अनार किसे पसंद नहीं है। अनार का छिलका जितना कठोर होता है, अंदर उतना ही स्वादिष्ट, और मीठा फल होता है। किसी भी व्यक्ति को, कोई भी रोग हो जाए, लोग उन्हें सबसे पहले अनार के सेवन की सलाह ही देते हैं। डॉक्टर भी कमजोरी दूर करने के लिए, या इलाज के बाद स्वास्थ्य लाभ पाने के दौरान, रोगी को अनार खाने के लिए बोलते हैं। आपको भी यही पता होगा कि अनार के सेवन से आपकी सेहत को बहुत फायदे मिलते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि अनार के वे फायदे कौन-कौन से हैं? नहीं ना! आप यह नहीं जानते होंगे कि अनार का प्रयोग कर रोगों की रोकथाम भी की जा सकती है।
आयुर्वेद में अनार को बहतु ही चमत्कारिक फल बताया गया है, और यह भी बताया गया है कि, इसके इस्तेमाल से कई सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। केवल अनार फल ही नहीं, बल्कि पूरा वृक्ष ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जब अनार में इतनी खूबियां हैं, तो आप अनार के फायदे के बारे में जरूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं कि अनार के फायदे (anar khane ke fayde) क्या-क्या हैं।
एनीमिया, और पीलिया रोग के उपचार के लिए 250 मिली अनार के रस में, 750 ग्राम चीनी मिलाकर चाशनी बना लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया में फायदा होता है। अनेक लोगों को थकान, और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसे लोग 20 ग्राम अनार के ताजे पत्ते लेकर, 400 मिली पानी में उबाल लें। जब पानी 100 मिली शेष रह जाएं, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। इससे शारीरिक, और मानसिक कमजोरी ठीक (pomegranate benefits) होती है। एनीमिया और पीलिया रोग से ग्रस्त लोग 3-6 ग्राम अनार के पत्ते को छाया में सुखा लें। इस चूर्ण को सुबह गाय के दूध से बने छाछ के साथ पिएं। इसी तरह शाम को इसी छाछ के साथ पनीर का सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया रोग में फायदा होता है।
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अनार के फायदे से पेट के कीड़ों को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए 50 ग्राम अनार की जड़ की छाल, पलाश बीज 6 ग्राम, और वायविडंग 10 ग्राम लें। सबको कूटकर 1.25 लीटर पानी में धीमी आग पर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे उतारकर ठंडा करके छान लें। इसे 50 मिली की मात्रा में आधा-आधा घंटे के अंतर से पिलाएं। इसके प्रयोग से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। अनार (annar) के पत्तों को छाया में सुखाकर महीन पीस लें। इसे छान लें। इसे 3-6 ग्राम की मात्रा में सुबह छाछ के साथ, या ताजे पानी के साथ पिएं। इसके प्रयोग से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए 10 ग्राम अनार के पेड़ की जड़ की छाल, 6 ग्राम वायविडंग, और 6 ग्राम इद्र जौ को कूटकर काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से पेट में कीड़े खत्म हो जाते हैं। पेट में कीड़े से परेशान लोग ये तरीका भी आजमा सकते हैं। 20 ग्राम खट्टे अनार के छिलके, और 20 ग्राम शहतूत को 200 मिली पानी में उबाल लें। इसे पिलाने से भी पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
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चेहरे पर दाग-धब्बे होना एक आम समस्या है। अनेक लोग इससे परेशान रहते हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं को यह शिकायत अधिक रहती है। अगर आप भी चेहरे की झाई से परेशान हैं, तो अनार के प्रयोग से फायदा ले सकते हैं। अनार के ताजे हरे पत्तों के रस में 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इस तेल से मालिश करने से चेहरे की कील, झाई, और काले धब्बे ठीक
मुंह के छाले की परेशानी में अनार का प्रयोग फायदेमंद होता है। अनार के 25 ग्राम पत्तों को 400 मिली पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई बच जाए, तो उससे कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले, और अन्य बीमारी भी ठीक हो जाती है। अनार के छाल का चूर्ण बना लें। इसे मुंह में रगड़ने, या धमासे के पानी के काढ़ा से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। 10 ग्राम अनार के पत्तों को 400 मिली पानी में उबालें, और जब पानी एक चौथाई रह जाए तो काढ़ा से कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
त्वचा रोग में भी अनार का प्रयोग बहुत फायदा पहुंचाता है। त्वचा संबंधित बीमारी में 250 ग्राम अनार के ताजे पत्तों को, 5 लीटर पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा से नहाने से पित्ती संबंधित त्वचा की बीमारी ठीक होती है। अनार का इस्तेमाल त्वचा में निखार लाने के लिए भी किया जाता है। 1 किग्रा अनार के फल के छिल्के को 4 लीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी 1 लीटर रह जाए, तो उसमें 250 मिली सरसों का तेल डालकर पका लें। इस तेल की मालिश करें। कुछ ही दिनों में मांस का ढीलापन दूर हो जाता है। चेहरे की झुर्रियां मिटती हैं, तथा त्वचा में निखार आती है। आप सरसों के तेल की जगह बादाम रोगन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
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अनेक महिलाएं स्तनों को सुडौल बनाने के लिए कई तरह के उपाय करती हैं। अनार के फायदे इसमें भी मिलते हैं। इसके लिए अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल, तथा जड़ की छाल को बराबर-बराबर मात्रा में लें। इसे मोटा पीस लें। इसे दोगुना सिरका, तथा चार गुना गुलाब जल में भिगोएं। चार दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिला धीमी आंच पर पकाएं। तेल जब थोड़ा सा रह जाए तो इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल से रोज स्तनों पर मालिश करें। इससे स्तनों की ढीलापन दूर होता है, और स्तन सुडौल बनते हैं। इससे चेहरे की झुर्रियां भी ठीक होती हैं