आज के दौर में यह एक आम समस्या बन कर लोगों को परेशान कर रही है
शुक्राणुओं की संख्या में कमी – शुक्राणुओं की संख्या में कमी वीर्य के पतला होने का सामान्य कारण होता है। इसको अल्पशुक्राणुता (Oligospermia) भी कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं की एक सामान्य संख्या पाई जाती है। बताया जाता है कि एक मिली लीटर वीर्य में करीब 15 करोड़ शुक्राणु होते हैं। इससे कम होने पर वीर्य में शुक्राणुओं की कमी माना जाता है। अल्पशुक्राणुता (Oligospermia) होने के निम्न कारण होते हैं।
- स्तंभन दोष – कभी-कभी जिसे नपुंसकता कहा जाता है – सेक्स के लिए लिंग के खड़े होने और खड़े रहने में समस्या होना। (और पढ़ें – बढ़ती उम्र के साथ ये समस्याएं कर सकती हैं परेशान, पुरुष रहें इनसे सावधान)
- शीघ्र स्खलन (शीघ्रपतन), सेक्स के दौरान जल्दी इच्छा से पहले या सामान्य समय से पहले लिंग का स्खलन।
- संकोची स्खलन या मंद स्खलन, जब आदमी का लिंग स्खलन धीमा हो। (और पढ़ें – सेक्स की जानकारी)
- रेट्रग्रेड इजैक्यूलेशन, जहां वीर्य स्खलन लिंग के मुँह से बाहर आने के बजाय मूत्राशय में चला जाता है
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सेक्स में कम रुचि, सेक्स ड्राइव या कामेच्छा का न होना
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सेक्स पॉवर का मतलब आप अपने साथी के साथ कितनी देर तक संभोग का आनंद उठा सकते हैं। महिलाओं और पुरुषों में यह समय भिन्न हो सकता है। पुरुषों के लिए सामान्य रूप से यह समय पांच से सात मिनट का माना जाता है, जबकि महिलाओं के लिए इस समय का निर्धारण करीब 20 मिनट का किया गया है। चरमोत्कर्ष के साथ संभोग की समाप्ति होती है।
पुरुषों में अपेक्षाकृत अधिक कामेच्छा होती है और वह आम तौर से जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं। लेकिन सबका यौन प्रदर्शन एक जैसा नहीं होता है।