जो लोग शाकाहारी हैं उन्हें अलसी का नियमित सेवन जरूर करना चाहिए. अलसी के सेवन से रक्त पतला होता है, जो खून के थक्के नहीं जमने देता, जिससे हृदय का रक्तसंचरण सुचारू रूप से चलता रहता है. अलसी के सेवन से हृदय रोगों से तो बचाव होता ही है साथ ही कोलोन कैंसर,ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से भी बचाव होता है.
अलसी खाने का तरीका
अलसी का सेवन अलग-अलग बीमारियों में अलग तरह से किया जाता है, अलसी के सेवन के लिए बेहतर है कि उसे पीसकर प्रयोग में लाया जाए और एक दिन में 30 ग्राम से ज्यादा इसका प्रयोग न किया जाए. अलसी का सेवन आप गर्म पानी के साथ, दही या मट्ठे के साथ,फलों के रस के साथ, रोटी या परांठे में मिलाकर आदि कई तरीकों से कर सकतें हैं.
अलसी के बीज खाने के फायदे
अलसी मधुमेह रोग में भी खासी फायदेमंद है, जो कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हृदयगति को सामान्य बनाये रखती है. अलसी में ओमेगा-थ्री, फाइबर, सेलेनियम, पोटेशियम, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, मैग्नीशियम और जिंक आदि तत्व होते हैं, जो इसे अपने-आप में ही एक ‘सुपरफूड बनातें हैं. अलसी एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स से भी युक्त होती है जो त्वचा पर झुर्रियां नहीं होने देती और त्वचा का कसाव बनाये रखती है. इसका उचित मात्रा में नियमित सेवन त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर बनाता है. अलसी वज़न कम करने में भी सहायक है. आयुर्वेद में अलसी को कई यौन संबंधी रोगों के लिए रामबाण माना गया है.
ये तो हुए अलसी के गुण लेकिन जैसा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही तमाम गुणों के साथ ही अलसी के कुछ नुक़सान भी हैं- तीसी का अधिक सेवन पेट में गैस, बदहज़मी और सीने में जलन जैसे परेशानियां खड़ी कर सकता है. साथ ही अलसी का सेवन खून पतला करता है, इसलिए इसका अधिक सेवन किसी घाव को भरने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जो खतरनाक भी हो सकता है. मधुमेह की दवा के साथ ही अलसी का सेवन भी करना ब्लड-शुगर का स्तर काफ़ी गिरा सकता है. ऐसे ही ब्लड-प्रेशर की दवा के साथ ही अलसी के सेवन से ब्लड-प्रेशर काफी लो भी हो सकता है. अलसी के अधिक सेवन से त्वचा पर एलर्जी भी हो सकती है
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अति हर चीज़ की बुरी होती है फिर चाहे वह चीज कितनी भी अच्छी और फायदेमंद क्यों ना हो? यही आठ अलसी पर भी लागू होती है, कई गुणों से युक्त होने के बावज़ूद अलसी का ज्यादा सेवन काफी हानिकारक भी हो सकता है इसलिए अलसी का सेवन सोचसमझकर और उचित मात्रा में करना ही श्रेयस्कर है
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ठीक करती है बुखार
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।
पाचन शक्ति बढ़ाती है – यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।
कम करती है स्ट्रेस
गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
बढ़ाती है आंखों की रोशनी
गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।
मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।
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गठिया में मिलेगा आराम
गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।
अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन
भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।
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बाहर निकलेगा कान का मैल
कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।
गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।
एक कप गर्म पानी में कॉफी मिला लें और दिन में एक बार एक्सरसाइज करने से पहले पिएं। इससे आपको फायदा मिल सकता है। इसके अलावा आप गर्म पानी में कॉफी मिलाकर एक चम्मच नींबू का रस मिला लें। इसके बाद इसका सेवन करें। हालांकि, कॉफी का टेस्ट अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन मोटापा कम करने के लिए आप पी सकते हैं।
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यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय
आप बगैर किसी दवा के यौनेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे यौन संबंध बेहतर होते हैं।
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