कई बार आपके साथ भी ऐसा होता होगा ना कि बिस्तर पर जाने के घंटों बाद भी नींद नहीं आती और आप करवट बदलते रहते हैं। कभी लगता है कि ठंड लग रही है, कभी गर्मी लग रही है, कभी तकिया सही नहीं है, लेकिन सारी चीजें सही करने के बाद भी नींद का कुछ पता नहीं होता। यह तो हम सभी जानते हैं कि रोजाना कम से कम 7 घंटे की लगातार और चैन की नींद बेहद जरूरी है। ताकि हमारा शरीर और दिमाग सही तरीके से कार्य कर सकें। अगर शरीर को पर्याप्त नींद न मिले तो सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें संज्ञानात्मक क्रियाओं पर पड़ने वाला असर भी शामिल है।

कभी-कभार बीच रात में पानी पीने के लिए या टॉइलेट के लिए उठना सामान्य सी बात है, लेकिन अगर रोजाना आपके साथ यही हो कि बीच रात में आपकी नींद खुल जाए और फिर गहरी नींद न आए तो इसकी वजह से नींद की कमी की समस्या हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को बिस्तर पर जाने के बाद नींद आने में या फिर एक बार सो जाने के बाद गहरी नींद लेने या फिर सोते रहने में समस्या महसूस हो रही हो तो इसके कई कारण हो सकते हैं। लिहाजा समस्या का कारण पता करना जरूरी है कि आखिर किस वजह से बार-बार बीच रात में आपकी नींद खुल जाती है।

कॉफी का संबंध सतर्कता से है क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित कर आपको चौकस रखने का काम करता है। कॉफी, एक साइकोऐक्टिव पदार्थ है (मूड और बाकी मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वाला) जिसका दुनियाभर में सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है। अगर आप भी ऑफिस में थकान भरे दिन के बाद देर शाम एक गर्म कॉफी पी लेते हैं तो यह शरीर की थकान उतारने के साथ ही बॉडी क्लॉक को भी डिस्टर्ब करने का काम करता है। नींद पर कैफीन का क्या असर होता है यह सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपने सोने से पहले कितने कैफीन का सेवन किया है बल्कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने दिनभर में कितनी मात्रा में कैफीन का सेवन किया है खासतौर पर शाम के समय।

इससे बचने के लिए क्या करें

  • जहां तक संभव हो कैफीन से परहेज करें- इसमें कॉफी के साथ ही एनर्जी ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक जैसी चीजें भी शामिल हैं- खासकर शाम और रात के समय। आप चाहें तो कुछ दिनों तक कॉफी के सेवन और नींद के पैटर्न के बीच क्या संबंध है इस पर नजर रखकर दिन में आखिरी कप कॉफी कब पीनी है, इसका एक टाइम भी सेट कर सकते हैं।

    बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि रात में सोने से पहले अगर अल्कोहल का छोटा ड्रिंक लिया जाए तो नींद आने में मदद मिलती है। इसमें कोई शक नहीं कि अल्कोहल, अवसादक (डिप्रेसेंट) होता है और इसलिए इसके सेवन से व्यक्ति को ऊंघाई आने लगती है और इसलिए जल्दी सोने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अल्कोहल के सेवन के बाद नींद को बढ़ावा देने वाले केमिकल एडिनोसिन का उत्पादन शरीर में बढ़ जाता है। हालांकि, यह केमिकल जितनी जल्दी बढ़ता है उतनी ही तेजी से कम भी हो जाता है और इसलिए व्यक्ति की नींद पूरी होने से पहले ही बीच रात में नींद खुल जाती है।

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    अल्कोहल के सेवन के बाद अच्छी और गहरी नींद न आने का एक और कारण ये है कि यह आरइएम स्लीप को ब्लॉक कर देता है जिसे आमतौर पर नींद के सबसे स्वास्थ्यकर प्रकार के तौर पर देखा जाता है। आरइएम स्लीप में कमी की वजह से बीच रात में मदहोशी में व्यक्ति की नींद खुल जाती है।

    क्या करें

    • सीमित मात्रा में अल्कोहल का सेवन करें- डॉक्टरों का सुझाव है कि पुरुषों को रोजाना 2 छोटी ड्रिंक और महिलाओं को 1 छोटी ड्रिंक की लिमिट को सेट कर लेना चाहिए और इससे अधिक का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
    • जहां तक संभव हो देर शाम में या रात के समय ड्रिंक करने से बचें।

     

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