उम्र बढ़ने या बुढ़ापा आने पर पुरानी बातें भूल जाना, किसी चीज को रखकर भूल जाना आम समस्या है. लेकिन कई बार 30-35 साल की उम्र में भी लोग बात करते वक्त किसी का नाम भूल जाते हैं, किसी चीज को तुरंत कहीं पर रखकर भूल जाते हैं, सीढ़ी चढ़कर ऊपर आते हैं और भूल जाते हैं कि ऊपर क्यों आए थे. ये सारी बातें इस ओर इशारा करती हैं कि आपको अपने ब्रेन का और अधिक ध्यान रखने की जरूरत है. दरअसल, ब्रेन हमारे शरीर की 20 प्रतिशत कैलोरीज का इस्तेमाल कर लेता है, लिहाजा उसे पूरे फोकस के साथ काम करने के लिए खूब सारी एनर्जी की जरूरत होती है. अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिससे आपका ब्रेन हेल्दी रहे और आपकी मेमोरी पावर भी बढ़े.

जब बात ब्रेन को हेल्दी रखने वाले फूड्स की आती है तो उस लिस्ट में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फैटी या ऑयली फिश का नाम सबसे पहले लिया जाता है. ओमेगा-3 ब्रेन की कोशिकाएं जिन्हें न्यूरॉन्स कहते हैं के इर्द-गिर्द मेम्ब्रेन बनाने का काम करता है. 2017 में हुई एक स्टडी की मानें तो ओमेगा-3 का हाई लेवल ब्रेन में खून के संचार को बढ़ाता है जिससे सोचने की क्षमता बेहतर होती है. लिहाजा अपनी डाइट में सैल्मन, ट्यूना, सार्डिन, मैकेरेल जैसी मछलियों को जरूर शामिल करें

डार्क चॉकलेट में कोको होता है जिसमें फ्लैवनॉयड्स पाए जाते हैं जो एक तरह का एंटीऑक्सिडेंट है. एंटीऑक्सिडेंट ब्रेन हेल्थ के लिए जरूरी है क्योंकि शरीर में बनने वाला ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस उम्र बढ़ने पर ब्रेन को नुकसान पहुंचाने लगता है. 2013 की एक रिव्यू स्टडी की मानें तो कोको फ्लैवनॉयड्स, चीजों को सीखने और याददाश्त में शामिल न्यूरॉन और रक्तवाहिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है.

डार्क चॉकलेट की ही तरह स्ट्रॉबेरीज, ब्लैकबेरीज, ब्लूबेरीज, रैस्पबेरीज और ब्लैककरेंट आदि में फ्लैवनॉयड एंटीऑक्सिडेंट्स पाया जाता है. रिसर्च की मानें तो यही वो कॉम्पोनेंट है जो बेरीज को ब्रेन के लिए बेस्ट फूड बनाता है. बेरीज में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट्स, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है. साथ ही उम्र बढ़ने पर होने वाली ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है.

इम्यूनिटी मजबूत बनाने के साथ ही ब्रेन के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है हल्दी. हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्युमिन इसका एक्टिव इन्ग्रीडिएंट है जो ब्रेन में सीधे पहुंचकर ब्रेन की कोशिकाओं को फायदा पहुंचाता है. अल्जाइमर्स के मरीजों में याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है कर्क्युमिन. साथ ही हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्युमिन सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन्स का सीक्रिशन बढ़ाता है जिससे मूड बेहतर होता है और डिप्रेशन के लक्षण कम होते हैं. साथ ही कर्क्युमिन ब्रेन की नई कोशिकाओं को भी बढ़ाने का काम करता है.

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नट्स और सीड्स यानी सूखे मेवे और बीज भी ब्रेन के लिए फायदेमंद हैं क्योंकि इनमें एंटीऑक्सिडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. 2014 की एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि मेवे का अधिक सेवन करने का संबंध बुजुर्गों में ब्रेन के बेहतर फंक्शन के साथ था. साथ ही नट्स और सीड्स विटामिन ई से भी भरपूर होता है जो ब्रेन की कोशिकाओं को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाता है. लिहाजा अपनी डाइट में अखरोट, बादाम, हेजलनट के साथ ही कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज को भी शामिल करें.

कॉफी में 2 प्रमुख कॉम्पोनेन्ट्स होते हैं- कैफीन और एंटीऑक्सिडेंट्स जो ब्रेन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. कॉफी में पाया जाने वाला कैफीन ब्रेन को अलर्ट रखने में मदद करता है, फील-गुड हार्मोन का सिक्रीशन बढ़ाकर मूड को अच्छा करता है और फोकस और कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ाने का भी काम करता है. साथ ही कॉफी पीने से पार्किन्सन्स और अल्जाइमर्स जैसी ब्रेन की बीमारियां भी नहीं होती हैं.

ब्राउन राइस, बार्ली, ओटमील, होल-ग्रेन ब्रेड, होल-ग्रेन पास्ता ये कुछ ऐसे साबुत अनाज हैं जो विटामिन ई का अच्छा सोर्स हैं और ब्रेन को बेहतर फंक्शन करने में मदद करने के साथ ही मेमोरी पावर को भी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. लिहाजा अपनी डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करें.

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