हमेशा जुकाम रहता है तो सावधान, यह है साइनोसाइटिस
मौसम बदलने लगा है। ऐसे में जुकाम, नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, नाक से पानी गिरना आम बात हैं। अगर आप सोच रहें हैं कि यह तो बस मौसम में बदलाव के कारण है तो सावधान। ये साइनोसाइटिस भी हो सकता है। इसके बारे में बता रही हैं मृदुला भारद्वाज
नाक हमारे शरीर की पांच इंद्रियों में से एक है। सांस लेने में रुकावट, नाक की हड्डी का बढ़ना और तिरछा होना, साइनस भरना और एलर्जी होना इसकी आम समस्या है। आजकल प्रदूषण इस कदर बढ़ गया है कि लगभग हर व्यक्ति को इस वजह से एलर्जी का शिकार होना पड़ रहा है। साइनस के संक्रमण का कारण साइनस की झिल्ली में सूजन आना है। साइनस के कारण हवा की जगह में मवाद या बलगम भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है।
साइनस हमारी खोपड़ी में भरी हुई कैविटी होती है, जो हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती है। हमारी सांस इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है। इस थैली में हवा के साथ आने वाली गंदगी यानी धूल और दूसरे प्रकार की गंदगियां रोक ली जाती हैं और बाहर फेंक दी जाती हैं। जब साइनस का रास्ता रुक जाता है यानी बलगम बाहर निकलने का रास्ता रुकता है तो साइनोसाइटिस नाम की बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है। इस कारण आपकी ऊर्जा में कमी आती है, नींद पर बुरा असर पड़ता है। आपकी सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर हो जाती है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है।
साइनोसाइटिस हो सकता है अगर
आवाज में बदलाव है
सिर में दर्द और भारीपन रहता है
नाक और गले में बलगम रहता है
हल्का बुखार रहता है
दांतों में दर्द रहता है
तनाव से परेशान रहते हैं
चेहरे पर सूजन आ जाती है
नाक से पीले रंग का द्रव गिरने की शिकायत रहती है
कारण
बच्चों में ये समस्या एलर्जी और बोतल से दूध या पानी पीने के कारण होती है। घर में अगर कोई धूम्रपान करता है तो भी बच्चों को साइनस की समस्या हो जाती है।
बड़ों में ये समस्या मुख्यत: प्रदूषण, धूम्रपान और इंफेक्शन के कारण होती है।
बचाव
एलर्जी से बचने के लिए ओवर स्टफ्ड फर्नीचर से परहेज करें। अपने तकियों और बिस्तरों की नियमित सफाई करें। गलीचों और पायदानों की सफाई का भी ध्यान रखें। इत्र आदि की गंध से दूर रहें। वायु प्रदूषण से बचें।
अपने घर के वेंटीलेशन सिस्टम को सुधारें। जहां तक हो सके, घर की खिड़कियां खोलकर वेंटिलेशन करें।
जिन लोगों को जुकाम या कोई अन्य वायरल इंफेक्शन हो, उनके संपर्क में जाने से बचें।
अधिक उच्च और निम्न तापमान में न रहें। तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से बचें।
तनाव से दूर रहें। तनाव के कारण सफेद कोशिकाएं जो शरीर की रक्षा करती हैं, कमजोर पड़ जाती हैं।
स्विमिंग न करें। जब कभी भी पूल में स्विमिंग करें, नाक को ढक लें या क्लोरीन का इस्तेमाल करें।
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