आजकल हर दूसरे व्यक्ति की यही समस्या है कि उसके बाल बहुत झड़ते हैं। मौसम के बदलने पर बालों का झड़ना एक आम बात है। लेकिन कई बार यह समस्या बारहों महीने ही व्यक्ति को परेशानी करने लगती है। नतीजा, पतले-बेजान बाल। ऐसे में आपके बालों को हेल्दी ग्रोथ के साथ एक नई चमक देने के लिए नारियल का तेल बेहद मददगार साबित हो सकता है। यह तो सब जानते हैं कि नारियल तेल बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। ऐसे में झड़ते बालों की समस्या दूर करने के लिए रसोई में मौजूद इन 3 जादुई चीजों को नारियल तेल में मिलाकर लगाना काफी लाभकारी है।
1-नारियल का तेल और कड़ी पत्ता-आपकी रसोई में मौजूद मुट्ठी भर कड़ी पत्ता आपके बालों के लिए रक्षा कवच का काम कर सकता है। कड़ी पत्ता में बीटा-कैरोटीन और प्रोटीन की प्रचूर मात्रा मौजूद होती है, जो बालों के विकास में मदद करती है। इसमें मौजूद आवश्यक पोषक तत्वों में एंटीऑक्सिडेंट और अमीनो एसिड बालों को पतला होने से रोकने के साथ बालों को जड़ से मजबूत बनाने में मदद करता है। बालों के गिरने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए मुट्ठी भर करी पत्ता लें, उन्हें कुछ दिन धूप में सुखाएं। सूखे हुए पत्तों को लगभग 100 मिलीलीटर नारियल तेल में उबालें। मिश्रण के ठंडा होने पर तेल को छानकर एक बोतल में भर लें। अब इस तेल से अपने सिर की मालिश करें।
2-नारियल तेल और कलौंजी- कलौंजी में विटामिन ए, बी और सी, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन पोटेशियम और आवश्यक फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ बालों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। बालों के झड़ने और टूटने जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए एक बड़ा चम्मच कलौंजी पीसकर उसे नारियल तेल की एक बोतल में मिला दें। अब इस तेल को उपयोग करने से पहले इसे गर्म करें और मिश्रण से अपने सिर की मालिश करें।
3-नारियल तेल और हिबिस्कस फूल- हिबिस्कस के फूल बालों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह फूल न सिर्फ बालों का झड़ना रोकते हैं बल्कि बालों को जल्दी सफेद भी नहीं होने देते। हेयर लॉस की समस्या दूर करने के लिए विटामिन ए और सी से भरपूर मुट्ठी भर हिबिस्कस फूल लें, उन्हें ठंडे पानी से अच्छी तरह से धोकर धूप में सूखा लें। फूलों के सूख जाने पर, नारियल का तेल गर्म करें और हिबिस्कस फूल की पंखुड़ियों को इसमें मिलाएं। धीमी आंच पर मिश्रण को गर्म होने दें। इसके बाद तेल ठंडा होने पर उसे एक शीशी में डालकर हर ऑल्टरनेट डे पर अपने स्कैल्प पर लगाएं और कम से कम एक घंटा बालों में रहने दें। उसके बाद धो लें।
आयुवेर्द मे इसे रोग नाशक जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है।’तुलसी पंचाग (जूस) वैज्ञानिक दृष्टकोण से 9० फीसदी क्षारीय (एल्काइन) होता है। यह प्रतिरोधक क्षमता के लिए श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्ल्यूबीसी) का निमार्ण करते हैं जिसे ही हम इम्यून या प्रतिरोधकता कहते हैं। उन्होने बताया कि जब शरीर अधिक लवणीय हो जाती है तब डब्ल्यूबीसी का निमार्ण होना कम हो हो जाता है जिसे समस्त बीमारियों की जननी कहते हैं।
(डॉ. नुस्खे )
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उन्होने बताया कि इसमें इसेंसियल ऑयल, वोलेटाइल ऑयल पाया जाता है जो एंटीवैक्टीरीअल, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है जो शरीर के समस्त धातुओं के विषैलापन को दूर करता है और शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। तुलसी की चाय का सेवन किया जाए तो इससे कैंसर होने की संभावना काफी कम हो जाती है क्योंकि तुलसी कैंसर को जन्म देने वाली अनियंत्रित कोशिकाओं को बढ़कर विभाजित होने से रोकता है और कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।
तुलसी का प्रयोग आयुवेर्द, यूनानी, होम्योपैथी एवं एलोपैथी दवाओं में होता है। इसकी जड़, तना, पत्तियों समेत सभी भाग उपयोगी हैं। तुलसी में विटामिन व खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी रोगों में लाभप्रद मानी जाती है। वह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कफ, वात दोष, पाचन शक्ति बढ़ाने बुखार, पेटदर्द, बैक्टीरियल संक्रमण खत्म करने में काम आती है। श्वांस लेने में हो रही परेशानी को राहत दिलाने में सहायक होती है।
जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा होता हैण। ऐसे में इम्यूनिटी सिस्टम मजबत रहना आवश्यक है। इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए वैसे तो कई तरीके हैं लेकिन इसे नेचुरल तरीके से बढ़ाया जा सकता है। नेचुरल तरीके से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा सबसे अच्छा ऑप्शन है। तुलसी और काली मिर्च का काढ़े से इम्युनिटी मजबूत होगी और शरीर कोरोना से लड़ने में बेहतर रूप से सक्षम हो पाएगा।
श्वास संबंधित रोग, बुखार, जुकाम को ठीक करती है। किडनियों को स्वस्थ रखती है। इसकी पत्तियों में चमकीला वाष्पशील तेल पाया जाता है जो कीड़ों एवं वैक्टीरिया के खिलाफ काफी कारगर साबित होता है। तुलसी को संजीवनी बूटी की संज्ञा भी दी गयी है। इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होने बताया कि यह स्ट्रेस और डिप्रेसन को भी दूर भागने में सहायक होता है। पारंपरिक तुलसी का उपयोग कंजक्टीवाइटिस (आंख आना) की समस्या से राहत पहुंचाता है। किसी भी प्रकार के श्वसन संबंधी रोग के दौरान इसका उपयोग गुणकारी है।
नैनी क्षेत्र के फूलमंडी में तुलसी विक्रेता रोशन ने बताया कि कोरोना काल में लोगों का विश्वास आयुवेर्द के प्रति बढ़ा है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने वाली औषधियों में तुलसी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। कोरोना से पहले तुलसी की पत्तियों की कीमत 5० रुपये प्रति किलो थी, जो कि अब 1०० किलो से अधिक तक पहुंच गई है। फुटकर बाजार में तो यह और भी महंगी बिक रही है। इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर गिलोय और अश्वगंधा के मूल्यों में भी मांग के कारण उछाल आया है।
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हड्डियां-मांसपेशियां मजबूत होंगी – ग्रीन-टी हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी अहम है। इसमें मौजूद फ्लैवेनॉयड जहां हड्डियों-मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत दूर रखते हैं, वहीं फाइटोएस्ट्रोजन ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचने देते। मांसपेशियों का विकास सुनिश्चित करने में भी उनकी अहम भूमिका है।
यह आपको कब्ज से राहत दिला सकता है – साबुदाना पाचन से संबंधित और कब्ज और गैस जैसी किसी भी समस्या से छुटकारा दिलाता है।”
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साबुदाना कार्बोहाइड्रेट में उच्च है। इसलिए इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई है, जो मधुमेह के रोगी में ब्लड शुगर लेवल को ट्रिगर कर सकता है।