रिफाइंड ग्रेन पर हुई नई रिसर्च अलर्ट करने वाली है। रिसर्च कहती है, मैदा और ब्रेड जैसे रिफाइंड ग्रेन दिल की बीमारी की वजह बनते हैं और मौत का खतरा 27 फीसदी तक बढ़ाते हैं। आप रोज डाइट में ऐसा खाना शामिल करते हैं तो हार्ट डिजीज का खतरा 33 फीसदी और स्ट्रोक होने की आशंका 47 फीसदी तक रहती है। यह दावा कनाडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है।
1.37 लाख लोगों पर हुई रिसर्च
16 साल तक उच्च और मध्यम आय वर्ग वाले 1.37 लाख लोगों पर हुई रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि ये किस हद तक नुकसान पहुंचाते हैं। रिसर्च के लिए अनाज को तीन हिस्सों में बांटा गया। रिफाइंड ग्रेन, होल ग्रेन और वाइट राइस। रिसर्च में सामने आया कि वाइट राइस और होल ग्रेन (साबुत अनाज) से लोगों में नुकसान नहीं दिखा, लेकिन रिफाइंड ग्रेन का असर दिखा। डाइट में रिफाइंड ग्रेन की मात्रा घटाकर मौत और बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है।
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आखिर रिफाइंड ग्रेन होता क्या है?
अनाज से उत्पाद तैयार करने के लिए उसे एक प्रोसेसिंग से गुजारा जाता है। जिससे उसके फायबर और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इन्हीं उत्पाद को रिफाइंड ग्रेन कहते हैं। जैसे मैदा, इससे तैयार होने वाली ब्रेड, पास्ता, एडेड शुगर।
ये क्यों है खतरनाक
एक अन्य रिसर्च कहती है, प्रोसेसिंग के बाद तैयार इन चीजों को खाने से शरीर में पोषक तत्व नहीं पहुंचते। दुनियाभर में अलग-अलग तरह की डिशेज तैयार करने में इनका काफी इस्तेमाल होता है। रिफाइंड ग्रेन में फायबर बेहद कम होने के कारण यह आसानी से पच जाता है। नतीजा, इंसान भूख से ज्यादा खा जाता है। इसलिए यह मोटापा और ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने का काम करते हैं।
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खानपान से जुड़ी 3 बातें जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटाएंगी
1. गेहूं की जगह बाजारा-ज्वार मिलाकर रोटी खाएं
गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। ये दिल के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, सेब, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।
2. डाइट में चीनी की मात्रा कम ही रखें
तली हुई और मीठी चीजों को भले ही पूरी तरह अवॉइड न करें, लेकिन कम जरूर करें। अगर आपने एक गुलाब जामुन खा लिया है तो फिर कम से कम एक सप्ताह तक और कोई मीठी चीज न खाएं या चाय में चीनी की मात्रा कम करके उसकी भरपाई करें।
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3. भूख से 20 फीसदी कम खाएं
जितनी भूख है, उससे 20 फीसदी कम खाएं। घर में वजन मापने की डिजिटल मशीन रखें। रोजाना सुबह के समय वजन चेक करें। अगर कल की तुलना में वजन ज्यादा है तो उसे आज ही, खाने से या व्यायाम से मेंटेन करें। कल पर न छोड़ें।