प्रोबायोटिक्स को ज्यादा से ज्यादा अपने भोजन में शामिल करने से स्तन में लाभकारी बैक्टीरिया के अनुपात में वृद्धि होती है, जिससे स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है. एक शोध में यह पता चला है.
शोध में पाया गया कि लैक्टोबेसिलस और स्टपटोकोकस, जो कि स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया माने जाते हैं, कैंसरग्रस्त स्तनों की तुलना में स्वस्थ स्तनों में ज्यादा पाए जाते हैं. दोनों में एंटी-कारसिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं.
कनाडा के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ग्रेगर रीड ने बताया, “इसलिए हमने इसे लेकर शोध किया क्या महिलाओं को और खासकर उन महिलाओं को जिन्हें स्तन कैंसर का खतरा ज्यादा है, उन्हें अपने आहार में प्रोबायोटिक लैक्टोबेसिलस को शामिल करना चाहिए, ताकि उनके स्तनों में लाभकारी बैक्टीरिया का अनुपात बढ़ सके?” इसके विपरीत स्तन कैंसर से पीड़ित महिला में एसचेरिचिया और स्टाफाइक्लोलोकोकस जिन्हें हानिकारक बैक्टीरिया माना जाता है कि संख्या बढ़ी हुई पाई गई. यह अध्ययन एप्लाइड एंड एनवाइरोनमेंट माइक्रोबॉयलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें महिलाओं को स्तन कैंसर से बचाव के लिए खूब दही खाने की सलाह दी गई है.
रीड कहते हैं कि कैंसर को बढ़ावा देने वाले बैक्टीरिया को निशाना बनानेवाले एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से स्तन कैंसर के प्रबंधन का एक और विकल्प मिलेगा. इस शोध के दौरान शोधदल ने 58 महिलाओं के स्तनों के ऊतकों का अध्ययन किया था जो विभिन्न किस्म के स्तन कैंसर से पीड़ित थीं, साथ ही इनमें 23 स्वस्थ महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने सर्जरी के माध्यम से अपने स्तनों का आकार छोटा या बड़ा कराया था. शोधकर्ताओं ने ऊतकों में बैक्टीरिया की पहचान के लिए उनकी डीएनए श्रृंखला का प्रयोग किया.