भगवान शिव को बेलपत्र प्रिय है इस बात का जिक्र शिव पुराण में भी मिलता है। इसलिए हर शिव भक्त चाहता है कि भगवान शिव जी पूजा करते समय वह बेलपत्र अर्पित करके भगवान शिव को प्रसन्न करे। लेकिन शिव जी को बेल पत्तों के अलावा भी कई दूसरे पत्ते भी खूब पंसद हैं। इसलिए शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ बेलपत्र ही नहीं इन पत्तों का भी अर्पिण करें।भगवान भोलेनाथ को बेल के बाद दूसरा सबसे प्रिय है भंग। भंग का पत्ता या भंग का शर्बत बनाकर भोलेनाथ को चढ़ाएं तो शिव बड़े प्रसन्न होते हैं। इसका कारण यह है कि भंग एक औषधि है। कहते हैं जब शिव जी ने हलाहल विष का पान किया था तब जहर का उपचार करने के लिए भंग के पत्तों का इस्तेमाल किया गया था।
धतूरा का फल और पत्ता औषधि के रूप में काम आता है। शिव पुराण में बताया गया है कि शिव को धतूरा बहुत पसंद है। शिव जी को अधूरा अर्पित करने वाले को शिव जी धन-धान्य प्रदान करते हैं।
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आक का फूल और पत्ता दोनों ही भगवान शिव को प्रिय है कहते हैं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसकी मानसिक और शारीरिक कष्ट हर लेते हैं। ऐसा भी लोग कहते हैं आक से मिले लाख यानी जो शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उनकी गरीबी दूर करते हैं।
पीपल का पत्ता। पुराणों में उल्लेख मिलता है कि पीपल पर त्रिदेवों का वास है। पीपल के पत्तों पर भगवान शिव विराजमान होते हैं। जो भक्त शिव जी को पीपल के पत्ते अर्पित करते हैं शिव जी उन्हें शनि के प्रकोप से बचाते हैं।
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