खट्टा-मीठा, रसीला और सुंदर चटख रंग वाला संतरा देखकर ही ताजगी आ जाती है। नाश्ते के साथ या स्नैक के रुप में संतरे का काफी उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसा फल है जो दुनियाभर में बहुत ही लोकप्रिय है। यह लोकप्रियता इस सुंदर सिट्रस फ्रूट को ऐसे ही नहीं मिल गई। संतरे की हर चीर कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर होती है।संतरे में विभिन्न पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में होते हैं। इसकी बड़ी खूबी यह है कि इसमें कैलोरीज काफी कम होती है। किसी भी प्रकार का सैच्यूरेटेड फैट या कोलेस्ट्रॉल संतरे में नहीं होता है।संतरे में सबसे अधिक मात्रा होती है विटामिन सी की। यह एक सिट्रस फ्रूट है और इस प्रकार के फ्रूट्स विटामिन सी की अच्छे स्त्रोत होते हैं।
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संतरा नेचरल एंटीऑक्सीडेंट होता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। खून साफ करने के साथ ही यह स्टेमिना बढ़ाने में भी मददगार होता है।
आंखों के लिए लाभकारी विटामिन ए इसमें अच्छी मात्रा में मिलता है। यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का स्त्रोत भी है जो हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है। विटामिन के अलावा संतरे से पोटेशियम और केल्शियम जैसे मिनरल्स भी मिलते हैं।यह हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर रेगुलेट करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
संतरे में एन्टी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती है और यह हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेन्स को बनाए रखने में मदद करता है।
संतरे को सबसे ज़्यादा ज्यूस के रुप में लिए जाता है। एक ग्लास संतरे का रस यदि नियमित रुप से लिया जाए तो यह हेल्थ के ऑल राउंड ऑटोमेटिक प्रोटेक्टर की तरह काम करता है। इसके शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनो ही तरह के फायदे होते हैं। बीमारियों से बचाने के अलावा यह उन्हें दूर करने में भी मददगार होता है।नारंगी (narangi fruit in hindi) सभी को पसंद होती है। यह फल बहुत ही रसदार होती है। नारंगी का रंग सभी फलों से अलग होता है और इसकी स्वाद भी अन्य फलों से बिल्कुल भिन्न होती है। स्वाद में खट्टा-मीठे नारंगी को आप सभी लोग बहुत ही रुचि से खाते होंगे। आमतौर पर लोग केवल यह जानते हैं कि नारंगी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि नारंगी का इस्तेमाल एक औषधि के रूप में भी किया जाता है।
खट्टी नारंगी (narangi fruit in hindi) का सेवन करने से वह देर से पचती है, वहीं कच्ची नारंगी कफ, पित्त एवं आमवर्द्धक व वात को दूर करने वाली होती है। नारंगी (narangi in hindi) का उपयोग खांसी, जुकाम के रोगियों तथा कफ प्रकृति वालों के लिए बेहद फायेदमंद होता है। आयुर्वेद में इसके बहुत से गुणों पर विस्तार से बताया गया है।
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नारंगी का पेड़ (narangi fruit in hindi)हमेशा ही हरा भरा होता है। यह लगभग 3-4 मीटर ऊंचा या मध्यम आकार का होता है। इसमें काफी टहनियां होती हैं और वे कंटीली होती हैं। यह झाड़ीनुमा दिखाई पड़ता है। नारंगी (narangi in hindi) का स्वाद खट्टा-मीठा, तासीर गर्म और स्पर्श चिकना होता है। इस सुगंधित फल का सेवन बल प्रदान करने वाला तथा आमकारक होता है।