किडनी में स्टोन होना एक कॉमन बीमारी है। किडनी शरीर का एक अहम अंग है। इसका काम ब्लड को फिल्टर करना होता है। किडनी द्वारा ब्लड फिल्टरेशन के दौरान सोडियम, कैल्शियम और अन्य दूसरे मिनरल्स बारीक कणों के रूप में यूरेटर के माध्यम से ब्लैडर तक पहुंचते हैं, जो पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो ये किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों जैसा आकार ले लेते हैं, जिसके कारण ब्लैडर तक यूरिन पहुंचने के रास्ते में रुकावट आती है और किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी की समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या में खाने-पीने में काफी एहतियात रखने की जरूरत होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किडनी स्टोन के पेशेंट को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
किडनी स्टोन के लक्षण
पेशाब करते समय हल्का दर्द
बार-बार टॉयलेट लगना
पेट में तेज दर्द
भूख नहीं लगना
जी मचलाना
बुखार आना
हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से न सिर्फ हमारे शरीर की जरूरतों को पूरा किया जाता है, बल्कि इससे हमारी सेहत पर भी असर पड़ता है। जब हमारे द्वारा ली जाने वाली कैलोरी में से कुछ ही कैलोरी बर्न हो पाती है तो हमारा वजन बढ़ने लगता है। हम अपनी कैलोरी को डाइट में शामिल चीजों के सही चुनाव से बैलेंस कर सकते हैं। एक बैलेंस डाइट का मतलब किसी खास तरह के खाने से परहेज नहीं है, बल्कि एक ऐसी डाइट से है, जिसमें शरीर को मिलने वाले सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारे वजन बढ़ने के पीछे बेतरतीब लाइफस्टाइल के अलावा पैक्ड चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करना भी है। अक्सर ब्रांडेड प्रोडक्ट्स में मौजूद अनहेल्दी कार्बोहाइड्रेट्स और महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट से पर्याप्त पोषण की कमी, सांस की समस्या और थकान जैसी हेल्थ रिलेटेड समस्याएं पैदा हो सकती हैं। मदरहुड हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु की कंसल्टेंट न्यूट्रिनिस्ट और डाइटीशियन अर्चना एस ने वेटलॉस के लिए कुछ कॉमन अनाजों के बारे में बताया है :
ज्वार का आटा स्वाद में थोड़ा कड़वा, लेकिन फाइबर से भरपूर होता है और आमतौर पर हर जगह मिल जाता है। ज्वार के आटे में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन मौजूद होते हैं। यह ग्लूटेन फ्री होता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी कारगर होता है। एक कप ज्वार में लगभग 22 ग्राम प्रोटीन होता है। यह आपकी भूख पर कंट्रोल कर आपको अनहेल्दी या जंक फूड खाने से बचाता है। ज्वार के आटे से बनने वाले कुछ पॉपुलर डिशेज में- ज्वार की रोटियां, ज्वार-प्याज की पूरियां और थेपला शामिल हैं। ये सभी जायकेदार होने के साथ पूरी तरह से हैल्दी और डायजेशन के लिहाज से भी काफी अच्छे हैं।
रागी वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन अनाज है। इसमें मौजूद ट्राइफोटोफेन नाम का एमिनो एसिड भूख को कम कर वेटलॉस में अच्छे नतीजे देता है। रागी आयरन के साथ ही फाइबर का भी एक बेहतरीन स्रोत है जो डायजेशन में मदद करता है। नींद की कमी से भी वजन बढ़ता है।
विटामिन-सी से भरपूर रागी ग्लूटेन फ्री होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करता है और एक अच्छी नींद लाने में मददगार है। रागी का सेवन रात में भी किया जा सकता है, इससे नींद अच्छी आती है और आराम भी मिलता है। रागी की कुकीज़, इडली और रोटियों के अलावा इसे सेवन करने का एक आसान तरीका है रागी के आटे से दलिया बनाना। यह काफी स्वादिष्ट होता है और बच्चे भी बड़े चाव से इसे खाते हैं।
वजन कम करना कोई ऐसी चीज नहीं है जो रातों-रात होती है। यह एक सिलसिलेवार प्रोसेस है जो लंबे समय तक लगातार कोशिशों और बैलेंस्ड डाइट के बाद ही नतीजों में बदल पाती है। वजन कम करना मुश्किल न होकर काफी आसान हो जाता है अगर आप इस बात को समझ लेते हैं कि आपका शरीर कैसे काम करता है और हर दिन इसे सही तरीके से काम करने के लिए कितनी कैलोरी की जरूरत होती है।
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