बाड़मेर थार के वाशिंदे इस बार लू में पक रहे बाजरे की रोटी खाएगा। यह कमाल हुआ है जायद की फसल के तैयार होने से। जहां एक ओर अकाल में चारे-पानी का संकट है दूसरी ओर यहां कृषि क्षेत्र में खरीफ व रबी के बाद इस साल जायद की फसल भी तैयार हो रही है। जून माह में गुजराती बाजरी खाने वाले थार के लोगों में से इस बार कईयों को देसी बाड़मेरी बाजरी नसीब होगी। लू और गर्मी में 6350 हेक्टेयर में बाजरा पक रहा है। जिसकी उपज करीब एक लाख क्विंटल होगी।

रख्खे अपने जोड़ो का ख्याल जॉइंट वॉकर के साथ आयुर्वेदिक उपचार

https://cutt.ly/hlqVv0w

 

वतारी चूरन जोड़ो और गठिया का दर्द ख़तम आयुर्वेदिक उपचार

https://cutt.ly/1k9L5Sy

 

 

क्या आप दिमाग तेज़ करना चाहते हैं तो आज ही Dr Nuskhe का Brain Prash मंगाये ऑर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें

https://cutt.ly/zkNfvg4

अपनी सेक्स प्रॉब्लम को सही करे Dr nuskhe के roko-g capsule के  साथ 

https://cutt.ly/EkNp4Kd

 

 

अपनी आखो का रख्खे ख्याल जी १ ड्राप के साथ आयुर्वेदिक उपचार

https://cutt.ly/klqCCjr

थार के रेगिस्तान में डेढ़ दशक पहले केवल खरीफ की फसल ही पैदा हो रही थी। इसके बाद क्षेत्र के बालोतरा, सिवाना, समदड़ी, शिव , वेड़वा, धनाऊ, धोरीमन्ना, गुड़ामालानी व चौहटन में कृषि कुएं बढ़े तो यहां पर रबी की पैदावार होने लगी और 16 अरब के जीरे सहित कई फसलों ने रेगिस्तान की तस्वीर ही बदल दी। खरीफ और रबी की फसल में तो मौसम को लेकर यहां के लोगों को कोई परेशानी नहीं थी लेकिन अब तो यहां जायद की फसल बो दी गई। करीब 45 डिग्री तापमान और आग की तरह चलती लू के थपेड़ों में यह सबसे मुश्किल समझा जा रहा था लेकिन जिले में फरवरी माह में बुवाई की गई जायद की फसल मई में पकने को तैयार है। अभी यह फसलें खेतों में लहलहा रही है

// If comments are open or we have at least one comment, load up the comment template.