधा का प्रयोग गर्भवती महिलयों को नही करना चाहिए. इससे गर्भपात भी हो सकता है.

आहार-विहार (Dietary And Lifestyle- related Tips To Increase Height In Ayurveda In Hindi)

  • विटामिन ए से भरपूर भोजन जैसे हरी सब्जियाँ, गाजर, पीले फल, टमाटर इनका प्रयोग प्रचुर मात्रा में करें.
  • पौष्टिक और संतुलित आहार लेने से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं. रीढ़ की हड्डी झुकाकर ना बैठें, इसे सीधे यानि खींचा हुआ रखें.
  • रात्रि को पूर्ण विश्राम आवश्य लें, अंधेरे में सोने से शरीर में हॉर्मोन की सही मात्रा बनती है. शरीर की कद-काठी बढ़ाने वाला ग्रोथ हॉर्मोन को बनने में गहरी नींद सहायता करती है.
  • फास्ट फुड, तेलिय पदार्थ और नमकीन और मिठाइयों का परहेज़ करें.
  • धूम्रपान, नशीले पदार्थ, चाय, कॉफी, शराब का सेवन न करें.

    कद बढ़ाने के लिए योगाभ्यास (Yogasanas To Increase Height In Ayurveda Treatment Hindi )

स्पाइनल स्ट्रेचिंग वाले योगासन अच्छे योगचार्य से सीखने के बाद अभ्यास करें. सूर्यनामस्कार , भुजंगासन, ताड़ आसन और मूलभूत मांसपेशीय स्ट्रेच सहयता करते हैं.
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इसके अलावा, अभ्यन्गम (आयुर्वेदीय मालिश) भी किया जाना चाहिए.

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