दमा dama बहुत कष्ट देने वाली बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। दमा dama में सांस लेने वा निकालने में परेशानी होती है। खांसी की त्रीवता और साँस की नली में कफ़ जमा हो जाने से तकलीफ़ और भी ज्यादा बढ जाती है।
दमा का अटैक पड़ने पर रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है। दमा होने पर खांसी, नाक का बजना, छाती का कड़ा हो जाना, सुबह और रात में सांस लेने में तकलीफ होने जैसे लक्षण होते हैं।
समान्यता दमा, एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों ,धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव की वजह से काफी तकलीफ देता है। दमा को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है, लेकिन इस पर नियंत्रण हो सकता है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके।
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दमा के उपचार,
* 100 ग्राम दूध में लहसुन की पांच कलियां धीमी आँच पर उबाकर इस का हर रोज दिन में दो बार सेवन करने से दमे में काफी फायदा मिलता है।
* तुलसी के 10-15 पत्ते पानी से साफ़ कर लें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे आराम मिलता है।
* एक पके केले में चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक चौथाई छोटा चम्मच महीन पीसी काली मिर्च भर दें। फिर उसे 2-3 घंटे बाद हल्की आँच में छिलके सहित भून लें। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें। एक माह में ही दमें में खूब लाभ होगा।
* लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए।
* 4-5 लौंग को 150 पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर गरम-गरम पी लें। रोज दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
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* 250 ग्राम पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर उसे 5 मिनट तक उबालें। फिर ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस मिलाएं, इस सूप का रोज़ सेवन करें लाभ मिलेगा।
* एक चम्मच मैथीदाना को एक कप पानी में उबालें। ठंडा होने पर उसमें अदरक का एक चम्मच ताजा रस और स्वादानुसार शहद मिलाएं। सबेरे-शाम नियमित रूप से इसका सेवन करने से निश्चित ही बहुत लाभ मिलता है।
* एक चम्मच हल्दी को दो चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें दमा का दौरा तुरंत काबू में आ जायेगा।
* तुलसी के पत्तों को पानी में पीसकर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दमा रोग में शीघ्र ही लाभ मिलता है।
* दमें में खाँसी होने पर पहाडी नमक सरसों के तेल मे मिलाकर छाती पर मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है।
* एक चम्मच हल्दी एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से दमा काबू मे रहता है। हल्दी के एन्टीऑक्सीडेंट गुण के कारण एलर्जी भी नियंत्रण में रहती है।
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* सूखे अंजीर 4 – 5 पीस रात भर पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है, स्थाई रूप से आराम प्राप्त होता है ।
* आंवला दमा रोग में बहुत लाभदायक है। एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं।
* खांसी होने पर शहद को सूँघे, लाभ होगा । यह एक अच्छा देसी इन्हेलर है।
इस साइट के सभी आलेख शोधो, आयुर्वेद के उपायों, परीक्षित प्रयोगो, लोगो के अनुभवों के आधार पर तैयार किये गए है। किसी भी बीमारी में आप अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य ही लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें।
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4. ऐसे रिश्तों का गवाह बन रहा है सोशल मीडिया
डिजिटल होती दुनिया में सोशल मीडिया खुद में पूरी दुनिया को समेटे हुए है और इन नेटवर्किंग साइट्स पर कई तरह की दोस्ती देखने को मिल जाती है जैसे कुछ काम से जुड़े होते तो कुछ दोस्ती के नाते. यहां पर दोस्ती की कोई सीमा नहीं है, कोई भी किसी का दोस्त हो सकता है. चाहे वह बड़ा हो या छोटा, लड़का हो या लड़की. दोस्त सिर्फ दोस्त होता है और अब उससे लड़का-लड़की देखकर दोस्ती नहीं होती.
5. हां एक लड़का और लड़की दोस्त हो सकते हैं
लोगों की सोच में समय के साथ बदलाव हुआ है. बात चाहे दोस्ती की हो या रिश्तों की, लोग अब खुलकर सोचते है. मगर आज भी ज्यादातर लोग, बल्कि पढ़े-लिखे युवा भी कई बार दोस्ती में इस फर्क को जाहिर करते हैं. एक लड़का और लड़की सिर्फ दोस्त नहीं हो सकते, यह बात अब पुरानी हो चुकी है. फिर भी अगर दोस्ती लड़का-लड़की के बीच है तो उस पर नजर सदा पैनी ही रखी जाती है. लेकिन अब दोस्ती का रिश्ता प्यार और रिलेशनशिप पर भी भारी पड़ने लगा है.
लड़का और लड़की दोस्ती के इस कंफर्ट को समझने लगे हैं और व्यस्त-तनाव भरी जिंदगी में एक अच्छे दोस्त को कोई नहीं खोना चाहता. इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि दोस्त लड़की है या लड़का, बस सोच और समझ एक होनी चाहिए. हर रिश्ते की अपनी जगह होती है, अपना वजूद होता है. इस रिश्ते की पवित्रता को कहीं न कहीं समाज का एक वर्ग बखूबी समझ रहा है और उसे स्वीकार भी कर रहा है.
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