इम्युनिटी बढ़ाने की नज़र से इसका सेवन करने वाले इस बात पर अवश्य ध्यान दें कि इसके सेवन से इम्यून सिस्टम ऐक्टिव होता है, जो बाकी बीमारियों या कहें कि संक्रामक बीमारियों से बचाव में तो अच्छा है लेकिन इससे ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए भी ऑटो इम्यून संबंधित बीमारियों से पीडि़त मरीज़ों को इससे खासतौर पर परहेज़ की सलाह दी जाती है।
फायदे होगा इन्हें
अस्थमा, बुखार आदि की स्थिति में अक्सर मरीज़ जकडऩ की शिकायत करते हैं, ऐसे में गिलोय के रस का सेवन कारगर हो सकता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से त्वचा को भी लाभ होता देखा गया है, क्योंकि गिलोय रक्त तो शुद्ध करता है, जिससे त्वचा में भी निखार आता है, इसके अलावा गिलोय में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं, जिससे त्वचा की बेहतर सेहत पर भी काम किया जा सकता है। गठिया जैसी बीमारी में भी इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है, एनीमिया के मरीज़ों में भी इसका सेवन अच्छे परिणाम दे सकता है।गिलोय की जड़ और तना दोनों ही चिकित्सीय लाभ के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इस जड़ी-बूटी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बीमारी से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते हैं। लेकिन किन स्थितियों में इसका सेवन न करें जानें यहां..कोरोना महामारी के दौर में संक्रमण से बचने के साथ ही लोगों को इम्युनिटी मज़बूत करने और स्वास्थ्य के विषयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रति अतिरिक्त रूप से जागरूक देखा गया है, यह बहुत अच्छा संकेत है। लेकिन यह स्थिति और भी बेहतर तब होगी जब यह सही जानकारी और समझदारी के साथ हो। जहां तक बात है गिलोय के सेवन की तो सबसे पहले ध्यान देने वाली बात यह भी जान लेना है कि अच्छी सेहत के उद्देश्य से लिया जाने वाला गिलोय किन स्थितियों या बीमारियों में सही नहीं है :-किन स्थितियों में न करें सेवन…