आजकल वजन कम करने के लिए डाइटिशन कई तरह के प्लान फॉलो करवाते हैं। इनमें कीटो डायट काफी चर्चित है। कम समय में वजन कम करना हो तो यह प्लान कारगर भी माना जाता है। लेकिन इससे जुड़ी सबसे अहम बात यह है कि इसे सही तरीके से और किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही फॉलो करना चाहिए।

पिछले दिनों बांग्ला और हिंदी फिल्मों की उभरती हुई ऐक्ट्रेस मिष्टी मुखर्जी की किडनी फेल होने से मौत हो गई। बताया गया कि कीटो डायट लेने की वजह से किडनी फेल हुई। अब सवाल उठता है कि क्या कीटो डायट की वजह से शरीर की छलनी यानी किडनी फेल हो सकती है? कौन-से जतन हो सकते हैं जिनकी मदद से हम अपनी किडनी दुरुस्त रख सकते हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानिए एक्सपर्ट्स से.

आजकल वजन कम करने के लिए डाइटिशन कई तरह के प्लान फॉलो करवाते हैं। इनमें कीटो डायट काफी चर्चित है। कम समय में वजन कम करना हो तो यह प्लान कारगर भी माना जाता है। लेकिन इससे जुड़ी सबसे अहम बात यह है कि इसे सही तरीके से और किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही फॉलो करना चाहिए।

कीटो डायट
एक ऐसा डायट प्लान जिसमें कार्बोहाइड्रेट (गेहूं, चावल, मक्का आदि) खाने की मनाही होती है। सीधे कहें तो ऐसे फूड आइटम जिनका एंड प्रॉडक्ट ग्लूकोज हो, उन्हें नहीं खाना है। इसकी जगह फैट लेना है। फैट का एंड प्रोडक्ट कीटोन होता है। साथ में प्रोटीन भी खाना है। वैसे इस डायट प्लान को सबसे पहले मिर्गी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया था।
दमा, अस्थमा को जड़ से ख़त्म करने की आयुर्वेदिक औषधि घर बैठे आर्डर करने के लिए क्लिक करें https://cutt.ly/ckJYbHs

Ayurvedic medicine asthma buy online dr nuskhe herbal santhi click to order https://cutt.ly/ckJYbHs 

ज्यादा इंसुलिन का हल
एक अनुमान के मुताबिक हमारे देश में गलत खानपान और गलत लाइफस्टाइल की वजह से 40 से 50 फीसदी लोगों में इंसुलिन बनने पर असर पड़ रहा है। इस वजह से पेनक्रीआज को 5 से 10 गुना तक ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। नतीजा, ज्यादा भूख लगना। ऐसे में ज्यादा खाने से वजन बढ़ जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि ऐसे लोगों को डायबीटीज ही हो गई हो लेकिन ऐसे लोगों को डायबीटीज या पाचन से जुड़ी समस्या होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए ऐसे लोगों के लिए कीटो डायट बेहतरीन है।

ज्यादा इंसुलिन के लक्षण

  • ब्रेकफस्ट, लंच, मंचिंग, डिनर के बाद भी बार-बार भूख लगना
  • ओवर ईटिंग की आदत से वजन बढ़ना (ओबेसिटी)
  • महिलाओं में पॉलीसिस्टिक सिंड्रोम
  • इन्फर्टिलिटी
  • दिल की धड़कनें तेज होना

कराएं ‘इंसुलिन टेस्ट’

  • इसकी जांच भी शुगर की तरह ही होती है। फास्टिंग और खाने के 2 घंटे के बाद ब्लड टेस्ट।
  • अगर परेशानी नहीं है तो 6 महीने पर टेस्ट करा सकते हैं।
 

वजन घटाने की आयुर्वेदिक चाय घर बैठे आर्डर करने के लिए क्लिक करें https://cutt.ly/rkJT1Cc

कीटो डायट प्लान लेते समय रखें ध्यान

  • एक्सपर्ट की देखरेख में ही इस डायट को फॉलो करें।
  • जितने दिन के लिए प्लान बताया जाए, उतने दिन तक ही फॉलो करें।
  • यह प्लान उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें इंसुलिन से जुड़ी परेशानी (डायबीटीज) हो।
  • अगर किसी को थायरॉइड और कॉर्टिसॉल हार्मोन की परेशानी है तो कीटो डायट शुरू नहीं करनी चाहिए।
  • किडनी से जुड़ी परेशानी हो तब भी बचें।
  • अगर एक्सपर्ट की सलाह के बाद प्लान शुरू किया तो प्लान चलने तक उनके संपर्क में जरूर रहें।
  • कीटो डायट प्लान एक बार में 3 से 6 महीने तक जारी रख सकते हैं। इसके बाद साइक्लिक कीटो (बॉडी के हिसाब से डायट बदलाव, महीने में 1 से 2 दिन कार्बोहाइड्रेट बढ़ाना) 2 साल तक चला सकते हैं।
  • इसके बाद कम कार्बोहाइड्रेट डाइट प्लान में शिफ्ट किया जाता है।
// If comments are open or we have at least one comment, load up the comment template.