आयुर्वेद प्राचीन भारतीय प्राकृतिक और समग्र वैद्यकशास्र चिकित्सा पद्धति है। जब आयुर्वेद का संस्कृत से अनुवाद करे तो उसका अर्थ होता है “जीवन का विज्ञान” (संस्कृत मे मूल शब्द आयुर का अर्थ होता है “दीर्घ आयु” या आयु और वेद का अर्थ होता हैं “विज्ञान”।
मन और शरीर के संतुलन के लिए आयुर्वेदिक तेलों से पूरे शरीर की एक साथ मालिश। रक्त परिसंचरण को बढ़ाता हैं, दोषों का संरेखण करता हैं और विषाक्त पदार्थों का निष्कासन करता हैं। यह एक चिकित्सीय और गहरे आराम का अनुभव है, अभ्यंग से जीवन शक्ति, शक्ति, लचीलापन, और मानसिक/भावनात्मक सम्पूर्णता का बढावा होता है।
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जड़ी – बूटियां अपने सुगन्धित या औषधीय गुणों के लिए भोजन, स्वाद, दवा या सुगंध के लिए इस्तेमाल होती हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में बहुत सारे औषधीय गुण हैं। विस्तार से जड़ी-बूटियों और उनके लाभों के बारे में अधिक जानने हेतु यहाँ क्लिक KARE
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अदरक स्वाद में तीखी होती है। अदरक पाचक, चिड़चिड़ापन दूर करने वाली एक अध्भुत औषधि है। यह पीड़ानाशक और स्वादिष्ट होती है तथा वायू और कफ का नाश करती है। अदरक जमीन के नीचे पाई जानेवाली, ढाई से तीन फीट उचाई की झाडी की,पीले रंग की जड़ होती है। अदरक लंबे समय तक उपयोगी बनी रहे उस के लिये उसे धूप में सुखाया जाता है। कुछ जगह दूध में डूबोकर सूखने के बाद उसका सौन्ठ बनाया जाता है। सौन्ठ अदरक से भी ज्यादा गरम होती है। सौन्ठ से तेल निकाला जाता है। अगर आप अदरक को लम्बे समय तक संभल कर रखना चाहते हैं, तो उसे गीली मिट्टी में भी दबा कर रखा जा सकता है। मसाले और दवा के तौर पर अदरक को दुनियाभर में उपयोग किया जाता है। अदरक दवा के रूप में बहुत ही परिणामकारक सिद्ध हुआ है, इसलिये उसे ‘महाऔषधी’ कहा जाता है।