मासिक धर्म में रक्तस्राव लगभग हर महिला के जीवन का एक हिस्सा है। सच्चाई यह है कि यह सुनने में जितना आसान लगता है, असल उतना आसान है नहीं है। हर महीने होने वाली यह ब्लीडिंग आपको कमजोर भी बना सकती है। अगर आपको लगता है कि आपके पीरियड्स बहुत हैवी होते हैं तो शायद आप एनीमिया की शिकार हो सकती हैं।
एनीमिया तब होता है जब रक्त में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कणिकाएं या हीमोग्लोबिन नहीं होता है। आजकल यह अधिकतर महिलाओं की समस्या है। लगातार थकान, पीली त्वचा, प्रकाशहीनता, सांस की तकलीफ और एकाग्रता की कमी जैसे सबसे प्रमुख लक्षण हैं जो आप एक एनेमिक व्यक्ति में देखते हैं।
मदरहुड हॉस्पिटल,नोएडा में कंसल्टेंअ गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. संदीप चड्डा के अनुसार मासिक धर्म की आयु वाली महिलाओं को इस समस्या का खतरा अधिक होता है, क्योंकि वे हर महीने ब्लड लॉस करती हैं और कुछ गंभीर मामलों में तो महीने में दो बार भी ब्लीडिंग हो जाती है।
डॉ चड्डा सुझाव देते हैं, “भारत में एनीमिया के केस बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाएं अपने आहार में आयरन का सेवन कम मात्रा में करती हैं। जबकि मासिक धर्म की आयु में महिलाओं को अनार, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, मीट, समुद्री खाना, दूध, दही आदि, जिनमें आयरन मौजूद हो, जरूर लेना चाहिए।”
एनीमिया कैसे मासिक धर्म से संबंध रखता है
एनीमिया होने के बहुत सारे कारण है, परन्तु जिन महिलाएं को मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (Menorrhagia) होता है उन्हें एनेमिक होने का बहुत रिस्क रहता हैं। ऐसे में रक्त स्राव बहुत अधिक होने पर सैनिटरी पैड को बदलने की जरूरत भी समय-समय पर पड़ती रहती है। रक्त का 80 ml या उससे अधिक फ्लो आम बात नहीं है।
डॉ,चड्डा के अनुसार, मेनोरेजिया हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रॉयड (आपके गर्भाशय पर मांसपेशियों के ऊतकों की असामान्य वृद्धि), और पॉलिप्स (आपके गर्भाशय ग्रीवा पर असामान्य वृद्धि) जैसे मुद्दों के कारण हो सकता है।
डॉ चड्डा ने समझाते हैं, “लाल रक्त कणिकाओं की संख्या का कम होने की स्थिति में एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। किसी को इसके बारे में कैसे पता चलता है? इसके लिए आपको अपने हीमोग्लोबिन स्तर के लिए रक्त का परीक्षण करवाना होगा। कम हीमोग्लोबिन स्तर का अर्थ है कि आपके शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम है, जो निरंतर थकान और प्रकाशहीनता का कारण बनती है।”
महिलाओं में, 12 डेसिलीटर (120 ग्राम प्रति लीटर) से कम मात्रा होने पर हीमोग्लोबिन का अभाव माना जाता हैं।
यह तब होता है जब आप हैवी ब्लीडिंग के कारण एनीमिया के जोखिम में अधिक होती हैं
1. अगर आप हर दो घंटे में अपने पैड को बदलती है तो।
2. रक्त के थक्के का 2.5 cm से अधिक मात्रा में बहाव।
3. अगर अक्सर आपके बिस्तर या कपडों पर ब्लड स्पॉट हो जाते हैं।
4.यदि आपका रक्तस्राव सात दिनों से अधिक समय तक रहता है।
एनीमिया का इलाज न करवाने का अर्थ है बड़ी समस्याओं को न्यौता देना
डॉ चड्डा ने निष्कर्ष निकाला कि ” आप बहुत अच्छी तरह से इस स्थिति को संभाल सकती हैं। इसके लिए आप आयरन की खुराक ले सकती है, हल्के व्यायाम कर सकती है और अपने आहार में आयरन युक्त भोजन शामिल कर सकती है। पोषण तत्वों के बेहतर अवशोषण के लिए कैफ़ीन और शराब पर कटौती करने की आवश्यकता है।”
“आपको याद रखना चाहिए की यदि एनीमिया को छोड़ दिया जाए, तो यह हृदय की समस्याओं, गर्भावस्था की जटिलताओं और क्रोनिक डिसीज जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।”
इसीलिए, यह जरूरी है कि जब भी आपको यह फील को आपकी ब्लीडिंग बहुत हैवी है तो अपने हीमोग्लोबिन के लेवल को चैक करने की जरूरत है।