विटामिन-डी की कमी को हल्के में लेना ठीक नहीं है | आज की बदलती जीवनशैली में लोग धूप से बचने को भी अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लेते हैं, जो सही नहीं है | विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के सामान्य तरीके से काम करने में विटामिनडी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है |
यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को सही तरीके से संचालित करने में मदद करता है | शरीर में इसकी कमी होने से कई गंभीर बीमारियों जैसे टाइप-2 मधुमेह, हाइपरटेंशन, खून की कमी, प्रजनन क्षमता में कमी, किडनी, गुर्दे, दिल और हड्डियों से संबंधित बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है |
शरीर में इसकी कमी का पता तब चलता है, जब हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों में लगातार दर्द रहने लगता है | शरीर को प्रतिदिन लगभग 400 इटरनेशनल यूनिट विटामिन डी की जरुरत पड़ती है | यह शरीर में मौजूदा कैल्शियम को खून के जरिए हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है | इसके कम होने से हड्डियों को सही मात्रा में कैल्शियम नहीं मिल पाता, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं | इसकी कमी से त्वचा और बालों को भी नुकसान पहुंचता है | त्वचा का रूखापन, बालों का झड़ना दर्शाता है कि आपको इसकी कमी है | मूड को तरोताजा बनाए रखने के लिए विटामिन-डी शरीर में सेरोटोनिन रसायन को बनाने में मदद करता है |
पर्याप्त रूप से शरीर में विटामिन-डी न होने से मूड स्विंग, तनाव या डिप्रेशन की समस्या भी होती है | इम्यून सिस्टम भी इसकी कमी से कमजोर हो जाता है, इसलिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखने के लिए विटामिन-डी की आवश्यकता होती है ताकि शरीर बीमारियों से लड़ सके | शरीर को तरोताजा और ऊर्जावान भी विटामिन-डी ही बनाता है | इसकी कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप सेकें | खानपान में दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों, अंडा, मछली, विटामिन-डी सप्लीमेंट, फोर्टीफाइड विटामिन-डी उत्पादों को अधिक शामिल करें | अधिक परेशानी महसूस हो, तो खुद दवा न लें, चिकित्सक से संपर्क करें |