श्रावण का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है, इसलिए इस खास माह में भगवान शिव के भक्त उनकी उपासना करते हैं। शिव मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ लग जाती है। हालांकि इस समय कोरोना काल चल रहा है। इसलिए आपको भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए। इस अवसर पर हम आपको ऐसी पूजा विधि बता रहे हैं, जिससे आप अपने घर बैठे भगवान शिव की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। आइए उससे पहले जानते हैं सावन सोमवार का महत्व क्या है और इस बार सावन सोमवार कब-कब पड़ेगा।
सावन सोमवार का महत्व
सावन माह और सोमवार का दिन, ये दोनों ही भगवान शिव को प्रिय है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन भोले शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सावन के महीने में ही शिवभक्तों के द्वारा कांवड़ यात्रा शुरू की जाती है। तीर्थस्थालों से कांवड़िए गंगाजल भरकर पैदल यात्रा करते हैं और सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने के पश्चात वे शिवमंदिरों में गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
सावन सोमवार की तारीखें
दिन तारीख
सावन का पहला सोमवार 06 जुलाई 2020
सावन का दूसरा सोमवार 13 जुलाई 2020
सावन का तीसरा सोमवार 20 जुलाई 2020
सावन का चौथा सोमवार 27 जुलाई 2020
सावन का पांचवा सोमवार 03 अगस्त 2020
घर पर इस विधि से
सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें।
घर के मंदिर में स्थापित शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
शिवजी का पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें।
शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं।
प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं।
धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें।
अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
यदि उपरोक्त पूजा विधि संभव न हो पाए तो आप इस प्रकार से घर पर रहकर शिव आराधना कर सकते हैं –
संध्याकाल के समय शिवपुराण का पाठ करें।
प्रातः एवं संध्याकाल में शिव गायत्री की ग्यारह-ग्यारह माला जपें।
शिव आराधना के समय 108 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
संभव हो तो तीन बार रुद्राष्टक पढ़ लें।
सावन सोमवार की पूजा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सावन में शिव आराधना के समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है अन्यथा आपको शिव के क्रोध का भागी भी बनना पड़ सकता है। शिव पूजन में केतकी पुष्प न चढ़ाएं। कहते हैं केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिव नाराज होते हैं। साथ ही तुलसी को कभी भी भगवान शिवजी को अर्पित न करें। शिवजी को नारियल पानी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। उनका जलाभिषेक हमेशा कांसे अथवा पीतल के बर्तन से करना चाहिए।
सुहागिन महिलाएं ऐसे करें पूजा
सुहागिन महिलाओं को इस दिन माँ पार्वती को श्रृंगार हेतु मेहंदी चढ़ानी चाहिए। पुरुषों को पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराकर बेलपत्र पर अष्टगंध, कुमकुम, अथवा चन्दन से राम-राम लिखकर ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय’ कहते हुए शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त भांग, धतूर बेलपत्र, मंदार पुष्प तथा गंगाजल भी अर्पित हुए ‘काल हरो हर, कष्ट हरो हर, दुःख हरो, दारिद्र्य हरो, नमामि शंकर भजामि शंकर शंकर शंभो तव शरणं। इस मंत्र से प्रार्थना करनी चाहिए।
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