आप अगर शिवरात्रि का व्रत रखने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए है। जब लम्बे समय तक भूखे रहने के बाद जब हम काफी मात्रा में खाना खा लेते हैं, तो फूड पॉयजनिंग का खतरा हो सकता है। खासतौर पर व्रत रखने के बाद जब व्रत खोलने के लिए कुछ खाते हैं, तो पेट खराब होने के साथ फूड पॉयजनिंग का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि व्रत में लम्बे समय तक भूखे रहने के बाद तली-भुनी चीजें खाने से इसका असर पाचन शक्ति पर पड़ता है, जिससे एसिड बनने की समस्या हो जाती है। ऐसे में कुछ उपाय ऐसे हैं जिनसे फूड पॉयजनिंग के खतरे को कम किया जा सकता है।
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फूड पॉयजनिंग क्या है
फूड पॉयजनिंग एक तरह का संक्रमण है, जो स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणु के कारण हो सकता है। जब स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया किसी खाद्य पदार्थ को खराब कर देता है, तो उसे खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इस कारण उल्टी और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, फूड पाइजनिंग की समस्या कॉली बैक्टीरिया के कारण भी हो सकती है। यह गंदा पानी पीने से शरीर में आ सकता है।
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फूड पॉयजनिंग से बचने के घरेलू उपाय-
-हाजमे को सुधारने के लिए अदरक विशेष रूप से फायदा पहुंचाता है। खाने के साथ अदरक के लच्छे पर जरा-सा काला नमक और नीबू डाल कर खाएं। अदरक की चाय पिएं।
-पेट की तकलीफ में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
-शहद का सेवन भी पेट को आराम पहुंचाता है।
-भुने जीरे को पतली छाछ में मिलाकर पीने से पेट को राहत मिलती है। भूख लगने लगती है।
-फूड पॉयजनिंग होने पर तुलसी के पत्तों का रस अदरक में मिलाकर पीने से काफी लाभ मिलता है।
-पानी उबाल कर ही पिएं, क्योंकि उबालने से पानी हल्का हो जाता है।
हाइपर एसिडिटी एवं अजीर्ण रोग में आयुर्वेद पद्धति का सबसे विश्वनीय चूर्ण है | अधीक अम्लीय पदार्थो के सेवन एवं आहार में अम्लता की अधिकता के कारण शरीर में हाइपर एसिडिटी जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है | हाइपर एसिडिटी के कारण सीने में जलन, कब्ज, अजीर्ण एवं अपच जैसे रोगों से व्यक्ति पीड़ित हो जाता है | अविपत्तिकर चूर्ण भूख की कमी, भोजन ठीक ढंग से न पचना, सीने में जलन एवं कब्ज जैसे रोगों में अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से जल्द ही आराम मिल जाता है https://cutt.ly/5l0gcfj
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इन बातों का रखें ध्यान
-खाना हमेशा साबुन से अच्छी तरह हाथ धोकर ही बनाएं।
-हमेशा साफ-सुथरे और अच्छी तरह धुले बर्तनों का ही इस्तेमाल करें।
-खाने की चीजें खरीदते समय कच्चे मांस, मछली या चिकन को फल और सब्जियों से अलग ही रखें, वरना क्रॉस कन्टेमिनेशन का खतरा बढ़ सकता है।
-खाना हमेशा अच्छी तरह पका कर खाएं, ताकि उच्च ताप से सभी हानिकारक जीव नष्ट हो जाएं
-खाना पकाने के बाद उसे देर तक बाहर या खुला न छोड़ें। आमतौर पर पके भोजन में भी करीब दो घंटे बाद बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
-यदि पके हुए भोजन का रंग या गंध बदली हुई लगे तो उसे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
-बारिश के मौसम में अपच की समस्या भी बढ़ जाती है, इसलिए ज्यादा चटपटा या तला-भुना भोजन करने से बचना चाहिए।
-रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले झाड़न को भी रोज गर्म पानी से धोना चाहिए। उनमें मौजूद ई-कोलाई बैक्टीरिया पेट में कई तरह की गड़बड़ियां कर सकता है।
-फल व सब्जियों को बहुत अच्छी तरह नल के बहते पानी में ही धोना चाहिए।