शिलाजीत के  फायदे, शारीरिक ताकत के साथ-साथ ये भी होता है

सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है। इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है

वर्क एंड लाईफ

आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है। गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है। इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है। यह देखने में तारकोल की तरह काला तथा गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है।

ये भी पढ़ेः इस अचूक वशीकरण मंत्र से होता है लड़के-लड़कियों का वशीकरण, परन्तु किसी का बुरा न करें

ये भी पढ़ेः कामदेव के इस वशीकरण मंत्र से किसी भी लड़की से मनवा सकते हैं अपनी बात

यह देखने में काफी कडवा, कसैला, गर्म तथा वीर्यवर्धक होता है। शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीर का बल देकर उसे स्वस्थ, शक्तिशाली तथा पुष्ट बनाना होता है। शिलाजीत के सूखने पर उसमें गौमूत्र जैसी गंध आती है। इसके सेवन के न केवल सेक्स पॉवर बढ़ती है वरन इसके शरीर पर कई अन्य प्रभाव भी होते हैं जिनकी सहायता से बुढापा भी दूर रहता है।

डॉ नुस्खे shilajit ऑर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें
ये भी पढ़ेः सिर्फ दिमाग ही नहीं, शरीर को भी ताकत देती हैं ये चीजें

ये भी पढ़ेः ये छोटा सा टोटका दूर कर देता है हर टेंशन, खर्चा एक रूपया नहीं होता

शिलाजीत के प्रयोग
शिलाजीत चार प्रकार का होता है: रजत, स्वर्ण, लौह तथा ताम्र शिलाजीत। प्रत्येक प्रकार की शिलाजीत के गुण तथा लाभ भी उनकी प्रकृति के ही अनुसार होते हैं। बूढ़े होते शरीर को वापस जवान बनाने तथा झुर्रीदार त्वचा से बचने के लिए शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शिलाजीत, अश्वगंधा तथा सफेद मूसली को मिलाकर विशेष प्रक्रिया द्वारा दवा तैयार की जाती है। इस दवा के प्रयोग से सभी बीमारियां दूर होकर शरीर पुन: युवा हो जाता है और शरीर में घोड़े की सी ताकत आ जाती है।

ये भी पढ़ेः घर से निकलते समय ध्यान रखें ये बात तो हर काम होगा पूरा, प्राप्त होगी लक्ष्मी

ये भी पढ़ेः दूध के 7 टोटके, जो मिनटों में असर दिखाते हैं

जिन लोगों को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या है, उनके लिए भी शिलाजीत बेहद कारगर है। एक चम्मच शहद तथा एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत मिलाकर सेवन करने से डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो जाता है।

शिलाजीत का प्रयोग शीघ्रपतन की समस्या दूर कर वीर्यवर्द्धन के लिए किया जाता है। इसके लिए बीस ग्राम शिलाजीत तथा बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म तथा छह ग्राम अभ्रक भस्म मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है। इस प्रयोग से यह समस्या पूर्ण रूप से दूर हो जाती है। परन्तु इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।

जिन लोगों को बहुमूत्र या बार-बार मूत्र जाने की समस्या हो उन्हें शिलाजीत, बंग भस्म, छोटी इलायची के दाने तथा वंश लोचन का समान मात्रा में मिलाकर शहद के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में भी ताकत आती है और शरीर मजबूत होता है।

ये भी पढ़ेः अपने नाम के पहले अक्षर से जानिए अपना भाग्य

स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शुद्ध शिलाजीत, लौहभस्म, केसर तथा अम्बर का मिलाकर लेना होता है। इससे व्यक्ति की न केवल शारीरिक क्षमता में सुधार आता है वरन उसका बूढ़ा शरीर भी 20 वर्ष के जवान की तरह इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
मर्दाना शक्ति को बढ़ाए

डॉ नुस्खे Horse power kit ऑर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें

https://waapp.me/wa/nAape6a3

शिलाजीत से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शिलाजीत का सुबह शाम दूध तथा शहद के साथ सेवन करने से शरीर बीमार नहीं पड़ता है। छोटे-मोटे इंफेक्शन ऎसे लोगों से दूर ही रहते हैं।

शारीरिक ताकत के साथ साथ दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। रोजाना एक चम्मच शुद्ध मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने से दिमागी थकावट नहीं होती और व्यक्ति की याददाश्त तथा दिमाग तेज होते हैं।

शिलाजीत का प्रयोग ब्लड़प्रेशर को नॉर्मल करने में भी किया जाता है। शिलाजीत के प्रयोग से रक्त शुद्ध होकर नसों में रक्तसंचार बढ़ता है जिससे पूरे शरीर में कान्ति उभरती है तथा शरीर में ताकत आती है।

शिलाजीत गर्म होता है, जिन्हें पहले से गर्मी बढ़ी हुई हो, उन्हें शिलाजीत से दूर रहकर अन्य औषधियों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही शिलाजीत के सेवन के दौरान मिर्च-मसाले, खटाई, मांस, मछली, अंडे, शराब, रात में देर तक जागना, दिन में सोने जैसे कामों से बचना चाहिए।

// If comments are open or we have at least one comment, load up the comment template.