☛ पेट की गैस : गैस से पीड़ित रोगी को कुल्थी का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। यह पेट में बनने वाले गैस को समाप्त करता है।
☛ पथरी : कुल्थी 6 ग्राम को 125 मिलीलीटर पानी में अधिक देर तक उबालें। जब पानी पककर एक कप बच जाए तो उसे छानकर एक चौथाई मूली का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीएं। इससे पथरी गल जाती है।

 

☛ मोटापा : कुल्थी की दाल वज़न कम करने में भी हेल्प करती है। इसके सभी गुणों में यह बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण है। इसका लगातार इस्तेमाल आपको मोटापे से बचा सकता है। साथ यदि आप पहले से ही मोटापे से परेशान हैं तो यह आपकी हेल्प कर सकती है। करने के लिए आपको कुल्थी का रोजाना इस्तेमाल करना होगा। इसे इस्तेमाल करने के लिए आप अपने खाने में इसकी दाल रोजाना शामिल कर सकते हैं। लगभग 100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन खाने से मोटापा घटता है। आप इसे 30 दिनों तक प्रयोग करें जिससे आप देखते ही देखते अपना वज़न कम करने लगेंगे।
☛ हाई ब्लड प्रेशर : कुल्थी भिगोकर पानी को छानकर सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ मिलता है
किडनी के रोग : 250 ग्राम कुल्थी कंकड़ पत्थर निकालकर साफ कर लें और रात में 3 किलों पानी में भिगो दें। फिर सवेरे भीगी हुई कुल्थी सहित उसी पानी को धीमी-धीमी आग पर लगभग चार घंटे पकाएं और जब एक किलो पानी रह जाए तब नीचे उतार लें। फिर इसमें 5 ग्राम देशी घी का छौंका लगाकर सेंधानमक, कालीमिर्च, जीरा, हल्दी डालकर भोजन के बाद सेवन करें।
☛ शारीरिक शक्ति : जिन लोगों में दुर्बलता ज़्यादा है उन्हें रोज यह दाल खानी चाहिए। इसमें मौजूद फ़ॉस्पोरस, कैल्शियम, आयरन और अमीनो एसिड शरीर में दुर्बलता को ख़त्म कर शारीरिक शक्ति को बढ़ाते है।
मक्के या भुट्टे में पर्याप्त मात्रा में फॉलिक एसिड मौजूद होता है। यह फोलिक एसिड शरीर में रक्त निर्माण में सहायक होता है। विशेष रुप से यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफी लाभकारी होता है। यह उनके शरीर में पल रहे बच्चे को भी पर्याप्त पोषण देता है।
गैस्ट्रिक : सुबह एक मिट्टी के बर्तन में 50 ग्राम कुल्थी की दाल को 250 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें और शाम को यह पानी पीएं। इस तरह लगातार 1 से 2 महीने तक कुल्थी की पानी पीने से गैस्ट्रिक दूर होता है।
☛ पाचन शक्ति : पाचन ठीक करने में यह दाल बहुत कारगर है। अगर पेट फूलने की समस्या आपको भी है तो इसका सेवन जरूर करें।
☛ पेट का दर्द : कुल्थी को सब्जी बनाकर खाने से पेट का दर्द ठीक होता है।
☛ सर्दी और जुकाम : सर्दी और जुकाम में इस दाल का सूप पीने से फायदा मिलता है। यह नाक को साफ करता है जिससे सांस लेने में आसानी होती है, साथ ही शरीर का इम्यून सिस्टम भी मजबूत करता है।
☛ अस्थमा : कुल्थी को उबालकर पीने से सांस सम्बंधी रोग समाप्त होते हैं। कुल्थी की सब्जी बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से श्वास (दमा) की बीमारी नष्ट होती है। इस सब्जी का सेवन तीन महीने तक लगातार करना चाहिए।
☛ श्वेत प्र-दर : 100 ग्राम कुल्थी को 1 लीटर पानी में उबालें और फिर पानी थोड़ा बचने पर छानकर पीएं। इसका प्रयोग सुबह-शाम करने से श्वेत प्र-दर में लाभ मिलता है।

ये आयल सम्भोग शक्ति को बढ़ाता है
ये लिंग ki कमजोर नसों को मजबूत करता है
लिंग में तनाव न आना
लिंग को सख्त बनाता है
लिंग को कठोर व मजबूत करता है
एक बार सेक्स करते पड़ जाना या सेक्स करते टाइम लिंग का खड़ा न होना

विधि : रात में २-३ बून्द काम सी मसास करने से हो सकता है आपका लिंग भी सख्त व मजबूत

इन सारी समस्या को दूर करने के लिए आज ही पूरे भारत घर बैठे ऑर्डर करें ये आयुर्वेदिक आयल
https://cutt.ly/oxN6st5

// If comments are open or we have at least one comment, load up the comment template.