अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी उम्र के लोगों को आसानी से हो जाती है. बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से अब इसके मामले और ज्यादा आने लगे हैं. अस्थमा में सांस की नली में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है. अस्थमा के मरीजों में निमोनिया और कोरोना वायरस का भी खतरा ज्यादा होता है. कुछ ऐसे संकेत हैं जो अस्थमा के शुरूआती लक्षण माने जाते हैं और आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
लगातार खांसी आना- ज्यादातर लोगों को सर्दी-जुकाम या फिर ब्रोंकाइटिस में कफ या सूखी खांसी आती है लेकिन ये अस्थमा का भी संकेत हो सकता है. साउथ फ्लोरिडा कॉलेज ऑफ मेडिसिन यूनिवर्सिटी में एलर्जी और इम्यूनोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर रिचर्ड लॉकी ने ‘द हेल्दी’ वेबसाइट को बताया, ‘हंसने या लेटने के बाद आपकी खांसी और बढ़ जाती है और ये खांसी आपके गले से नहीं बल्कि छाती से आती है. इस तरह के अस्थमा को कफ वेरिएंट अस्थमा कहते हैं. अगर आपको घरेलू नुस्खों से राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से संपर्क कर अपनी दवा शुरू कराएं.
सांस फूलना, लगातार उबासी या गहरी सांस लेना- लगातार उबासी, सांस फूलना या गहरी सांस की वजह हमेशा ऐंगजाइटी या थकान नहीं होती है. डॉक्टर लॉकी के अनुसार, ये अस्थमा के भी लक्षण हो सकते हैं. डॉक्टर लॉकी कहते हैं कि उबासी या गहरी सांस लेने से शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और कार्बन डाइऑक्साइड भी ज्यादा बाहर निकलती है. ये तीनों चीजों वायुमार्ग में आए असंतुलन की वजह से होती हैं.
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हमेशा थकान रहना- अगर आप कफ और सांस की घरघराहट की वजह से सो नहीं पाते हैं तो ये एक गंभीर समस्या हो सकती है. ठीक से ना सो पाने की वजह से एनर्जी कम हो जाती है और इसका असर मानसिक रूप से भी पड़ता है. क्रोनिक स्लीपलेसनेस को दिल की बीमारी या फिर डायबिटीज के संकेतों से भी जोड़ कर देखा जाता है. सांस की घरघराहट की वजह से थकान महसूस करना अस्थमा का शुरूआती लक्षण हो सकता है. अच्छी बात ये है कि अस्थमा के लक्षण कंट्रोल होते ही नींद की समस्या भी दूर हो जाती है.
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सीने में जकड़न- सीने में जकड़न या दर्द हमेशा दिल की बीमारी की वजह से नहीं होता है. ये भी अस्थमा का एक मुख्य लक्षण हो सकता है. सीने में जकड़न की वजह से अस्थमा अटैक आ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अस्थमा अटैक की वजह से सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और कफ का अनुभव होता है. ज्यादातर लोग सीने में जकड़न को हार्ट अटैक समझने की गलती कर लेते हैं. अगर आपको भी ये समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें.
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तेज सांसे लेना- कुछ लोगों में तेज-तेज सांस लेना भी अस्थमा का लक्षण माना जाता है. अमेरिका की क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, वयस्कों के सांस लेने की सामान्य दर 12 से 20 सांस प्रति मिनट होती है. अगर आप इससे अधिक तेजी से सांस ले रहे हैं तो आपको हाइपरवेंटिलेशन भी हो सकता है. हाइपरवेंटिलेशन और अस्थ्मा दोनों अलग-अलग बीमारियां है लेकिन सांस से जुड़े लक्षण की वजह से लोग इसे एक समझ लेते हैं. डॉक्टर से संपर्क कर अपनी बीमारी का सही पता लगाएं और इसका इलाज करें.
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