हिंदू धर्म में नियमित रूप से पूजा-पाठ करने का विशेष विधान है। भगवान की पूजा करने से मन में सकारात्मक भाव पैदा होते हैं। इसके लिए लोग सुबह-सवेरे अपने घरों में बने पूजास्थल या आस-पास के मंदिर में भगवान के दर्शन और उनकी आराधना करते हैं। घर पर बने पूजा स्थल में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी होती हैं। शास्त्रों में कुछ ऐसे देवतों की मूर्तियां या फोटो को घर पर रखना वर्जित माना गया है। इन्हीं में से एक शनिदेव की मूर्ति को घर पर रखना वर्जित माना गया है।शास्त्र के अनुसार शनिदेव की मूर्ति घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए बल्कि इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर में ही करने का विधान बताया गया है। मान्यता है कि शनिदेव को श्राप मिला हुआ है कि वे जिस भी किसी को देखेंगे, उसका अनिष्ट हो जाएगा। शनिदेव की दृष्टि से बचने के लिए घर पर उनकी मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। अगर आप मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने जाएं तो उनके पैरों की तरफ देखें ना कि उनकी आंखों में आंख डाल कर उनके दर्शन करें। ऐसे में यदि आप घर में शनि देव की पूजा करना चाहते हैं तो उनका मन में स्मरण करें। साथ ही शनिवार को हनुमान जी की भी पूजा करें और शनिदेव को भी याद करें। इससे भी शनि प्रसन्न होते हैं।

शनिदेव के अलावा इनकी मूर्तियां भी ना रखें घरों पर
– राहु-केतु की मूर्ति
– नटराज की मूर्ति
– भैरव की मूर्ति

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