लकवा का नाम सुनते ही लोगो के मन में भय बन जाता है, क्योकि इस बीमारी में शरीर के अंग टेढ़े हो जाते है. लकवा का मतलब मांसपेशियों के गति का समाप्त हो जाना तथा शरीर के अन्य भागों से समन्वय समाप्त हो जाना है. जिन भागों में लकवा मारता है जैसे हाथों, चेहरे व पैर आदि उन विशेष भागों की मांसपेशियों की गति समाप्त हो जाती है. मांसपेशियों की गति के साथ-साथ इसमें संवेदना का आभाव हो जाता है, जिससे उस व्यक्ति हो उस स्थान पर दर्द, ठंडक, गर्मी आदि का अहसास नहीं होता है. लम्बे समय तक लकवाग्रस्त रोगी में प्रभावित भाग का रक्त प्रवाह एवं अन्य मेटाबोलिक क्रियाएं लगभग बंद हो जाती हैं. जिससे उस अंग की मांसपेशियां सूखने लगती हैं जिससे बहुत गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इस लेख में हम जानेंगे लकवा का उपचार घरेलु उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे अपना कर कैसे करे.
लकवा होने के लक्षण : लक़वा किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति या महिला को हो सकता है पर अधिकतर ये जादा उम्र के लोगों में देखा जाता है. इस बिमारी से उबरने में काफी समय लग सकता है और कई बार ये लाइलाज रोग बन जाता है. सिर दर्द होना, चक्कर आना या फिर बेहोश होना, शरीर में अकड़न आना, शरीर का कोई अंग बार बार सुन पड़ जाना और हाथ पैर को उठाने में परेशानी आना, बात करते वक़्त अटकना, तुतलाना या बोलने में कोई परेशानी होना, धुँधला दिखाई देना या कोई चीज़ दो बार दिखाना.
लकवा होने के कारण : लकवा होने का सबसे बड़ा कारण है हाई ब्लड प्रेशर. इसके इलावा खून में थक्का जमना, स्ट्रोक होना , बेड कोलेस्ट्रोल का बढ़ना. लकवे का अटैक आने पर अगर मरीज को तुरंत उपचार मिल जाए और खून का जमा हुआ थक्का ठीक हो जाए तो मरीज की स्थिति में जल्दी सुधार हो सकता है और शीघ्र ही रोगी बिल्कुल ठीक भी हो सकता है और अगर खून का प्रवाह फिर से शुरू ना हो सके तो इससे स्थाई लकवा की स्थिति बन सकती है.
लकवा का उपचार घरेलु उपाय और देसी तरीके से कैसे करे : 2 चम्मच शहद में 5 कलियाँ लहसुन की पीस कर उसका सेवन करने पर एक से डेढ़ महीने में लकवे में आराम मिलने लगेगा. इसके साथ साथ लहसुन की 5 कालियां दूध में उबाल ले और इसका सेवन करे. इस उपाय से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहेगा और लकवा प्रभावित अंग में भी जान आने लगेगी. पैरालिसिस के उपचार में मालिश से भी फायदा मिलता है, पर किसी भी प्रकार की मालिश को शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर या फिर किसी आयुर्वेदिक वैद की सलाह जरूर ले. कलौंजी के तेल को गुनगुना कर के हलके हाथों से मालिश करे, इसके साथ दिन में 2 से 3 बार एक चम्मच तेल का सेवन भी करे. इस देसी नुस्खे से 30 दिनों में फरक दिखने लगेगा.
50 से 60 ग्राम काली मिर्च को 250 ग्राम तेल में मिला कर कुछ देर तक गैस पर पकाए. अब इस तेल को गुनगुना करके लकवे प्रभावीत अंग पर पतला लेप लगाये. लकवे का इलाज में लहसुन का सेवन बहुत ही असरदार है. लहसुन से उपचार करने के लिए पहले दिन पानी के साथ लहसुन की 1 कली निगल ले, उसके बाद रोजाना एक-एक कली बढ़ाये और पानी के साथ ले, कहने का मतलब है की पहले दिन 1 कली, दूसरे दिन 2, तीसरे दिन 3 और ऐसे करते करते 21वें दिन लहसुन की पूरी 21 कलियां पानी के साथ निगलनी है. 21 दिनों के बाद अब हर रोज एक एक कली कम कर के निगले. इस प्रयोग से अधरंग जैसी समस्या में जल्द फायदा मिलता है. रोजाना सौंठ और उड़द को उबाल ले और ठंडा होने पर इसका पानी छान कर पिए. हर रोज इस उपाय को करने से लकवे में काफी सुधार होता है.
बारीक पीसी हुई अदरक 5 ग्राम और काली उड़द दाल 10 ग्राम की मात्रा में ले और 50 ग्राम सरसों के तेल में 5 से 7 मिनट तक गरम करे और इसमें 2 ग्राम पिसे हुए कपूर का चूरा डाल दे. हर रोज इस तेल के इस्तेमाल से गठिया और लकवे की बीमारी में गजब का फायदा मिलता है. इस तेल से जोडों की मालिश करने पर दर्द ठीक होता है. खजूर का गुदा लक़वे से प्रभावित अंग पर मलने से भी आराम मिलता है. दूध में छुहारा भिगो कर खाने से भी लकवे में फायदा मिलता है, ध्यान रहे एक बार में 4 से जादा छुहारे नहीं खाये. रात को तांबे के बर्तन में एक लीटर पानी भर कर रख दे और पानी में चाँदी का एक सिक्का भी डाल दे.
सुबह खाली पेट इस पाई को पिए और आधे घंटे तक कुछ ना खाए पिए. ये प्रयोग <em>लकवा से रिकवर होने में बहुत फायदा करता है. लकवे के रोगी को करेला जादा खाना चाहिए, लकवे में करेले के सेवन से भी फायदा मिलता है. लकवे से ग्रस्त व्यक्ति को किसी भी नशीली चीज़ के सेवन से परहेज करना चाहिए और खाने में घी, तेल माँस, मछली का प्रयोग नही करना चाहिए. हर रोज सुबह शाम देसी गाय के शुद्ध घी की 2 बूँदो को नाक में डालने से लकवे में भी बहुत आराम मिलता है और इसके इलावा इस उपाय से बालो का झड़ना बंद होता है, कोमा में गए हुए व्यक्ति की चेतना लौटने लगती है और दिमाग भी तेज होता है. इस देसी नुस्खे का निरंतर प्रयोग माइग्रेन की बीमारी में रामबाण इलाज का काम करता है. लकवे का अटैकआने पर तुरंत तिल का तेल 50 से 100 ग्राम हल्का गर्म करके रोगी को पिला दे और इसके साथ थोड़ा लहसुन चबा चबा कर खाने को दे. अटैक पड़ते ही सिर और लकवा प्रभावित अंग पर सेंक करे.काली उड़द को खाने के तेल में डाल कर गर्म कर ले और इसे लकवे से ग्रस्त अंग पर मालिश करे, इससे काफी लाभ मिलता है.