डायबिटीज़ का पता चलने के बाद अक्सर लोगों से वज़न कम करने और ख़ून में शुगर का स्तर क़ाबू में रखने के लिए शारीरिक गतिविधि में इज़ाफ़ा करने को कहा जाता है. इसके लिए कई लोग मन में निश्चय भी करते हैं, सुबह जल्दी उठते हैं और योग क्लास ज्वाइन करने की सोचते हैं. लेकिन इस बीच उन्हें महसूस होता है कि उनमें ऐसा कुछ करने लायक़ ज़रा भी ऊर्जा नहीं बची है. अगर आप भी ऐसा महसूस करते हैं तो घबराए नहीं. आप अकेले नहीं हैं. आप जैसे लाखों दूसरे लोगों को भी डायबिटीज़ के दौरान सुस्ती और थकान की शिकायत होती है. इस लेख में हम इस समस्या को दूर करने के उपाय बताएंगे.

डायबिटीज़ के कारण आप तेज़ी से थकान महसूस कर सकते हैं या ये परेशानी पुरानी भी हो सकती है: तेज़ या एक्यूट फ़टीग (थकान) का स्तर हर रोज़ बदल सकता है. आमतौर पर इससे रोज़मर्रा के कामकाज में परेशानी नहीं होती. डायबिटिक को कम से कम लगातार छह महीने तक थकान महसूस हो तो इसे क्रोनिक फ़टीग कहते हैं. इसका असर रोज़मर्रा के कामकाज पर पड़ता है. ऊर्जा की कमी महसूस कर रहे हैं, यहां तक कि रोज़मर्रा के कामकाज में भी आपको परेशानी हो रही है और आप लगातार अवसाद महसूस कर रहे हैं, तो आपको डायबिटीज़ के कारण होने वाली इस थकान को दूर करने का उपाय खोजना शुरु कर देना चाहिए.

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सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं पर ध्यान दें:

मोटापा और डायबिटीज आज के समय की दो सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. अस्त-व्यस्त जीवनशैली, गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं लेकिन लाइफस्टाइल और भोजन की आदतों में सुधार करके हम इन समस्याओं से बच सकते हैं.

डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता है जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होने लगती है. कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर सक्रिय रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं कर पाता हैं.

आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें. इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप डायबिटीज को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं.

1. तुलसी की पत्त‍ियों के इस्तेमाल से कंट्रोल करें डायबिटीज
तुलसी की पत्त‍ियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं. सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं. आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है.

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2. दालचीनी का पाउडर लेना भी है बहुत फायदेमंद
दालचीनी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख मसाला है. दालचीनी के प्रयोग से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है. ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मददगार है. इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है. दालचीनी को महीन पीसकर पाउडर बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ लें. मात्रा का विशेष ध्यान दें. बहुत अधिक मात्रा में ये पाउडर लेना खतरनाक हो सकता है.

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डायबिटीज़ में शारीरिक थकान, किडनी में गड़बड़ी या टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में बदलाव, ‘स्लीप एप्निया’ जैसी नींद से जुड़ी बीमारियों या अवसाद के कारण हो सकती है. इसके अलावा हाइपरग्लाइसेमिया या हाइपोग्लाइसेमिया, न्यूरोपैथी यादिल की बीमारियां भी थकान की वजह हो सकती हैं.

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3. ग्रीन टी पीना भी है फायदेमंद
ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है. ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है. जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है. प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा.

4. सहजन की पत्त‍ियों का रस भी है फायदेमंद
सहजन की पत्त‍ियों का रस भी डायबिटीज कंट्रोल करने में बहुत कारगर है. ड्रमस्ट‍िक की पत्त‍ियों को पीसकर उसे निचोड़ ले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. इससे शुगर लेवल बढ़ेगा नहीं.

5. जामुन के बीजों के सेवन से
जामुन के बीज भी डायबिटीज कंट्रोल करने में फायदेमंद हैं. जामुन के बीजों को अच्छी तरह सुखा लें. सूखने के बाद इन्हें पीसकर एक चूर्ण बना लें. सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.

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