नमस्कार दोस्तों, नशा एक ऐसी चीज है जो खुद को तो बर्बाद करता ही है और साथ में परिवार को भी बर्बाद कर देता है। नशा जिस चीज का हो ख़राब होता है। जो नशे से दूर रहता है वही लम्बी उम्र पाता है और सभी प्रकार की बीमारियों से भी मुक्त रहता है। कभी सोंच कर देखिये अगर इस नशे की वजह से आपको कुछ हो गया तो आपके बाच्चों, माँ , पत्नी और जो भी आप पर आश्रित हैं। उनका क्या होगा।
आज हम आपको नशा छोड़ने से संबंधित एक अचूक उपाय बताने जा रहे हैं। यह एक प्रकार की दवा है जो हर तरह का नशा छुड़ाने में सहायक सिद्ध होती है। नशा चाहे कोई भी – शराब, गुटखा, तम्बाकू आदि, किसी भी तरह के नशे से छुटकारा पाया जा सकता है।इस दवा को तैयार करने के लिए सबसे पहले अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। अब इन पर सेंधा नमक डालें और साथ ही नीम्बू निचोड़ दें। अंत में टुकड़ों को धूप में सूखने के लिए रख दें। जब टुकड़े सूख जाएं तो इन्हें एक डिब्बे में रख लें। लीजिए बन गई नशा छुड़ाने की दवा । अब जब भी किसी नशे की लत लगे तो ये टुकड़ा निकालें और चूसते रहें। ये अदरक मुंह में घुलती नहीं है और इसे आप सुबह से शाम तक मुंह में रख सकते हैं, यकीन मानिए कि किसी दूसरे नशे को करने का मन भी नहीं करेगा।
इसके पीछे एक ठोस कारण है, दरअसल नशा युक्त पदार्थों में भारी मात्रा में सल्फर पाया जाता है और अदरक से बनाई गई यह दवा सल्फर युक्त होती है। इसलिए जैसे ही शरीर को सल्फर की मात्रा मिल जाएगी, किसी अन्य नशे को करने का मन नहीं करेगा। इस तरह यदि एक बार नशे से मन उठ गया तो यह बुरी आदत हमेशा के लिए छूट जाएगी। आप सभी लोगों से निवेदन है कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि किसी का घर बच सके।
दोस्तों अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो लाइक और हमें फालो करें ताकि मैं आपके लिए इसी तरह की जानकारियाँ देता रहूँ।
आज पूरे भारत नशा छुड़ाने की आयुर्वेदिक औषधि #G1Drop घर बैठे ऑर्डर करने के लिए click करें
https://chatwith.io/s/606b05760bc46
लत बुरी चीज है… यह हम सभी जानते हैं। लत हमें तो नुकसान पहुंचाती है ही साथ-साथ परिवार और करीबियों को भी दुखों और परेशानियों के भंवर में खींच लेती हैै। शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल में ‘ड्रग्स-फ्री इंडिया’ कैंपेन की बात कही। मन में ठान लें और सही तरीके से कोशिश करें तो ऐसी किसी भी लत से छुटकारा पाया जा सकता है। कैसे, एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं प्रियंका सिंह :
क्या होती है लत
शराब, सिगरेट, ड्रग्स या गुटखा/खैनी का सेवन थोड़ी मात्रा में भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन जब यह लत बन जाता है तो स्थिति काबू से बाहर होने लगती है। लत का मतलब है कि जिस चीज की लत है, वह जब तक न मिले, पीड़ित बेचैन और असामान्य रहता है। जब वह चीज उसे मिल जाए तो वह सामान्य लगने लगता है लेकिन असल में वह अंदर से बेहद कमजोर और बीमार हो चुका होता है।
लत के लक्षण
•घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन •गुस्सा आना, मूड अचानक बदलना •तनाव और मानसिक थकावट •फैसला लेने में दिक्कत •याददाश्त कमजोर पड़ना •चीजों को लेकर कन्फ्यूजन होना •नींद न आना •सिर में तेज दर्द होना •शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना •भूख कम लगना •धड़कन का बढ़ना •ज्यादा पसीना आना •बिना बीमारी के उल्टी-दस्त होना
लत लगने की वजह •अगर परिवार में कोई नशा करता है तो परिवार के दूसरे सदस्यों खासकर बच्चों में भी नशे की लत की आशंका होती है। •पैरंट्स को लत है तो बच्चों में ऐसे जीन्स होते हैं, जो उन्हें भी उस नशे की तरफ खींचते हैं। •एक्सपेरिमेंट और सेक्स की इच्छा बढ़ाने की कोशिश में भी लोग नशे की तरफ जाते हैं। •घर में कलह रहती है तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है। •खास मौके, जैसे कि फैमिली फंक्शन, फेस्टिवल, कोई खुशी का मौका आदि में कभी-कभी शराब लेने की बात करने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब आ सकते हैं।
💯1 महीने में अपनी फिटनेस को XL से L आकार में बदलें। अब “YES” टाइप करें 🙋🏻♀️ और मैं आपको course भेजूंगी 😃👍🏻💯
पुरे भारत डॉ नुस्खे वेट कण्ट्रोल किट ऑर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें
https://chatwith.io/s/606b04f2b1b95
नशा करने के नुकसान
•परिवार में कलह होनी शुरू हो सकती है और आपसी रिश्ते खराब हो जाते हैं। कई बार नशा तलाक की वजह बनता है। •पहले नशे की चीज और फिर इलाज पर पैसा भी फालतू खर्च होता है। •काम-धंधा छूट जाता है। पैसे की तंगी होने पर नशे का शिकार चोरी जैसे गैर-कानूनी काम भी करने लग सकता है।
सिगरेट या गुटखे की तलब हो तो इनकी जगह इलायची, सौंफ आदि ले सकते हैं। • सिगरेट के ऑप्शन के रूप में ई-सिगरेट (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) या हर्बल सिगरेट यूज कर सकते हैं। हालांकि डल्यूएचओ ने ई-सिगरेट का विरोध किया है। फिर भी कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि कम मात्रा में यूज की जाए तो ये सिगरेट छोड़ने में मददगार हो सकती हैं। इनमें निकोटिन होता है, लेकिन कम मात्रा में। पान या दवा की दुकानों पर और इंटरनेट से इसकी किट (करीब 500 सिगरेट) 2 हजार रु. तक में मिल जाती है। इंडिया में मिलनेवाले प्रमुख ब्रैंड हैं : आईटीसी इओन-वेप , स्नैपटिक ई-हेल्थ सिगरेट, लाइटजॉय, ज़ैप, सागाज़, स्मोकफ्री आदि। • हर्बल सिगरेट आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली कंपनियां बना रही हैं। इनमें कई तरह के पत्तों और जड़ों का इस्तेमाल होता है। हालांकि इनका धुआं भी अंदर जाता है, सो पूरी तरह सही नहीं है, पर नॉर्मल सिगरेट के मुकाबले इसका नुकसान बहुत कम है। 5-10 रुपये में आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान पर मिल जाती है। • निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरपी (च्यूइंग-गम) के जरिए स्मोकिंग की लत कम कर सकते हैं। हालांकि ज्यादा खाने से इसकी भी लत लग सकती है और डॉक्टर की सलाह के बिना इसे नहीं लेना चाहिए। इन तमाम दवाओं को तब-तब लेने की सलाह दी जाती है, जब-जब सिगरेट की बहुत ज्यादा तलब महसूस हो। धीरे-धीरे इसे कम किया जाता है। बाद में स्मोकिंग की लत छूट जाती है। जो कभी-कभार शौकिया स्मोकिंग करते हैं, उन्हें इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। • पॉजिटिव रहें। फिजिकली एक्टिव रहें। पसंदीदा बुक्स पढ़ें। स्मोकिंग या अल्कोहल के नुकसान बतानेवाली बुक अपने पास रखें। दिल को खुश करनेवाली फिल्में देखें और गाने सुनें।
https://chatwith.io/s/606b0939d8942
1. पहला, मरीज आदत पर कंट्रोल कर खुद नशे को छोड़ दे लेकिन उसके बाद लगने वाली तलब को कम करने या बीमारियों के इलाज में डॉक्टर और काउंसिलर से मदद ले।
2. दूसरे, मरीज लत को छोड़ नहीं पा रहा तो दवाओं के जरिए उसकी तलब को कम किया जाता है। फिर दूसरी बीमारियों का इलाज होता है।
3. इलाज में जनरल फिजिशियन के अलावा काउंसलरों की काफी बड़ी भूमिका होती है।