मानव शरीर को जीवित रखने के लिए रक्त आवश्यक अवयवों में से एक है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों को पहुंचाने का कार्य करता है। इसके साथ ही यह कार्बन डाई ऑक्साइड एवं अन्य विषाक्त पदार्थों को शरीर के अंगों जैसे कि किडनी, फेफड़े एवं पाचन तंत्र से निकाल कर शरीर से बाहर निकालने का भी कार्य करती है। इसके अलावा, रक्त शरीर में होने वाले इन्फेक्शन से भी बचाता है एवं हार्मोन के लिए कैरियर का भी कार्य करता है। रक्त, रक्त कणिकाएं एवं प्लाज्मा से मिलकर बनता है। अलग-अलग रक्त कणिकाओं के अलग-अलग कार्य होते हैं। यदि शरीर में रक्त की कमी या हीमोग्लोबिन के कमी हो जाए तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इस आर्टिकल में हम शरीर में रक्त बनाने वाले भोज्य पदार्थों एवं रोजाना की डाइट के द्वारा कैसे इसकी मात्रा को ठीक रख सकते हैं, इस विषय में बात करेंगे। आइए जानते हैं।

शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सही आहार एक मुख भूमिका निभा सकता है। और निश्चय ही भारतीय आहार में ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिनसे हीमोग्लोबिन बढ़ाने में फायदा होता है। तो आइए जानते हैं खून बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए –

1. खमीर-युक्त आहार – भारत में ज्यादातर लोग विटामिन 12 की कमी से ग्रसित है एवं इसकी बहुत ज्यादा मात्रा में कमी होने के कारण पेरनिसियस एनीमिया से ग्रसित हो सकते हैं। यह एक रक्ताल्पता से सबंधित गंभीर बीमारी है, साथ ही वेगन व शाकाहारी आहार में विटामिन बी12 की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में ये फर्मेंटेड फूड कुछ हद तक आपकी विटामिन बी12 की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। कोशिश करें कि दिन में एक आहार इन फर्मेन्टेड फूड में से अवश्य हो। इसे आप चाहे तो नाश्ते में इडली सांभर या शाम के समय ढोकला आदि के रूप में ले सकते हैं। इनके अलावा अचार, डोसा, ढोकला, ब्रेड, मठ्ठा, दही, कांजी, पारम्परिक दही चावल, अम्बाली, अंदुरि पीठा, हवाईजर, एखोनी, मीसो आदि भारत के अलग-अलग इलाकों में बनने वाले आहार हैं, जो अपने अलग-अलग स्वाद एवं गुणों के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. काबुली चना – काबुली चना शाकाहारी व्यक्तियों के लिए स्वादिष्ट और लौह तत्व का अच्छा स्रोत है। आप इसे अपनी सब्जी, सलाद, पास्ता, पुलाव इत्यादि में मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपको इसका टेक्सचर पसंद नहीं है तो आप इसकी प्युरी बनाकर इसे हम्मस के रूप में प्रयोग कर सकते है, इसमें नींबू का रस मिलाकर प्रयोग करने से विटामिन सी की मात्रा बढ़ जाती है जो कि फलियों में पाए जाने वाले नॉन-हेम आयरन के अवशोषण में सहायता करता है।

3. गुड़ – भोजन के पश्चात गुड़ का सेवन भारतीय मिठाइयों में सबसे प्राचीन है। गुड़ का प्रयोग प्रतिदिन किसी भी रूप में करने से एनीमिया होने जा खतरा नियंत्रित रहता है। फोलिक एसिड और आयरन दोनों की कमी से एनीमिया होता है (फोलेट डिफिशियेंसी एनीमिया और आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया)।

गुड़ इन दोनों विटामिन और खनिज का सर्वोत्तम स्त्रोत है, गुड़ का प्रतिदिन प्रयोग इन दोनों के बचाव में सहायक है। गुड़ में इन तत्वों के साथ ही लौह तत्व, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, सेलेनियम और जिंक तत्व भी बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि रक्त साफ करने में सहायता करता है। गुड़ का प्रयोग प्रतिदिन करने से आपकी त्वचा मुलायम, स्वस्थ और चमकदार हो जाती है।

4. तिल – भारत में तिल का उपयोग काफी ज्यादा देखने को मिलता है। तिल आयरन, कॉपर, फास्फोरस, विटामिन ई, और जिंक का अच्छा स्रोत माना जाता है। एक कप तिल में 20 मिली ग्राम आयरन की मात्रा पाई जाती है जो आपके प्रतिदिन के आयरन की मांग को पूरा करने में काफी हद तक मदद करता है। तिल का प्रयोग आप अपने एनर्जी बार, चिक्की, सलाद, लड्डू तथा तहिनी के रूप में भी कर सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल :
  • करी पत्ते को अच्छी तरह से धो लें।
  • रोज सुबह खाली पेट आठ से दस पत्तियों का सेवन करें।
  • समस्या के दिनों में यह प्रक्रिया रोजाना कर सकते हैं।
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आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 का प्रतिदिन उपभोग आपके शरीर में खून के स्तर को ठीक बनाए रखने में मदत करता है। साथ ही साथ विटामिन सी का प्रयोग आयरन के अवशोषण में सहायता होता है। आइए जानते हैं कि हम अपने भोजन में इन पोषक तत्वों का प्रयोग कैसे करें।

1. आयरन से भरपूर भोजन – शरीर में खून की कमी तथा हीमोग्लोबिन का कम होना, आयरन की कमी के लक्षण हैं। आयरन से भरपूर भोजन इस स्थिति को नियंत्रित करने में सहायता करता है। अपने भोजन में इन चीजों को लेकर आप उसे आयरन से भरपूर बना सकते है –

2. विटामिन सी से भरपूर भोजन – रक्त के लिए विटामिन सी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। आयरन हीमोग्लोबिन का मुख्य तत्व है तथा आयरन के अवशोषण में विटामिन सी मुख्य भूमिका निभाता है, इसके अभाव में आयरन का अवशोषण नहीं हो पाता है। खाने में संतरा, नींबू, शिमला मिर्च, टमाटर, अंगूर, बैरी इत्यादि का अधिक से अधिक प्रयोग आपके शरीर में विटामिन सी की पूर्ति करता है। अच्छे अवशोषण के लिए  प्रतिदिन भोजन के साथ एक गिलास नींबू के रस का प्रयोग करना उचित होता है।

3. विटामिन बी12 से भरपूर आहार – विटामिन बी 12 की कमी से बी12 डिफिशियेंसी एनीमिया तथा परनिसियस देखने को मिलता है (बी12 का अवशोषण ना होने से लाल रक्त कणिकाओं का कम होना)। विटामिन बी12 का प्रयोग करके आप इसे आसानी से ठीक कर सकते हैं। भोजन में इन चीजों के प्रयोग से विटामिन बी 12 की मात्रा बढ़ायी जा सकती है :

  • ऑर्गन मीट – लीवर, किडनी
  • मांस और मछली – चिकन, मछली, प्रॉन, लॉब्स्टर
  • विटामिन बी12 फोर्टीफाइड फूड – जूस, मेवे वाला दूध, मेवे का मक्खन, कम वसा युक्त दूध, योगर्ट, चीज़, अंडे, खमीर

4. फोलिक एसिड से भरपूर आहार – फोलिक एसिड को विटामिन बी9 के नाम से जाना जाता है जो कि शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में सहायक होता है। इसकी कमी से रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी देखी जाती है जो कि गर्भावस्था के दौरान सामान्य रूप से देखने को मिलती है। भोजन में प्रतिदिन इस चीजों के प्रयोग से इसकी पूर्ति की जा सकती है –

जीवनशैली से जुड़ी कुछ अन्य बातें भी हैं जो शरीर में खून के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।

  • कैफीन युक्त पेय जैसे – चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक इत्यादि से परहेज करें। इनका प्रयोग पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करता है
  • स्मोकिंग से परहेज करें
  • भोजन में ऑक्सलेट युक्त चीजों से परहेज करें जैसे – पालक, कॉफी, चॉकलेट, कार्बोनेटेड ड्रिंक यह आयरन के अवशोषण को प्रभावित करते हैं
  • सादे पानी में नींबू का रस डालकर प्रयोग करें
  • भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए लोहे के बर्तन का प्रयोग करें
  • यदि आपको पेट के गैस की समस्या है तो इसे ठीक करने के लिए गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट से संपर्क करें
  • नियमित तौर पर अपने पूरे बॉडी चेकअप के लिए जाएं तथा किसी भी प्रकार की पोषण संबंधी समस्या के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार कराएं
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