घरेलु टिप्स – डायबिटीज के मरीजों को किस चीज़ का सावन करना चाहिए और किस का नहीं
किसी भी बीमारी में दवाओं के साथ आपकी डाइट का भी बेहद महत्व होता है। ऐसे में दवाएं भी तभी असर करती हैं, जब आप अपनी डाइट का जिम्मेदारी के साथ चुनाव करें। डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे अहम होता है ब्लड शुगर लेवल को मेंटेंन करना। यही वजह है कि इसके मरीजों को खान-पान को लेकर खास सावधानी बरतनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसे फलों के बारे में बताएंगे, जिन्हें डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाना चाहिए-
केला – केले को एनर्जी फ्रूट के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह शुगर लेवल को बढ़ाते हुए तुरंत शरीर को बूस्ट देता है। इसकी यही क्वॉलिटी डायबिटीज के मरीजों के लिए खराब है क्योंकि इससे शुगर लेवल बढ़ता है।
आम – एक आम में ही करीब 45 ग्राम नेचुरल शुगर होती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज के लिए दो आम भी बहुत खतरनाक है।
चेरी – एक कप चेरी में 18 ग्राम शुगर होती है। मीठी चेरी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत हानिकारक है। अंगूर – एक कप अंगूर खाने पर शरीर में 23 ग्राम शुगर जाती है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इस फल को सीमित मात्रा में खाना ही आपके लिए बेहतर है।
लीची – लीची भी हाई शुगर लेवल वाले फ्रूट्स में से एक है। एक कप लीची में 29 ग्राम नेचुरल शुगर होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हुए आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो अपनी डेली डाइट में फाइबर रिच फूड जरूर शामिल करिए. भागदौड़ भरी जिंदगी में हमें अपनी डाइट की जरूरतों का ध्यान रखना याद नहीं रहता है. हम जो भी खाते हैं, वह हमारे शरीर की केवल कुछ जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होता है. हमारे शरीर के लिए साइबर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फाइबर शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. जर्नल साइंस में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, डायटरी फाइबर की खपत से टाइप 2 डाइबिटीज से भी लड़ने में मदद करता है.
अलसी-अलसी फाइबर का खजाना है. रोजाना अलसी के सेवन से दिल की बीमारियां कम होती है और स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है. ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन सेंसिटिवटी पर भी नियंत्रण करता है.
मेथी-मेथी के बीज और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज से लड़ने में मददगार हैं. भरपूर मात्रा में फाइबर होने से पाचन क्रिया धीमी होती है जिससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर के अवशोषण पर नियंत्रण होता है. ये शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं. रात को सोने से पहले मेथी के बीज या सुबह मेथी का पानी लेना बहुत फायदेमंद है.
दालें-दालें प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर का भी अच्छा स्रोत होती हैं. दालों में पाई जाने वाली कार्बोहाइड्रेट का कुल 40 प्रतिशत फाइबर ही होता है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है.
अमरूद-अमरूद में भी खूब फाइबर होता है. इससे कब्ज से भी लड़ने में मदद मिलती है. डायबिटीज के मरीजों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है. यह एक बढ़िया स्नैक्स साबित हो सकता है.
इसके अलावा पपीता, चेरीज, तरबूज, हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, कद्दू के बीज भी डायबिटीज के मरीजों को खाना चाहिए. इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज भी करनी चाहिए.
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इन बातों का रखें ध्यान – एक दिन में बहुत ज्यादा अजवाइन सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है, इसलिए इस काढ़े को दिन में सिर्फ एक ही बार पिएं. वहीं, स्तनपान कराने वाली मां और गर्भवती को इस काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए।
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मोटापा न आने दे – आदर्श शरीर के वजन को बनाए रखें, जिसका मतलब है कि बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई 30 से कम होना चाहिए।
मोटापा दूर करे – मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।
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हड्डियां-मांसपेशियां मजबूत होंगी – ग्रीन-टी हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी अहम है। इसमें मौजूद फ्लैवेनॉयड जहां हड्डियों-मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत दूर रखते हैं, वहीं फाइटोएस्ट्रोजन ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचने देते। मांसपेशियों का विकास सुनिश्चित करने में भी उनकी अहम भूमिका है।
यह आपको कब्ज से राहत दिला सकता है – साबुदाना पाचन से संबंधित और कब्ज और गैस जैसी किसी भी समस्या से छुटकारा दिलाता है।”
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कुछ दिन बाद मुझे ऑनलाइन एक शख्स मिला। इस शख्स की लंबी दाढ़ी थी और सिर पर लंबे बाल थे। ये शख्स उस फल को लाने के लिये हमेशा कोंगो के जंगलों में आता जाता रहता था। मैंने उससे बात की और कुछ कम पैसों में ही उसे मना लिया। कुछ दिन बाद उसने मेरे घर उस जादुई फल का थोड़ा सा मिश्रण भिजवा दिया। जब ये मिश्रण आया तो मैं काफी नर्वस था। मैं अंदर से डरा हुआ था, लेकिन मुझे ये भी पता था कि मेरे पास खोने के लिये कुछ नहीं है। फिर उस रात बड़ी हिम्मत करके मैंने इसे खाना शुरू कर दिया।