अकेलापन और मानसिक तनाव एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहे हैं
मानसिक रोग क्या है जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है। इस बारे में लखनऊ के केजीएमयू के मनोचिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ विवेक अग्रवाल बताते हैं, “मानसिक रोग के लक्षण, हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसे कौन-सी मानसिक बीमारी है। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, फिर चाहे वह आदमी हो या औरत, जवान हो या बुज़ुर्ग, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़, या चाहे वह किसी भी संस्कृति, जाति, धर्म, या तबके का हो।” अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल ज़िंदगी जी सकता है। लेकिन ज्यादातर केस में लोग काउंसलिंग करवाने से डरते हैं कि लोग उन्हें पागल समझेंगे और समस्या बढ़ जाती है। ”
तेज़ी से बदलते माहौल में हमारे शरीर और मन पर जो असर पड़ता है, उसे तनाव कहते है। तनाव दो तरह का होता है। पहला – अच्छा तनाव और दूसरा – बुरा तनाव। जहां अच्छे तनाव की वजह से आप अपनी नौकरी में प्रमोशन पाते है, वहीं बुरे तनाव में आप किसी से गुस्से में बहस कर लेते है। परिवार, पैसा, काम और स्कूल – ये तनाव के सामान्य कारण है।
छोड़ दें ये बुरी आदतें
देर तक सोना तनाव की शुरुआत आपकी सुबह से ही हो सकती है अगर आप रोज देर से सोकर उठते हैं। डॉक्टर भी मानते हैं कि देर से उठने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है जिससे उन्हें थकान, तनाव और उदासीनता अधिक सताती है। शोधों में भी यह माना गया है कि देर से उठने वाले लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं जिससे उनका बॉडी साइकिल गड़बड़ होता है और वे जल्द तनावग्रस्त होते हैं। घंटों टीवी देखना आपको तनाव और अवसाद की स्थिति तक पहुंचाने के लिए काफी है। बजाय घंटों तक टीवी देखने के आप अपना समय परिवार के साथ बिताएंगे या सैर करेंगे तो तनाव से कोसों दूर रहेंगे। धूम्रपान आपका तनाव बढ़ाती है। धूम्रपान से धड़कन तेज हो जाती है जिससे तनाव बढ़ता है
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