घरेलु टिप्स – हड्डियों को बनाना है मजबूत तो आज से ही छोड़ दें ये आहार
लेडीज़ अगर अक्सर चोट के बाद आपकी हड्डियां फ्रैक्चर हो जाती है, तो यह सही समय है जब आपको अपनी बोन हेल्थ के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। हो सकता है आपने सोचा भी न हो कि इसका एक अंतर्निहित कारण हो सकता है। हो सकता है कि आपकी हड्डियां मदद के लिए रो रही हों, इसलिए उनकी पुकार को अनसुना न करें।
हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। एक बार जब महिलाएं 30 के दशक के मध्य में आ जाती हैं, तो वे अपनी बोन डेंसिटी खोने लगती हैं। असल में इसका क्या मतलब है? यह स्पष्ट संकेत है कि अब आपको अपनी हड्डी के स्वास्थ्य पर काम करना शुरू कर देना चाहिए। अगर हम कल ऑस्टियोपोरोसिस या आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो हमें अभी से कुछ बातों पर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।
इसलिए, यहां उन सभी खाद्य पदार्थों की एक सूची दी गई है, जिन्हें आपको अपने हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सीमित करना चाहिए:
1. नमक का सेवन सीमित करें- यदि आप फीका भोजन खाना पसंद नहीं करते, तो इसमें एक चुटकी नमक डाले। परन्तु यह सुनिश्चित करें कि आप बहुत ज्यादा नमक न डालें। नमक में सोडियम सामग्री की उच्च मात्रा होती है, जो आपकी हड्डी के घनत्व पर कहर बरपा सकती है। यह गुर्दे में कैल्शियम का अधिक उत्सर्जन करता है और यह एक अच्छा संकेत नहीं है।
एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन द्वारा किए गए एक अध्ययन में देखा गया है कि जो लोग अधिक नमक का सेवन करते है, उनमें हड्डियों का घनत्व कम होता है।
यहां अब एक सवाल हमारे मन में आता है कि एक दिन में कितने नमक का सेवन असल में हमारे लिए सही रहेगा? अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 3.75 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।
2. कैफीन से दूर रहें – यदि सुबह की चाय या कॉफी से आपको बेहद प्यार है तो, आपको इस पर पुनर्विचार करने की जरुरत है। बहुत से लोग नहीं जानते कि कैफीन आपकी हड्डियों से कैल्शियम को बाहर निकालता है। बीएमसी मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि कैफीन महिलाओं में हड्डियों के कम घनत्व का मुख्य कारण है।
यदि आपकी मम्मी कैफीन की दीवानी हैं, तो सुनिश्चित करे कि वे ये लेख जरूर पढ़ें, जिसमे बताया गया है कि पोस्टमेनोपाॅज़ल महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस का अधिक खतरा होता है, यदि वे इस आदत को नहीं छोड़ती है।
3. गैस से भरे हुए ड्रिंक्स – वातित पेय (ऐराटेड ड्रिंक्स) से कभी दोस्ती न करें, यदि आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाना चाहती हैं। वे आपके शरीर में केवल सोडा की मात्रा नहीं बढ़ाते, बल्कि आपकी हड्डियों को फ्रैक्चर करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाते है। क्या आप जानते है कि आपका पसंदीदा कोला फास्फोरिक एसिड में समृद्ध है, जो आपके शरीर में रक्त अम्ल को बढ़ाता है।
इसके कारण, रक्त आपकी हड्डियों से कैल्शियम को बाहर निकालना शुरू कर देता है। द अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन ने इस अध्ययन को प्रकाशित किया था, कि अगर कोला पीना आपकी जीवनशैली का हिस्सा है, तो आपको हड्डी से संबंधित विकारों के विकास का अधिक खतरा है।
4. खाद्य पदार्थ जो हड्डी की सूजन का कारण बनते हैं-आपको कम ही पता होगा कि टमाटर, मशरूम, बैगन और शकरकंद कुछ ऐसी सब्जियां है जो हड्डियों में सूजन पैदा करती है। यदि आप हर समय उनके सेवन नहीं करते है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इसके अलावा, डिब्बाबंद या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो से दूर रहा करें, क्योंकि वे हड्डियों की सूजन के लिए जिम्मेदार होती हैं।
5. शराब का सेवन संयम से करें- अधिक शराब का सेवन करना वैसे भी अच्छा विचार नहीं है, लेकिन इस बात पर ध्यान दें कि यह आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचाता है।
बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि अल्कोहल से अस्थि-विकसित करने वाले सेल के कार्य को ऑस्टियोब्लास्ट कहते हैं, जिसके कारण कैल्शियम आपकी हड्डियों द्वारा ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता है। इसके अलावा, यदि आप फ्रैक्चर से पीड़ित हैं, तो यह उपचार प्रक्रिया में देरी करता है।यद्यपि यह रातों रात नहीं होता, लेकिन आज यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी बोन हेल्थ के लिए इन खाद्य पदार्थो का सेवन बंद कर दें। रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है।
अनियमित या लंबे समय तक दर्द के साथ पीरियड्स का रहना PCOS का सबसे आम संकेत है. जैसे, साल में 9 पीरियड्स से कम होना, दो पीरियड्स के बीच में 35 दिनों से ज्यादा का अंतराल और असामान्य रूप से बहुत ज्यादा पीरियड होना.
1. ताकत और स्फूर्ति के लिए काली किशमिश में मौजूद नेचुरल शुगर आसानी से पच जाती है. जिससे शरीर को तुरंत ही ताकत मिल जाती है. इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है. इस वजह से ये दिल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है.
2. पाचन क्रिया के लिए काली किशमिश खाने से हाजमा ठीक रहता है. ये पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मददगार है। कब्ज की समस्या से जूझ रहे लोगों को हर रोज काली किशमिश खाने की सलाह दी जाती है. भिगोकर खाना ज्यादा फायदेमंद है।
3. हड्डियों के लिए काली किशमिश में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।
4. अच्छी सेहत के लिए काली किशमिश खाने से मोटापा कंट्रोल में रहता है। इसमें नेचुरल शुगर होती है। ऐसे में इस नेचुरल शुगर को खाने से स्वाद भी बना रहता है और सेहत भी.
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मोटापा न आने दे – आदर्श शरीर के वजन को बनाए रखें, जिसका मतलब है कि बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई 30 से कम होना चाहिए।
मोटापा दूर करे – मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।
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हड्डियां-मांसपेशियां मजबूत होंगी – ग्रीन-टी हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी अहम है। इसमें मौजूद फ्लैवेनॉयड जहां हड्डियों-मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत दूर रखते हैं, वहीं फाइटोएस्ट्रोजन ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचने देते। मांसपेशियों का विकास सुनिश्चित करने में भी उनकी अहम भूमिका है।
यह आपको कब्ज से राहत दिला सकता है – साबुदाना पाचन से संबंधित और कब्ज और गैस जैसी किसी भी समस्या से छुटकारा दिलाता है।”
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साबुदाना कार्बोहाइड्रेट में उच्च है। इसलिए इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई है, जो मधुमेह के रोगी में ब्लड शुगर लेवल को ट्रिगर कर सकता है।