देश में अधिकतर घरों की रसोई में हींग जरूर मौजूद होता है। भारतीय मसालों में इसका प्रमुख स्थान है। इसका स्वाद और इसकी खुशबू व्यंजनों को लजीज और स्वादिष्ट बना देती है। खाने में हींग का प्रयोग करना पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। दरअसल, हींग में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, इसलिए स्वाद के साथ यह हमारी सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है। यह हमारी पाचन शक्ति बढ़ाती है। हींग का पानी पीने के भी बहुत सारे फायदे हैं। यह कई बीमारियों से हमें बचाता है। आइए जानते हैं कैसे तैयार होता है हींग का पानी और यह किन समस्याओं में राहत देता है त्रिफला आयुर्वेद की अमृत औषिधि । वात, कफ तथा पित्त को पुनः संतुलित कर के हम न केवल शारीरिक बीमारियों को दूर कर सकते हैं किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति त्रिफला का सेवन कर सकता है। लेकिन एक बात तय है कि बेड टी की आदत छोड़नी होगी। दरअसल पूर्ण लाभ के लिये प्रातः सो के उठने के तुरंत बाद कुल्ला करके ताजे पानी के साथ त्रिफला का सेवन करना है। और फिर कम से कम एक घंटे तक किसी भी चीज का सेवन नहीं करना है। केवल पानी पी सकते हैं। विकारों (toxins) को शरीर से बाहर निकालना स्वास्थ्य प्राप्त करने का प्रथम सूत्र है।

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अतः त्रिफला सेवन प्रारंभ करने पर कुछ दिनों तक दिन में एक या दो बार पतले दस्त आना सामान्य बात है। अतः इसके लिये तैयार भी रहें। जैसे ही शरीर के विकार दूर होने लगेंगे दस्त आना भी बंद हो जायेंगे। कई बार व्यस्तता के कारण लोग इसके लिये तैयार नहीं होते हैं। दूसरी और त्रिफला में आंवला की मात्रा अधिक होने के कारण इसका प्रभाव ठंडा होता है। यह स्थिति भी कई लोगों को असहज लग सकती है। अतः उम्र के अनुसार जो भी मात्रा आप को लेनी चाहिये उसकी आधी मात्रा से प्रारंभ करना आसान हो सकता है। धीरे धीरे मात्रा बढ़ाते हुये एक महीने के अन्दर अपनी पूर्ण खुराक तक पहुँचना व्यवहारिक रहेगा। लेकिन सुबह सुबह खाली पेट सेवन एवं एक से दो घंटे तक ताजे पानी की अतिरिक्त और कुछ भी सेवन न करने के नियम का कठोरता से पालन अति आवश्यक है।

ऐसे बनाएं हींग का पानी
एक चुटकी हींग को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से कई समस्याओं में राहत मिलती है। हींग का पानी तैयार करना बहुत ही आसान है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हींग पाउडर डालकर इसे अच्छी तरह मिला लें। रोजाना सुबह खाली पेट पीना बहुत ही फायदेमंद होता है। हींग का पानी भोजन को पचाने में सहायक होता है। यह गैस और बदहजमी को भी दूर करता है।

डॉ नुस्खे ऑरगँनिक ब्लँक किशमिश SULPHUR FREE किशमिश खाने के स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक फायदे उच्च रक्तचाप करे कम ब्लड प्रेशर हाई है, तो काली किशमिश खाएं। ब्लड प्रेशर रक्त वाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर डाले गए दबाव को कहते हैं। धमनी एक नलिका होती है, जो रक्त को हृदय से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ले जाती है। रोज सुबह काली किशमिश खाएं। रक्तचाप को बढ़ाने के लिए सोडियम अधिक जिम्मेदार होता है, इसलिए कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से दूर रहने के लिए रोजाना काली किशमिश खाएं। इसमें पाए जाने वाले एंटी−ऑक्सीडेंट्स आपकी मेमोरी को बूस्टअप करने का काम करते हैं। काले किशमिश कैंसर को रोकने में भी सहायक है। इन सूखे अंगूरों में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं। मर्दाना ताकत बढ़ाने का अचूक उपाय है डॉ नुस्खे काली किशमिश, जानें सेवन करने के तरीके कुछ शारीरिक कमजोरियां जैसे- स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, कमजोरी आदि समस्याएं हैं जो मन पर नियंत्रण न होने की वजह से होती है. काली किशमिश का इस्तेमाल करने के तरीके- सबसे पहले किसी कांच के बर्तन में 300 ग्राम किशमिश के दाने लें. उसके बाद उसमें ऊपर से शहद इतना डालना है कि किशमिश अच्छी तरह से डूब जाए. अब इसे ढक्कन बंद करके 48 घंटे के लिए किसी अंधेरी कोठरी में रख दें. 48 घंटे बाद किशमिश के 4-6 दाने शहद के साथ निकाल लीजिए और सुबह खाली पेट सेवन करें. इसके पश्चात गाय का दूध एक ग्लास पिए. नियमित ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपकी मर्दाना शक्ति बढ़ जाएगी. ध्यान रहे इसे खाने से पहले और खाने 30 मिनट तक और खाने के 30 मिनट बाद तक किसी भी चीज का सेवन ना करें. साथ ही इसके सेवन काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें. धन्यवाद. काली किशमिश पाचन तंत्र के लिए भी बेहद लाभदायक है।

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सर्दी और सिरदर्द में आराम
एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के कारण हींग सिरदर्द में राहत देता है। सिरदर्द में एक गिलास हींग के पानी का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसे पीने से सांस संबंधी समस्याएं भी नहीं होती और सर्दी से भी यह बचाव करता है।

खांसी, अस्थमा में राहत
एंटी-वायरल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण यह सूखी खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों में आराम दिलाती है। छाती में जकड़न और कफ जैसी समस्या में भी यह राहत पहुंचाता है। सांस संबंधी समस्याओं में राहत पाने के लिए हींग, सोंठ और शहद को गुनगुने पानी में मिला कर सेवन करना चाहिए।

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वजन घटाने में फायदेमंद
हींग का पानी मेटाबोलिज्म बढ़ाता है, इससे शरीर में अतिरिक्त फैट जमा नहीं होता। इस कारण शरीर का वजन घटाने में मदद करता है। हींग शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है और हमें दिल की बीमारियों से बचाता है। हींग का पानी पेट के पीएच स्तर को भी नियंत्रित करता है।

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पीरियड के दर्द में दे राहत
महिलाओं को पीरियड के दौरान होने वाले पेट के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए यह बहुत ही असरदार होता है। यह ब्लड थिनर के रूप में काम करता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे पीरियड के दर्द में राहत मिलती है। नियमित रूप से खाली पेट हींग का पानी पीना हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

यह पाक युवतियों, गर्भिणी व नवप्रसूता माताओं-बहनों के लिए लाभदायी है। यह बल व रक्तवर्धक, प्रजनन-अंगों को सशक्त बनानेवाला, गर्भपोषक, गर्भस्थापक (गर्भ को स्थिर-पुष्ट करनेवाला), श्रमहारक (श्रम से होनेवाली थकावट को मिटानेवाला) व उत्तम पित्तनाशक है । एक-दो माह तक इसका सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया, अत्यधिक मासिक रक्तस्राव व उसके कारण होनेवाले कमरदर्द, रक्त की कमी, कमजोरी, निस्तेजता आदि दूर होकर शक्ति व स्फूर्ति आती है । जिन माताओं को बार-बार गर्भपात होता हो उनके लिए यह विशेष हितकर है । गर्भावस्था में छठे महीने से पाक का सेवन शुरू करने से बालक हृष्ट-पुष्ट होता है, माँ को दूध भी खुलकर आता है ।

1-1 चम्मच सुवह शाम दूध से सेवन करें। 15 दिनों में ही रंगत निखरेगी, लकोरिया समाप्त होगा, कमरदर्द बंद होगा, चेहरे की छाईयाँ गायब हो जायेंगी। माहवारी सही आने लगेगी। बनायें और लाभ लें।

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