हर साल 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण और उपचार के बारे में जागरूक करना है. ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना बढ़ने लगती है.
साग- अपने खाने में केल का साग, सरसों का साग और पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें. ये कैलोरी में कम और विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं. ये सब्जियां ऑस्टियोपोरोसिस को बढ़ने से रोकती हैं. साग में कैल्शियम, मैंगनीज और विटामिन K भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये सभी चीजें हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती हैं.
चकोतरा- चकोतरा खट्टा फल है और विटामिन C से भरपूर है. विटामिन C हड्डियों को नुकसान से बचाता है. विटामिन C में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है. हड्डियों को मजबूत करने के लिए अपनी डाइट में विटामिन C से भरपूर ताजे फल और सब्जियां शामिल करें. इससे आपको हड्डियों की बीमारी नहीं होगी.
सैल्मन मछली- सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी फैटी फिश ओमेगा -3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत हैं. हड्डियों की सेहत के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड बहुत जरूरी होता है. इनमें विटामिन D भी पाया जाता है, जो कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों को बढ़ाने वाले पोषक तत्वों में सहायक होता है. इसके अलावा फैटी फिश दिल की बीमारियों और थायराइड की समस्या को भी दूर करती हैं.
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अंडे- अंडे ना सिर्फ प्रोटीन से भरपूर होते हैं बल्कि ये हड्डियों के लिए भी अच्छे माने जाते हैं. अंडों में विटामिन D भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. शरीर में विटामिन D बढ़ाने के लिए अंडा सबसे अच्छा और सस्ता विकल्प है. विटामिन D वाले खाने की अन्य चीजों के साथ अंडा लेने से हड्डियों की मजबूती बढ़ेगी और आपको ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या नहीं होगी.
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4. ओमेगा-3 फैट- ओमेगा-3 फैटी एसिड वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से शरीर का बचाव करता है. हृदय से जुड़ी दिक्कतों में भी ये बड़ा कारगर है. अखरोट, चिया सीड्स और अलसी के बीजों को यॉगर्ट के साथ खा सकते हैं. इसके अलावा मेथी, सरसों के बीच, हरी पत्तीदार सब्जियां, काला चना, राजमा और बाजरा से भी ओमेगा-3 फैट की कमी को पूरा किया जा सकता है.
5. आयुर्वेदिक चीजें- प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए आयुर्वेदिक चीजों का सहारा भी लिया जा सकता है. खांसी और अस्थमा से राहत के लिए घी में हल्दी मिलाकर सेवन करें. गुड़ के साथ हल्दी भी बेहद फायदेमंद होती है. सूखी खांसी में प्याज के साथ गुड़ भी बड़ी राहत देता है. अस्थमा के रोगियों को गाय के दूध और गेहूं का सेवन जरूर करना चाहिए.