हम रोजाना जिस हवा को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेते हैं उसका भी हमारी सेहत पर अहम असर देखने को मिलता है। लंग इंडिया नाम के जर्नल में साल 2019 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, वायु प्रदूषण भारत में तेजी से बढ़ती हुई एक चिंताजनक समस्या है। वास्तव में, इस स्टडी में बताया गया है कि एशिया महाद्वीप के 2 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से एक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली है और दूसरा शहर है ईरान की राजधानी तेहरान।
सर्दियों में बढ़ जाता है वायु प्रदूषण
सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि उत्तर भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमानें पर पराली जलाई जाती है। पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर रोक लगाने के लिए भी सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं, बावजूद इसके वायु प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है जो शायद दिवाली के बाद और ज्यादा बदतर स्थिति में पहुंच जाएगा। वायु प्रदूषण में तेजी से हो रही बढ़ोतरी का मतलब है कि लोगों की सेहत से जुड़ी समस्याओं में भी उसी अनुपात में वृद्धि देखने को मिलेगी।
प्रदूषित हवा कई बीमारियों का कारण बन सकती है
प्रदूषित हवा में मौजूद प्रदूषक (पॉल्यूटेंट्स) सेहत से जुड़ी कई समस्याएं जैसे- सांस से जुड़ी दिक्कतें, आंखों को नुकसान, त्वचा से जुड़ी बीमारी, अस्थमा अटैक आदि का कारण बनते हैं। इस बारे में अब तक कई अध्ययन भी हुए हैं जिसमें बताया गया है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने की वजह से वातस्फीति, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और ब्रेन डैमेज जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं और जीवन के बाद के सालों में डिमेंशिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय
घर के बाहर मौजूद वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तो आप अपने स्तर पर बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते सिवाय इसके आप प्रदूषित हवा के संपर्क में कम से कम रहने की कोशिश करें। लेकिन घर के अंदर की हवा को जरूर आप साफ और प्रदूषण मुक्त बना सकते हैं। हम आपको यहां इंडोर पॉल्यूशन को कम करने के कुछ टिप्स बता रहे हैं:
1. नियमित रूप से करें घर की सफाई
अगर घर के अंदर धूल जमा हो, फफूंद और सीलन की समस्या हो तो इसकी वजह से भी व्यक्ति लंबे समय तक वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहता है। लिहाजा अपने घर के अंदर एक-एक कोने की जांच करें कि कहीं सीलन या फफूंद तो नहीं है या फिर कहीं पर लंबे समय से धूल तो नहीं जमा है। अगर ऐसा है तो घर को अच्छी तरह से साफ करें। एसी का वेंट, पर्दे, बिस्तर की चादर, तकिए, रजाई आदि और फर्नीचर को नियमित रूप से अच्छी तरह से साफ करना सुनिश्चित करें। ऐसा करने से प्रदूषण के कणों को जमने से रोका जा सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल :
- करी पत्ते को अच्छी तरह से धो लें।
- रोज सुबह खाली पेट आठ से दस पत्तियों का सेवन करें।
- समस्या के दिनों में यह प्रक्रिया रोजाना कर सकते हैं।
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2. घर में लगाएं इंडोर प्लांट्स
हाउसप्लांट जिसे घर के अंदर आसानी से रखा जा सकता है कि वह भी घर के अंदर की हवा को साफ और शुद्ध बनाने में मदद करते हैं क्योंकि ये पौधे ऑक्सीजन रिलीज करते हैं। एरिका पाम और स्नेक प्लांट जैसे इंडोर प्लांट्स को घर लाएं ताकि वे घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकें। लेकिन घर के अंदर इन पौधों को रखने के दौरान यह सुनिश्चित करें कि इनमें किसी तरह का फफूंद या भुकड़ी (पौधों में होने वाली बीमारी) की समस्या न हो। साथ ही पौधों के आसपास पानी भी जमा नहीं होना चाहिए वरना इससे मच्छर हो सकते हैं।
3. घर में लगाएं एयर प्यूरिफायर
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए इन दिनों एयर प्यूरिफायर की डिमांड भी काफी बढ़ गई है। एयर प्यूरिफायर, खासकर आयोनिक प्यूरिफायर्स, वायु प्रदूषण के कणों और उत्तेजकों को लगभग पूरी तरह से हटाने में काफी मदद करते हैं। एक अच्छा प्यूरिफायर खरीदने का यह सही समय है और अगर आप अफोर्ड कर सकते हों तो एक एयर प्यूरिफायर लें और उसे घर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जगह पर रखें।
4. हवा का संचालन है जरूरी
घर में अगर नमी या सीलन की समस्या हो और प्रदूषण के कण लंबे समय तक किसी स्थान पर जमा रहें तो इस कारण भी व्यक्ति का प्रदूषण के प्रति एक्सपोजर लेवल बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपने घर में हवा का संचालन सही तरीके से होने दें। घर की सारी खिड़कियां हर वक्त बंद रखने की बजाए, कुछ देर के लिए खिड़कियां खोलें। लेकिन अगर खिड़की खोलते वक्त आपको यह चिंता रहती है कि इससे और ज्यादा प्रदूषण घर के अंदर आ सकता है तो एग्जॉस्ट फैन और वेंट (रोशनदान) की व्यवस्था करें।
5. प्राकृतिक एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल करें
इंडोर प्लांट्स या हाउसप्लांट्स के अलावा भी कई प्राकृतिक चीजे हैं जो घर के अंदर के वातावरण और हवा को साफ और शुद्ध कर सकती हैं। जैसे- एक्टिवेटेड चार्कोल जो हवा में मौजूद विषैले तत्वों को दूर करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा मधुमक्खी के मोम (बीजवैक्स) से बनने वाली मोमबत्तियां, बांस से बना कोयला (बैम्बू चार्कोल) और सॉल्ट लैंप भी घर के अंदर की हवा को साफ और शुद्ध बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
DR. NUSKHE BRAINPRASH
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